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||हेमचंद्र ([[हेमू]]) [[शेरशाह]] का योग्य [[दीवान]], कोषाध्यक्ष और सेनानायक था। शेरशाह की सफलता में उसकी प्रबंध कुशलता और वीरता का हाथ रहा था। आर्थिक सूझ−बूझ में उसके समान कोई दूसरा व्यक्ति नहीं था। शेरशाह के बाद उसका पुत्र इस्लामशाह अपने शासन का भार हेमचंद्र पर डाल निश्चिंत हो गया था। इस्लामशाह के बाद आदिलशाह बादशाह हुआ तब राज्य के [[पठान]] सरदारों में आपसी संघर्ष होने लगा था। हेमचंद्र आदिलशाह का वज़ीर और प्रधान सेनापति था। वह [[बिहार]] में अव्यवस्था दूर करने में लगा हुआ था, तभी [[हुमायूँ]] ने [[दिल्ली]] पर अधिकार कर लिया; किंतु 7 महीने बाद ही हुमायूँ मृत्यु हो गई थी।{{point}}अधिक जानकारी के लिए देखें:-[[हेमू]]
 
||हेमचंद्र ([[हेमू]]) [[शेरशाह]] का योग्य [[दीवान]], कोषाध्यक्ष और सेनानायक था। शेरशाह की सफलता में उसकी प्रबंध कुशलता और वीरता का हाथ रहा था। आर्थिक सूझ−बूझ में उसके समान कोई दूसरा व्यक्ति नहीं था। शेरशाह के बाद उसका पुत्र इस्लामशाह अपने शासन का भार हेमचंद्र पर डाल निश्चिंत हो गया था। इस्लामशाह के बाद आदिलशाह बादशाह हुआ तब राज्य के [[पठान]] सरदारों में आपसी संघर्ष होने लगा था। हेमचंद्र आदिलशाह का वज़ीर और प्रधान सेनापति था। वह [[बिहार]] में अव्यवस्था दूर करने में लगा हुआ था, तभी [[हुमायूँ]] ने [[दिल्ली]] पर अधिकार कर लिया; किंतु 7 महीने बाद ही हुमायूँ मृत्यु हो गई थी।{{point}}अधिक जानकारी के लिए देखें:-[[हेमू]]
  
{मुग़लकालीन शासन व्यवस्था में मनसबदारी प्रणाली को किसने प्रारम्भ किया था?
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{[[मुग़लकालीन शासन व्यवस्था]] में [[मनसबदारी]] प्रणाली को किसने प्रारम्भ किया था?
 
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-शाहजहाँ
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-[[शाहजहाँ]] ने
-जहाँगीर
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-[[जहाँगीर]] ने
+अकबर
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+[[अकबर]] ने
-बाबर
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-[[बाबर]] ने
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||मुग़लों की [[मनसबदार|मनसबदारी]] व्यवस्था के कारण मनसबदार का पद और भी महत्त्वपूर्ण हो गया था। मीर बख़्शी द्वारा ‘सरखत’ नाम के पत्र पर हस्ताक्षर के बाद ही सेना को हर महीने का वेतन मिला पाता था। मीर बख़्शी के दो अन्य सहायक ‘बख़्शी-ए-हुजूर' व बख़्शी-ए-शहगिर्द थे। मनसबदारों की नियुक्ति, सैनिकों की नियुक्ति, उनके वेतन, प्रशिक्षण एवं अनुशासन की ज़िम्मेदारी व घोड़ों को दागने एवं मनसबदारों के नियंत्रण में रहने वाले सैनिकों की संख्या का निरीक्षण आदि ज़िम्मेदारी का निर्वाह मीर बख़्शी को करना होता था। प्रान्तों में नियुक्त ‘वकियानवीस’ मीर बख़्शी को सीधे संन्देश देता था।{{point}}अधिक जानकारी के लिए देखें:-[[अकबर]]
  
{सती प्रथा की आलोचना करने वाला मुग़ल बादशाह कौन था?
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{[[सती प्रथा]] की आलोचना करने वाला [[मुग़ल]] बादशाह कौन था?
 
