सर्बानन्द सोनोवाल

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सर्बानन्द सोनोवाल
सर्बानन्द सोणोवाल
सर्बानन्द सोणोवाल
पूरा नाम सर्बानन्द सोनोवाल
जन्म 31 अक्टूबर, 1962
जन्म भूमि डिब्रुगढ़, असम
अभिभावक जीवेश्वर सोनोवाल और दिनेश्वरी सोनोवाल
नागरिकता भारतीय
प्रसिद्धि राजनीतिज्ञ
पार्टी भारतीय जनता पार्टी
पद पत्तन, पोत परिवहन एवं जलमार्ग मंत्री- 7 जुलाई, 2021 से

आयुष मंत्री- 7 जुलाई, 2021 से
14वें मुख्यमंत्री, असम- 24 मई, 2016 से 10 मई, 2021 तक
खेल और युवा मामलों के मंत्री- 26 मई, 2014 से 23 मई, 2016 तक
कौशल विकास और उद्यमिता राज्य मंत्री- 26 मई, 2014 से 9 नवंबर, 2014 तक

शिक्षा स्नातक
विद्यालय डिब्रूगढ़ विश्वविद्यालय, गुवाहाटी विश्वविद्यालय
पूर्वाधिकारी तरुण गोगोई
उत्तराधिकारी हिमंता बिस्वा सरमा
अन्य जानकारी असम में बांग्लादेश के नागरिकों की अवैध स्थानांतरण, जो हमेशा से ही बड़ी समस्या रहा है। सोनोवाल इस अवैध बांग्लादेशी नागरिकों के मुद्दे को सुप्रीम कोर्ट ले गये और कोर्ट ने इस क़ानून को गलत ठहराया और बांग्लादेशी नागरिकों को असंवैधानिक करार दिया।
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सर्बानन्द सोनोवाल (अंग्रेज़ी: Sarbananda Sonowal, जन्म: 31 अक्टूबर, 1962, डिब्रुगढ़, असम) भारतीय राजनीतिज्ञ हैं जो असम के 14वें मुख्यमंत्री रहे हैं। वर्तमान में वह प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी के मंत्रिमंडल में 'पत्तन, पोत परिवहन एवं जलमार्ग मंत्री' और 'आयुष मंत्री' बनाये गये हैं। सर्बानन्द सोनोवाल ने पहले 2012 से 2014 तक और फिर 2015 से 2016 तक भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) के असम राज्य अध्यक्ष के रूप में कार्य किया था। वह असम विधान सभा में पूर्व विधायक हैं और असम के पूर्व मुख्यमंत्री भी हैं। सर्बानन्द सोनोवाल ने 2014 से 2016 तक भारत सरकार के 'खेल और युवा मामलों के मंत्री' के रूप में भी काम किया है। उन्हें 2016 के असम विधानसभा चुनाव के बाद असम के मुख्यमंत्री के रूप में चुना गया था। 7 जुलाई, 2021 को मोदी मंत्रिमंडल के विस्तार और फेरबदल के बाद उन्हें दूसरे मोदी कैबिनेट में शामिल किया गया है।

परिचय

सर्बानन्द सोनोवाल का जन्म असम के डिब्रूगढ़ में 31 अक्टूबर, 1962 को हुआ था। इनके पिता का नाम जीवेश्वर सोनोवाल और माता का नाम दिनेश्वरी सोनोवाल है। इन्होंने डिब्रूगढ़ विश्वविद्यालय से स्नातक किया और उसके बाद क़ानून की पढ़ाई के लिए गुवाहाटी विश्वविद्यालय गये। यहीं से उन्होंने अपने राजनीतिक जीवन की शुरूआत भी की।[1] ये छात्र जीवन के दौरान ही छात्र राजनीति में भी संलग्न रहे। वर्ष 1996 से 2000 तक ये पूर्वोत्तर छात्र संगठन (एन.ई.एस.ओ) के अध्यक्ष भी रहे। मौजूदा समय में यह असम के लखीमपुर सीट से लोकसभा सांसद हैं। इससे पहले यह असम भाजपा के अध्यक्ष रह चुके हैं। सोनोवाल को असम के युवा नेता के तौर प जाना जाता है। इन्हें असम का जातीय नायक भी कहा जाता है क्योंकि ये असम के कछारी जनजाति के समुदाय से आते है। भाजपा ने असम चुनाव में मुख्यमंत्री पद का उम्मीदवार घोषित किया है।[2]

