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*'''सदाशिव राय''' (1542-1570 ई.) सिर्फ नाम मात्र का ही शासक था।
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*'''सदाशिव राय''' (1542-1570 ई.) सिर्फ़ नाम मात्र का ही शासक था।
 
*उसके समय में [[विजयनगर साम्राज्य]] की वास्तविक शक्ति 'रामराय' के हाथों में थी।
 
*उसके समय में [[विजयनगर साम्राज्य]] की वास्तविक शक्ति 'रामराय' के हाथों में थी।
 
*सदाशिव राय के समय में [[रामराय]] (रामराजा) ने बड़ी संख्या में [[मुसलमान|मुस्लिमों]] को अपनी सेना में सम्मिलित किया।
 
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*उसका यह हस्तक्षेप विजयनगर साम्राज्य के लिए हानिकारक सिद्ध हुआ।
 
*उसका यह हस्तक्षेप विजयनगर साम्राज्य के लिए हानिकारक सिद्ध हुआ।
 
*1543 ई. में रामराय ने [[बीजापुर]] के विरुद्ध [[गोलकुण्डा]] एवं [[अहमदनगर]] से संधि की।
 
*1543 ई. में रामराय ने [[बीजापुर]] के विरुद्ध [[गोलकुण्डा]] एवं [[अहमदनगर]] से संधि की।
*कालान्तर में उसने अहमदनगर के विरुद्ध बीजापुर तथा गोलकुण्डा को सहयोग दिया।
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*[[कालान्तर]] में उसने अहमदनगर के विरुद्ध बीजापुर तथा गोलकुण्डा को सहयोग दिया।
 
*उसकी सहयोग की यह नीति असफल रही थी।
 
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09:35, 3 अक्टूबर 2011 के समय का अवतरण

  • सदाशिव राय (1542-1570 ई.) सिर्फ़ नाम मात्र का ही शासक था।
  • उसके समय में विजयनगर साम्राज्य की वास्तविक शक्ति 'रामराय' के हाथों में थी।
  • सदाशिव राय के समय में रामराय (रामराजा) ने बड़ी संख्या में मुस्लिमों को अपनी सेना में सम्मिलित किया।
  • रामराय ने विजयनगर की परम्परा के विपरीत पड़ोसी मुस्लिम राज्यों की आन्तरिक राजनिति में हस्तक्षेप किया था।
  • उसका यह हस्तक्षेप विजयनगर साम्राज्य के लिए हानिकारक सिद्ध हुआ।
  • 1543 ई. में रामराय ने बीजापुर के विरुद्ध गोलकुण्डा एवं अहमदनगर से संधि की।
  • कालान्तर में उसने अहमदनगर के विरुद्ध बीजापुर तथा गोलकुण्डा को सहयोग दिया।
  • उसकी सहयोग की यह नीति असफल रही थी।


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