"उत्तर प्रदेश की झीलें" के अवतरणों में अंतर

भारत डिस्कवरी प्रस्तुति
यहाँ जाएँ:भ्रमण, खोजें
पंक्ति 64: पंक्ति 64:
 
|}
 
|}
 
*नदी मोड़ से निर्मित गौखुर झील का मुख्य उदाहरण शाहजहाँपुर ज़िले की बड़ाताल झील जो [[रामगंगा नदी]] के मोड़ द्वारा निर्मित है।
 
*नदी मोड़ से निर्मित गौखुर झील का मुख्य उदाहरण शाहजहाँपुर ज़िले की बड़ाताल झील जो [[रामगंगा नदी]] के मोड़ द्वारा निर्मित है।
 
==उत्तर प्रदेश की नदियाँ व किनारे स्थित नगर==
 
उत्तर प्रदेश की मुख्य नदियों में [[गंगा नदी|गंगा]], [[यमुना नदी|यमुना]], [[गोमती नदी|गोमती]] आदि के किनारे अनेक ऐतिहासिक नगर बसे हैं। इनमें से कुछ नगर [[उत्तराखंड]] में गिने जाते हैं। जिनका उल्लेख निम्नलिखित तालिका में प्रस्तुत है:
 
{| class="wikitable" border="1"
 
|-
 
! नदी
 
! नगर
 
|-
 
| [[गंगा नदी]]
 
| [[ॠषिकेश]] (उत्तराखंड), [[बद्रीनाथ]] (उत्तराखंड), [[हरिद्वार]] (उत्तराखंड), [[कानपुर]], [[वाराणसी]], [[गढ़मुक्तेश्वर]], [[सौंरो]], [[राजघाट]], [[फर्रुख़ाबाद]], [[मिर्ज़ापुर]]
 
|-
 
| गंगा-यमुना का संगम
 
| [[इलाहाबाद]]
 
|-
 
| [[यमुना नदी]]
 
| [[मथुरा]], [[आगरा]], [[वृन्दावन]], [[बटेश्वर]], [[कोशाम्बी]], [[हमीरपुर]]
 
|-
 
| [[गोमती नदी]]
 
| लखनऊ
 
|-
 
| [[सरयू नदी]]
 
| [[अयोध्या]]
 
|}
 
  
  

12:19, 6 जून 2010 का अवतरण

उत्तर प्रदेश में झीलों का अभाव है। यहाँ की अधिकांश झीलें कुमाऊँ क्षेत्र में हैं जो कि प्रमुखतः भूगर्भीय शक्तियों के द्वारा भूमि के धरातल में परिवर्तन हो जाने के परिणामस्वरुप निर्मित हुई हैं। राज्य के निर्माण के कारण इनमें से कुछ झीलें उत्तराखंड में गिनी जाती है। इन झीलों में जल स्त्रोत मुख्यतः हिमानियाँ हैं। जिनमें निम्नलिखित के नाम विशेष उल्लेखनीय है।

राज्य की अन्य झील

राज्य की अन्य झीलों में निम्न के नाम उल्लेखनीय है।

  • पूनाताल,
  • मालवाताल
  • खुरपाताल

उत्तर प्रदेश की पहाड़ी क्षेत्र में स्थित गंगोत्री और यमुनोत्री भी एक प्रकार की झील है, जिनसे भागीरथी और यमुना नदियों का उदगम होता है।

निर्माण

  • झीलों का निर्माण भूगर्भिक हलचलों से, गर्तों के जलप्लावित होने से और नदियों के मोड़ों से निर्मित गोखुर झील आदि के अनेक उदाहरण उत्तर प्रदेश में दृष्टिगोचर होते हैं।
    • भूगर्भिक हलचलों के कारण पड़ी दरार गर्त से निर्मित झीलों का प्रमुख उदाहरण मिर्ज़ापुर ज़िले का टाण्डादरी ताल है, जिसके जल का उपयोग मिर्जापुर नगर में किया जाता है। यह ताल मिर्जापुर से 14 किमी दूर स्थित है।
  • गर्तों के जलप्लावित होने से बनी अनेक झीलें पर्वतीय भाग में पायी जाती हैं।

अन्य प्रकार की झील

कुछ अन्य प्रकार की झीलों में निम्न के नाम उल्लेखनीय हैं।

शहर झील
लखनऊ दुलास खेड़ा के निकट करेला व मोहना के समीप इतौजा
रायबरेली भुगेताल तथा विसैया
प्रतापगढ़ बेती तथा नइया
सुल्तानपुर राजा का बाँध, लौधीताल, भोजपुर
रामपुर मोती व गौर
उन्नाव कुन्द्रा समुन्दर
कानपुर बलाहापारा
फतेहपुर मोराय
वाराणसी औंधी ताल
आगरा कीठम झील
  • नदी मोड़ से निर्मित गौखुर झील का मुख्य उदाहरण शाहजहाँपुर ज़िले की बड़ाताल झील जो रामगंगा नदी के मोड़ द्वारा निर्मित है।