यूआईडी
यूआईडी सोलह अंकों वाला नागरिकता पहचान पत्र हैं। यूआईडी का पूरा नाम यूनिक आइडेंटिफिकेशन ऑथरिटी ऑफ इंडिया (यूआईडीएआई) हैं। यूआईडी नंबर से आम आदमी को घर बैठे आवागमन, तरजीह, पारदर्शिता और जवाबदेही उपलब्ध होने में मदद मिलेगी। यूआईडी के माध्यम से किसी भी व्यक्ति की जन्म तिथि, स्थान, स्थायी पता, उम्र, पेशा, आय आदि की विस्तृत जानकारी मिलेगी।
योजना
वर्ष 2011 तक आम जनता को नागरिकता पहचान पत्र के लिए ड्राइविंग लाइसेंस, पैन कार्ड या फिर वोटर आईडी जैसे तमाम कार्डो के झंझट से मुक्ति मिल जाएगी। देश में अभी तक कोई एक सर्वमान्य नागरिकता पहचान पत्र नहीं है। इस कमी को पूरा करने के लिए केंद्र सरकार ने देश के हर नागरिक को एक ‘स्मार्ट कार्ड’ यानी यूनिक आईडेंटिफिकेशन नंबर जारी करने की योजना बनाई है। इस महत्वाकांक्षी योजना पर काम शुरू हो चुका है और इंफोसिस के पूर्व चेयरमैन नंदन नीलेकणी को इसकी जिम्मेदारी सौंपी गई है।
प्रयोग
यूआईडी के तहत सरकार द्वारा देश के समस्त नागरिकों को एक यूनिक नंबर दिया जाएगा। इसके जरिए देश की आंतरिक सुरक्षा से जुड़ी चिंताओं के समाधान के अलावा वस्तुओं और सेवाओं के सार्वजनिक बंटवारे के लिए एक व्यवस्थित तंत्र भी विकसित किया जा सकेगा। शुरुआत में यूनिक आईडेंटिफिकेशन संख्या मतदाता पहचान पत्र या राष्ट्रीय जनसंख्या रजिस्ट्रार के आधार पर आवंटित की जाएगी। यूआईडी में देश के नागरिकों की सही पहचान पर किसी भी तरह की जालसाजी की संभावना खत्म करने के लिए इसमें फोटो और बायोमैट्रिक आंकड़े जोड़े जाएंगे। लोगों के फायदे के लिए इसके आसान पंजीकरण और जानकारी के अद्यतन की प्रक्रिया को भी आसान बनाया जाएगा। यूआईडी के निर्वाचन आयोग के वोटर आईडी तथा आयकर विभाग से प्राप्त होने वाले पैन कार्ड की भरपाई भी कर सकेगा।[1]
नया नाम
सूचना प्रौद्योगिकी क्षेत्र के सह संस्थापक नंदन नीलेकणी ने देश में रहने वाले प्रत्येक व्यक्ति के लिए सोलह अंकों की विशेष पहचान यूआईडी देने की सरकार की महत्वाकांक्षी परियोजना का सोमवार को नया नाम 'आधार' दिया है। साथ ही इसका नया चिन्ह भी पेश किया गया। निलेकणि ने कहा कि कुछ लोग इसे डीयूआई कहते थे जबकि कुछ आईयूडी नाम लेते थे। विभिन्न तरह से नाम लिये जाने से थोड़ी कठिनाई होती थी। उन्होंने कहा कि यूआईडी का नाम ऐसा होना चाहिए जिससे उसे सही तरीके से लोगों को समक्ष प्रस्तुत कर दिया जाए और जिस मकसद से इसका गठन किया गया है, उस भावना को लोगों तक पहुँचाया जाए। यूआईडी के नये चिन्ह में सूर्य और मध्य में अंगुलियों के निशान है। यूआईडीएआई के महानिदेशक आर एस शर्मा के अनुसार अगले वर्ष फरवरी में पहला 16 अंकों का विशेष पहचान पत्र जारी किया जाएगा।[2]
शुरुआत