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+अकबर
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-औरंगज़ेब
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-[[औरंगज़ेब]]
-दारा शिकोह
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-[[दारा शिकोह]]
-हुमायूँ
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-[[हुमायूँ]]
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||मार्च, 1564 ई. में अकबर ने ‘[[जज़िया कर]]’, जो ग़ैर-मुस्लिम जन से व्यक्ति कर के रूप में वसूला जाता था, को बन्द करवा दिया। 1571 ई. में अकबर ने [[फ़तेहपुर सीकरी]] को अपनी राजधानी बनाया। 1583 ई. में अकबर ने एक नया कैलेण्डर इलाही संवत् जारी किया। अकबर ने [[सती प्रथा]] पर रोक लगाने का हर सम्भव प्रयास किया था और अपने इस कार्य में वह काफ़ी हद तक सफल भी रहा था। उसने विधवा विवाह को प्रोत्साहित किया। लड़कों के विवाह की न्यूनतम आयु 16 वर्ष तथा लड़कियों के विवाह की न्यूनतम आयु 14 वर्ष निर्धारित की गई।{{point}}अधिक जानकारी के लिए देखें:-[[अकबर]]
  
 
{‘हुमायूँनामा’ की रचना किसने की थी?
 
{‘हुमायूँनामा’ की रचना किसने की थी?
 
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-मुमताज महल
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-[[मुमताज महल]]
 
-जहाँआरा बेगम
 
-जहाँआरा बेगम
 
-रोशनआरा बेगम
 
-रोशनआरा बेगम
 
+गुलबदन बेगम
 
+गुलबदन बेगम
  
{मुग़ल बादशाह बाबर मूल रूप से कहाँ का शासक था?
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{[[मुग़ल]] बादशाह [[बाबर]] मूल रूप से कहाँ का शासक था?
 
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+फरगना
 
+फरगना
-कंधार
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-[[कंधार]]
-तक्षशिला
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-[[तक्षशिला]]
-अफ़ग़ानिस्तान
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-[[अफ़ग़ानिस्तान]]
  
{किस शासक ने मुग़ल साम्राज्य की राजधानी को आगरा से दिल्ली स्थानान्तरित किया था?
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{किस शासक ने मुग़ल साम्राज्य की राजधानी को [[आगरा]] से [[दिल्ली]] स्थानान्तरित किया था?
 
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-शिवाजी
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-[[शिवाजी]]
-औरंगज़ेब
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-[[औरंगज़ेब]]
+शाहजहाँ
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+[[शाहजहाँ]]
-जहाँगीर
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-[[जहाँगीर]]
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||[[चित्र:Tajmahal-03.jpg|ताजमहल|120px|right]]शाहजहाँ ने सन 1648 में आगरा की बजाय [[दिल्ली]] को राजधानी बनाया; किंतु उसने आगरा की कभी उपेक्षा नहीं की। उसके प्रसिद्ध निर्माण कार्य [[आगरा]] में भी थे। शाहजहाँ का दरबार सरदार सामंतों, प्रतिष्ठित व्यक्तियों तथा देश−विदेश के राजदूतों से भरा रहता था। उसमें सबके बैठने के स्थान निश्चित थे। जिन व्यक्तियों को दरबार में बैठने का सौभाग्य प्राप्त था, वे अपने को धन्य मानते थे और लोगों की दृष्टि में उन्हें गौरवान्वित समझा जाता था। जिन विदेशी सज्ज्नों को दरबार में जाने का सुयोग प्राप्त हुआ था।{{point}}अधिक जानकारी के लिए देखें:-[[शाहजहाँ]]
  
 
{निम्न में से किसे ‘राजा बीरबल’ की उपाधि से सम्मानित किया गया था?
 
{निम्न में से किसे ‘राजा बीरबल’ की उपाधि से सम्मानित किया गया था?
 
