रावुरी भारद्वाज
भारत डिस्कवरी प्रस्तुति
रावुरी भारद्वाज
| |
पूरा नाम | रावुरी भारद्वाज |
जन्म | 1927 |
जन्म भूमि | मोगुलूरू गांव, तत्कालीन हैदराबाद राज्य |
मृत्यु | 18 अक्टूबर, 2013 |
मृत्यु स्थान | हैदराबाद]], आंध्र प्रदेश |
पति/पत्नी | कांथम |
संतान | पुत्र- चार, पुत्री- एक |
कर्म भूमि | भारत |
कर्म-क्षेत्र | तेलुगु साहित्य |
पुरस्कार-उपाधि | ज्ञानपीठ पुरस्कार, 2012 |
प्रसिद्धि | तेलुगु साहित्यकार |
नागरिकता | भारतीय |
अन्य जानकारी | रावुरी भारद्वाज ने द्वितीय विश्व युद्ध में तकनीशियन, कारखाने और प्रिंटिंग प्रेस के अलावा साप्ताहिक पत्रिका 'जामीन रायतु' एवं 'दीनबंधु' के संपादकीय विभाग में कार्य किया। |
इन्हें भी देखें | कवि सूची, साहित्यकार सूची |
रावुरी भारद्वाज (अंग्रेज़ी: Ravuri Bharadhwaja, जन्म- 1927; मृत्यु- 18 अक्टूबर, 2013) तेलुगू उपन्यासकार, लघु-कथा लेखक, कवि एवं समीक्षक थे। वह ज्ञानपीठ पुरस्कार से सम्मानित हो चुके थे। रावुरी भारद्वाज वर्ष 2012 में 48वें ज्ञानपीठ पुरस्कार के लिये चयनित हुए थे।
- रावुरी भारद्वाज के 40 लघुकथा संग्रह, 20 उपन्यास, तीन निबंध संग्रह और 8 नाटक एवं पाँच रेडियो रूपान्तरण प्रकाशित हुए।
- उन्होंने बच्चों के लिए 6 लघु उपन्यास 'कादंबरी', 'पकुदुराल्लू', 'जीवन समारम', 'इनुपू तेरा वेनुका', 'कौमुदी' और '5 लघुकथा संग्रह', लिखे।
- उनके अधिकांश रचनाकर्म का प्रमुख भारतीय भाषाओं और अंग्रेजी में अनुवाद किया गया है।[1]
- डॉ. रावुरी भारद्वाज का जन्म तत्कालीन हैदराबाद स्टेट के मोगुलूरू गांव में हुआ था, जहां से वे आंध्र प्रदेश के गुंटूर जिले में ताडीकोंडा गांव चले गए।
- आठवीं तक औपचारिक शिक्षा प्राप्त करने वाले डॉ. रावुरी भारद्वाज को तीन विश्वविद्यालयों ने डॉक्टरेट की मानद उपाधि प्रदान की।
- रावुरी भारद्वाज ने 18 अक्टूबर, 2013 को हैदराबाद के बंजारा हिल्स अस्पताल की देखरेख में अन्तिम साँसे ली।
- उनको साहित्य अकादमी पुरस्कार और सोवियत लैंड नेहरू पुरस्कार सहित कई पुरस्कारों से सम्मानित किया गया था।
- उन्होंने द्वितीय विश्व युद्ध में तकनीशियन, कारखाने और प्रिंटिंग प्रेस के अलावा साप्ताहिक पत्रिका 'जामीन रायतु' एवं 'दीनबंधु' के संपादकीय विभाग में कार्य किया।
- सामान्य परिस्थितियों में जन्म लेकर, अभाव और दारिद्रय जैसे प्रतिकूल वातावरण में पलकर, अनेकानेक बाधाओं-कठिनाइयों का सामना कर, अनन्यतम स्तर तक पहुँचने वाले इने-गिने साहित्य-सर्जकों में कलाप्रपूर्ण डॉ. रावूरी भरद्वाज अग्रगण्य हैं।
- कई विश्वविद्यालयों और साहित्यिक-सांस्कृतिक संस्थाओं ने उन्हें मानद उपाधियों से सम्मानित कर अपने आपको गौरवान्वित किया है।
|
|
|
|
|
टीका टिप्पणी और संदर्भ
- ↑ रावुरी भारद्वाज (हिंदी) hindikahani.hindi-kavita.com। अभिगमन तिथि: 24 सितंबर, 2021।
संबंधित लेख