आदिवासी गांव थेंभली के दस आदिवासियों को विशिष्ट पहचान संख्या यूआईडी प्रदान कर आधार की शुरुआत हुई। यूनीक पहचान नंबर परियोजना पर 3023.1 करोड़ रुपये का खर्च आएगा, जिसमें मार्च 2011 तक जारी होने वाले यूआईडी नंबर की परियोजना से जुडे़ खर्च शामिल होंगे। प्रधानमंत्री मनमोहन सिंह ने कहा कि विशिष्ट पहचान कार्ड का वितरण आम आदमी के कल्याण के लिए एक बड़े प्रयास की शुरुआत है। उन्होंने कहा कि गरीबों के पास कोई परिचय पत्र नहीं होता। इस कमी के चलते वे बैंक खाता नहीं खोल सकते या राशन कार्ड हासिल नहीं कर सकते। वे सरकार की कल्याणकारी योजनाओं का लाभ नहीं उठा सकते और कई बार इन लाभों को दूसरे हड़प जाते हैं। आर्थिक और सामाजिक रूप से पिछड़े लोगों को यूआईडी से बहुत लाभ होगा।[3]
उद्देश्य
कैबिनेट की बैठक के बाद जारी सरकारी बयान में कहा गया कि यूआईडी परियोजना का उद्देश्य उन लोगों को पहचान पत्र जारी कर समग्र विकास की प्रक्रिया से जोड़ना है, जिनके पास फिलहाल कोई पहचान नहीं है।[4] सरकारी बयान के मुताबिक भारतीय विशिष्ट पहचान पत्र प्राधिकार (यूआईडीएआई) द्वारा संचालित स्कीम के दूसरे चरण में मार्च 2011 तक दस करोड़ यूआईडी नंबर जारी किए जाएंगे। जिससे देश के सभी नागरिकों को विशिष्ट पहचान पत्र (यूआईडी) जारी किया जा सकेगा।[5]
मुख्यालय
यूआईडीएआई ने नई दिल्ली में अपना मुख्यालय बनाया गया। आठ क्षेत्रीय कार्यालयों में से छह की स्थापना की गई। यूआईडीएआई प्रौद्योगिकी केन्द्र स्थापित किया गया और बेंगलूरु में परीक्षण डाटा केन्द्र भी बनाया गया। विभिन्न जानकारियों के लिए मानदंड तय किए गए और पुष्टि की प्रक्रिया भी निर्धारित की गयी।
उपयोगी
- यूआईडी परियोजना में गोपनीयता सुरक्षित रहेगी तथा इससे निजी जानाकारियाँ सार्वजनिक नहीं हो सकेंगी।
- सरकार द्वारा प्रस्तावित सोलह अंकों की विशेष पहचान संख्या (यूआईडी) योजना के बगैर काम नहीं चलेगा। बैंक में खाता खोलने, पासपोर्ट लेने या ड्राइविंग लाइसेंस लेने सहित तमाम कार्यों के लिये यूआईडी जरूरी हो सकता है।
- यूआईडी के कारण फर्जी बैंक एकाउंट खोलने पर रोक लगेगी और गलत तरीके से पैसा कमाने (काला धन) पर भी अंकुश लगेगा। इससे कर वसूली बढ़ेगी।
- अगले पाँच साल में 1.2 अरब की आबादी में से 60 करोड़ लोग यूआईडी के दायरे में होंगे।[6]
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टीका टिप्पणी और संदर्भ
- ↑ यूआईडी (हिन्दी) (एच टी एम एल) हिन्दुस्तान। अभिगमन तिथि: 30 सितम्बर, 2010।
- ↑ यूआईडी को मिला नया नाम, लोगो (हिन्दी) (एच टी एम एल) हिन्दुस्तान। अभिगमन तिथि: 30 सितम्बर, 2010।
- ↑ दस आदिवासियों को यूनिक आईडी के साथ आधार की शुरुआत (हिन्दी) (एच टी एम एल) हिन्दुस्तान। अभिगमन तिथि: 30 सितम्बर, 2010।
- ↑ यूआईडीएआई विधेयक को कैबिनेट की मंजूरी (हिन्दी) (एच टी एम एल) हिन्दुस्तान। अभिगमन तिथि: 30 सितम्बर, 2010।
- ↑ दस करोड़ लोगों को मिलेगा यूआईडी, 3023 करोड़ रुपए मंजूर (हिन्दी) (एच टी एम एल) हिन्दुस्तान। अभिगमन तिथि: 30 सितम्बर, 2010।
- ↑ यूआईडी के बगैर नहीं चलेगा काम (हिन्दी) (एच टी एम एल) हिन्दुस्तान। अभिगमन तिथि: 30 सितम्बर, 2010।