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+महेशदास
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+[[बीरबल|महेशदास]]
 
-राजा भगवानदास
 
-राजा भगवानदास
-राजा टोडरमल
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-[[राजा टोडरमल]]
-राजा मानसिंह
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-[[राजा मानसिंह]]
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||[[चित्र:Birbal.jpg|बीरबल|120px|right]][[अकबर के नवरत्न|अकबर के नवरत्नों]] में सबसे अधिक लोक-प्रसिद्ध बीरबल, [[कानपुर]] के कान्यकुब्ज [[ब्राह्मण]] गंगादास के पुत्र थे। बीरबल का असली नाम महेशदास था। कुछ इतिहासकारों ने बीरबल को [[राजपूत]] सरदार बताया है। बीरबल अकबर के स्नेहपात्र थे। [[अकबर]] ने बीरबल को 'राजा' और 'कविराय' की उपाधि से सम्मानित किया था। पर उनका साहित्यिक जीवन अकबर के दरबार में मनोरंजन करने तक ही सीमित रहा।{{point}}अधिक जानकारी के लिए देखें:-[[बीरबल]]
  
{शेरशाह सूरी का मक़बरा कहाँ पर स्थित है?
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{[[शेरशाह सूरी]] का मक़बरा कहाँ पर स्थित है?
 
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-दिल्ली
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-[[दिल्ली]]
-आगरा
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-[[आगरा]]
+सासाराम
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+[[सासाराम]]
-लाहौर
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-[[लाहौर]]
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||[[चित्र:Shershah Tomb2.jpg|right|120px|शेरशाह सूरी का मक़बरा, सासाराम, बिहार]]शेरशाह का मक़बरा [[तुग़लक़ वंश|तुग़लक़]] बादशाहों की इमारतों की सादगी और [[शाहजहाँ]] की इमारतों की स्त्रियोचित सुन्दरता के बीच की कड़ी है। यह भवन अपनी परिकल्पना में [[इस्लाम धर्म|इस्लामी]] पर इसका भीतरी भाग [[हिन्दू]] वास्तुकला से सजाया-सँवारा गया है। इसे उत्तर [[भारत]] की श्रेष्ठ इमारतों में से एक कहा गया है।  इस पर हिन्दू और इस्लामी कला का स्पष्ट प्रभाव देखा जा सकता है। वस्तुतः [[अकबर]] के राज्यकाल के पूर्व हिन्दू-मुस्लिम स्थापत्य के समंवय का सबसे सुन्दर नमूना शेरशाह का मक़बरा है।{{point}}अधिक जानकारी के लिए देखें:-[[सासाराम]]
  
{अकबर का राज्याभिषेक कहाँ हुआ था?
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{[[अकबर]] का राज्याभिषेक कहाँ हुआ था?
 
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+कालानौर में
 
+कालानौर में
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-फ़तेहपुर सीकरी में
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{किस बादशाह ने [[चौसा]] की लड़ाई में [[हुमायूँ]] को पराजित किया था?
 
{किस बादशाह ने [[चौसा]] की लड़ाई में [[हुमायूँ]] को पराजित किया था?
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-[[शिवाजी]]
 
-[[शिवाजी]]
 
-[[टीपू सुल्तान]]
 
