अवसर:

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अवसरः (पुल्लिंग) [अव+सृ+अच्]

1. मौका, सुयोग, समय-नास्यावसरं दास्यामि-श. 2, भवङ्गिराम- वसरप्रदानाय वचांसि नः-शि. 2/7, विसर्जन सत्कारः-श. 7. 'प्राप्तम्-मौके के मुताबिक-मालवि. 1
2 (अतः) उपयुक्त सुयोग-शशंस सेवावसरं सुरेभ्यः कु. 7/40, अवसरोऽयमात्मानं प्रकाशयितुम्-श. 1, 'अनवसर' भी
3. स्थान, जगह, क्षेत्र
4. अवकाश, लाभप्रद अवस्था
5. वत्सर
6. वर्षण
7. उतार
8. गुप्त परामर्श-प्राप्त (विशेषण) नौकरी की अवधि या सेवाकाल समाप्त हो जाने पर कार्य से पृथक होने वाला।-वाद (पुल्लिंग) प्रत्येक सुअवसर से लाभ उठाने की प्रवृत्ति या नीति।-वादिन (विशेषण) जो किसी स्थिर नीति पर दृढ़ न रहकर प्रत्येक उपयुक अवसर से पूरा-पूरा लाभ उठाने का प्रयत्न करे।[1]


इन्हें भी देखें: संस्कृत-हिन्दी शब्दकोश (संकेताक्षर सूची), संस्कृत-हिन्दी शब्दकोश (संकेत सूची) एवं संस्कृत-हिन्दी शब्दकोश


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टीका टिप्पणी और संदर्भ

  1. संस्कृत-हिन्दी शब्दकोश |लेखक: वामन शिवराम आप्टे |प्रकाशक: कमल प्रकाशन, नई दिल्ली-110002 |पृष्ठ संख्या: 123 |

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