राजनीतिक सफर

सर्बानन्द सोनोवाल ने अपने राजनीतिक करियर की शुरुआत ऑल असम स्टूडेंट यूनियन से की थी। साल 1992 से लेकर 1999 तक यह इसके प्रेसीडेंट भी रह चुके हैं। सोनोवाल ने साल 2001 में असम गण परिषद को ज्वाइन किया और उसी साल ये MLA बन गए। डिब्रूगढ़ में पूर्व केंद्रीय मंत्री पवन सिंह को हराकर सोनोवाल ने पहली बार साल 2004 में लोकसभा में कदम रखा। असम गढ़ परिषद में हुई कुछ असमानताओं के चलते इन्होंने साल 2011 में भाजपा का दामन थाम लिया। भारतीय भाजपा जनता पार्टी में साल 2012 में इन्हें असम यूनिट का प्रेसीडेंट बनाया गया। लोकसभा में वापसी करने से पहले सोनोवाल साल 2014 तक असम BJP के चीफ भी रह चुके हैं। नरेंद्र मोदी की सरकार में इन्हें राज्य मंत्री बनाया गया था। यह साल 2015 में एक बार फिर असम यूनिट के चीफ के तौर पर चुने गए। सोनोवाल को इस बात का श्रेय दिया जाता है कि उन्होंने उस गैरकानूनी प्रवासी (न्यायाधिकरण द्वारा निर्धारित) अधिनियम को सफलतापूर्वक चुनौती दी, जिसे सुप्रीम कोर्ट ने 2005 में असंवैधानिक बताया था।[3]

योगदान

असम में बांग्लादेश के नागरिकों की अवैध स्थानांतरण, जो हमेशा से ही बड़ी समस्या रहा है। बांग्लादेशी नागरिकों को अवैध रूप से भारत में आने से रोकने के लिए इल्लीगल माइग्रैंड्स डिटर्मिनेशन बाई ट्राइब्युनल एक्ट 1983 अस्तित्व में आया है। यह एक्ट भारत सरकार और ऑल स्टूडेंट यूनियन के बीच हुआ था। इस एक्ट के अनुसार असम में अवैध रूप से रह रहे बांग्लादेशी नागरिकों को असम में रहने की अनुमति दी गयी थी। यह क़ानून उन विदेशी नागरिकों पर लागू होता है जो 25 मार्च 1971 के बाद असम में बसे थे। सोनोवाल अवैध बांग्लादेशी नागरिकों के मुद्दे को सुप्रीम कोर्ट ले गये और कोर्ट ने इस एक्ट को खत्म करने का आदेश दिया। कोर्ट ने इस क़ानून को गलत ठहराया और बांग्लादेशी नागरिकों को असंवैधानिक करार दिया।[2]


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टीका टिप्पणी और संदर्भ

संबंधित लेख

भारतीय राज्यों में पदस्थ मुख्यमंत्री
क्रमांक राज्य मुख्यमंत्री तस्वीर पार्टी पदभार ग्रहण
1. अरुणाचल प्रदेश पेमा खांडू
भाजपा 17 जुलाई, 2016
2. असम हिमंता बिस्वा सरमा
भाजपा 10 मई, 2021
3. आंध्र प्रदेश वाई एस जगनमोहन रेड्डी
वाईएसआर कांग्रेस पार्टी 30 मई, 2019
4. उत्तर प्रदेश योगी आदित्यनाथ
भाजपा 19 मार्च, 2017
5. उत्तराखण्ड पुष्कर सिंह धामी
भाजपा 4 जुलाई, 2021
6. ओडिशा नवीन पटनायक
बीजू जनता दल 5 मार्च, 2000
7. कर्नाटक सिद्धारमैया
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8. केरल पिनाराई विजयन
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9. गुजरात भूपेन्द्र पटेल
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10. गोवा प्रमोद सावंत
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11. छत्तीसगढ़ विष्णु देव साय
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12. जम्मू-कश्मीर रिक्त (राज्यपाल शासन) लागू नहीं 20 जून, 2018
13. झारखण्ड हेमन्त सोरेन
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14. तमिल नाडु एम. के. स्टालिन
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15. त्रिपुरा माणिक साहा
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16. तेलंगाना अनुमुला रेवंत रेड्डी
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20. पश्चिम बंगाल ममता बनर्जी
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21. पुदुचेरी एन. रंगास्वामी
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22. बिहार नितीश कुमार
जदयू 27 जुलाई, 2017
23. मणिपुर एन. बीरेन सिंह
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24. मध्य प्रदेश मोहन यादव
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