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||[[चित्र:Shershah Tomb2.jpg|right|120px|शेरशाह सूरी का मक़बरा, सासाराम बिहार]][[26 जून]], 1539 ई. को [[हुमायूँ]] एवं शेर ख़ाँ (शेरशाह सूरी) की सेनाओं के मध्य [[गंगा नदी]] के उत्तरी तट पर स्थित 'चौसा' नामक स्थान पर संघर्ष हुआ। यह युद्ध हुमायूँ अपनी कुछ ग़लतियों के कारण हार गया। संघर्ष में [[मुग़ल]] सेना की काफ़ी तबाही हुई। हुमायूँ ने युद्ध क्षेत्र से भागकर एक भिश्ती का सहारा लेकर किसी तरह गंगा नदी पार कर अपने जान बचाई। जिस भिश्ती ने चौसा के युद्ध में उसकी जान बचाई थी, उसे हुमायूँ ने एक दिन के लिए [[दिल्ली]] का बादशाह बना दिया था। चौसा के युद्ध में सफल होने के बाद शेर ख़ाँ ने अपने को 'शेरशाह' (राज्याभिषेक के समय) की उपाधि से सुसज्जित किया, साथ ही अपने नाम के खुतबे खुदवाये तथा सिक्के ढलवाने का आदेश दिया।{point}}अधिक जानकारी के लिए देखें:-[[शेरशाह सूरी]]
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||[[चित्र:Shershah Tomb2.jpg|right|120px|शेरशाह सूरी का मक़बरा, सासाराम बिहार]][[26 जून]], 1539 ई. को [[हुमायूँ]] एवं शेर ख़ाँ (शेरशाह सूरी) की सेनाओं के मध्य [[गंगा नदी]] के उत्तरी तट पर स्थित 'चौसा' नामक स्थान पर संघर्ष हुआ। यह युद्ध हुमायूँ अपनी कुछ ग़लतियों के कारण हार गया। संघर्ष में [[मुग़ल]] सेना की काफ़ी तबाही हुई। हुमायूँ ने युद्ध क्षेत्र से भागकर एक भिश्ती का सहारा लेकर किसी तरह गंगा नदी पार कर अपने जान बचाई। जिस भिश्ती ने चौसा के युद्ध में उसकी जान बचाई थी, उसे हुमायूँ ने एक दिन के लिए [[दिल्ली]] का बादशाह बना दिया था। चौसा के युद्ध में सफल होने के बाद शेर ख़ाँ ने अपने को 'शेरशाह' (राज्याभिषेक के समय) की उपाधि से सुसज्जित किया, साथ ही अपने नाम के खुतबे खुदवाये तथा सिक्के ढलवाने का आदेश दिया।{{point}}अधिक जानकारी के लिए देखें:-[[शेरशाह सूरी]]
  
 
{[[भारत]] में [[बीबी का मक़बरा]] कहाँ पर स्थित है?
 
{[[भारत]] में [[बीबी का मक़बरा]] कहाँ पर स्थित है?
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-[[बीजापुर]] में
 
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-[[दिल्ली]] में
 
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||[[चित्र:Bibi-Ka-Maqbara-Aurangabad.jpg|right|120px|बीबी का मक़बरा, औरंगाबाद]]औरंगाबाद नगर की स्थापना 1610 ई. में [[मलिक अम्बर]] ने की थी। 1626 ई. में मलिक अम्बर के पुत्र फ़तेह ने इस नगर का नाम अपने नाम पर 'फ़तेहनगर' रख दिया। कालांतर में [[मुग़ल]] शहंशाह [[औरंगज़ेब]] ने इसके समीप ही [[ताजमहल]] जैसा [[बीबी का मक़बरा]] बनवाया और नगर का नाम 'खाड़की' से बदलकर औरंगाबाद कर दिया। [[हैदराबाद]] के राजधानी बन जाने की वजय से, पहले स्वतन्त्र निज़ाम का मुख्यालय रह चुके इस शाहीनगर का विकास नहीं हो सका। [[1947]] में हैदराबाद के अधिमिलन के बाद यह भारतीय गणराज्य का अंग बन गया।{point}}अधिक जानकारी के लिए देखें:-[[औरंगाबाद]]
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||[[चित्र:Bibi-Ka-Maqbara-Aurangabad.jpg|right|120px|बीबी का मक़बरा, औरंगाबाद]]औरंगाबाद नगर की स्थापना 1610 ई. में [[मलिक अम्बर]] ने की थी। 1626 ई. में मलिक अम्बर के पुत्र फ़तेह ने इस नगर का नाम अपने नाम पर 'फ़तेहनगर' रख दिया। कालांतर में [[मुग़ल]] शहंशाह [[औरंगज़ेब]] ने इसके समीप ही [[ताजमहल]] जैसा [[बीबी का मक़बरा]] बनवाया और नगर का नाम 'खाड़की' से बदलकर औरंगाबाद कर दिया। [[हैदराबाद]] के राजधानी बन जाने की वजय से, पहले स्वतन्त्र निज़ाम का मुख्यालय रह चुके इस शाहीनगर का विकास नहीं हो सका। [[1947]] में हैदराबाद के अधिमिलन के बाद यह भारतीय गणराज्य का अंग बन गया।{{point}}अधिक जानकारी के लिए देखें:-[[औरंगाबाद]]
  
 
{[[शेरशाह सूरी]] के बचपन का नाम क्या था?
 
{[[शेरशाह सूरी]] के बचपन का नाम क्या था?

09:49, 17 मई 2011 का अवतरण

इतिहास सामान्य ज्ञान

1 1526 ई. में बाबर ने किस वंश के शासक को परास्त करके भारत में मुग़ल साम्राज्य की नींव डाली?

सैय्यद वंश
लोदी वंश
तुग़लक़ वंश
ख़िलजी वंश

2 पानीपत का प्रथम युद्ध कब लड़ा गया था?

21 अप्रैल, 1529 ई.
20 अप्रैल, 1527 ई.
21 अप्रैल, 1526 ई.
15 अप्रैल, 1528 ई.

3 गुजरात विजय की याद में अकबर ने निम्न में से किसका निर्माण करवाया था?

बड़ा इमामबाड़ा
जामा मस्जिद
लाल क़िला
बुलन्द दरवाज़ा

4 पानीपत की दूसरी लड़ाई निम्न में से किनके बीच लड़ी गई थी?

अकबर और हेमू
राजपूत और मुग़ल
बाबर और इब्राहीम लोदी
सिकन्दर और आदिलशाह

5 मुग़लकालीन शासन व्यवस्था में मनसबदारी प्रणाली को किसने प्रारम्भ किया था?

शाहजहाँ ने
जहाँगीर ने
अकबर ने
बाबर ने

6 सती प्रथा की आलोचना करने वाला मुग़ल बादशाह कौन था?

अकबर
औरंगज़ेब
दारा शिकोह
हुमायूँ

7 ‘हुमायूँनामा’ की रचना किसने की थी?

मुमताज महल
जहाँआरा बेगम
रोशनआरा बेगम
गुलबदन बेगम

8 मुग़ल बादशाह बाबर मूल रूप से कहाँ का शासक था?

फरगना
कंधार
तक्षशिला
अफ़ग़ानिस्तान

9 किस शासक ने मुग़ल साम्राज्य की राजधानी को आगरा से दिल्ली स्थानान्तरित किया था?

शिवाजी
औरंगज़ेब
शाहजहाँ
जहाँगीर

10 निम्न में से किसे ‘राजा बीरबल’ की उपाधि से सम्मानित किया गया था?

महेशदास
राजा भगवानदास
राजा टोडरमल
राजा मानसिंह

11 शेरशाह सूरी का मक़बरा कहाँ पर स्थित है?

दिल्ली
आगरा
सासाराम
लाहौर

12 अकबर का राज्याभिषेक कहाँ हुआ था?

कालानौर में
आगरा में
फ़तेहपुर सीकरी में
हैदराबाद में

13 किस बादशाह ने चौसा की लड़ाई में हुमायूँ को पराजित किया था?

शेरशाह सूरी
महाराणा प्रताप
शिवाजी
टीपू सुल्तान

14 भारत में बीबी का मक़बरा कहाँ पर स्थित है?

हैदराबाद में
औरंगाबाद में
बीजापुर में
दिल्ली में

15 शेरशाह सूरी के बचपन का नाम क्या था?

हसन ख़ाँ
बहार ख़ाँ
फ़रीद ख़ाँ
हुसैन ख़ाँ