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*बाद के समय में पारसी धर्म ने स्पेंता मैन्यू को 'अहुर मज़्दा' से अलग कर दिया और उन्हें '[[अंग्र मैन्यु]]' (अर्हिमन), विनाशकारी [[आत्मा]], के विरुद्ध रखा।
 
*बाद के समय में पारसी धर्म ने स्पेंता मैन्यू को 'अहुर मज़्दा' से अलग कर दिया और उन्हें '[[अंग्र मैन्यु]]' (अर्हिमन), विनाशकारी [[आत्मा]], के विरुद्ध रखा।
 
*'[[अवेस्ता]]' में स्पेंता मैन्यु के लिए कोई विशेष प्रार्थना नहीं है, जैसे 'अश' (सत्य) और 'वोहू मान' (अच्छा मन) के लिए हैं।
 
*'[[अवेस्ता]]' में स्पेंता मैन्यु के लिए कोई विशेष प्रार्थना नहीं है, जैसे 'अश' (सत्य) और 'वोहू मान' (अच्छा मन) के लिए हैं।
*स्पेंता मैन्यु [[आकाश तत्त्व|आकाश]], [[जल]], [[पृथ्वी]], वनस्पति तथा अजन्मे शिशुओं की एवं देखरेख करते हैं.
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*स्पेंता मैन्यु [[आकाश तत्त्व|आकाश]], [[जल]], [[पृथ्वी]], वनस्पति तथा अजन्मे शिशुओं की एवं देखरेख करते हैं।<ref>{{पुस्तक संदर्भ |पुस्तक का नाम=भारत ज्ञानकोश, खण्ड-6|लेखक=इंदु रामचंदानी|अनुवादक= |आलोचक= |प्रकाशक=एंसाइक्लोपीडिया ब्रिटैनिका प्राइवेट लिमिटेड, नई दिल्ली|संकलन= भारतकोश पुस्तकालय|संपादन= |पृष्ठ संख्या=128|url=}}</ref>
  
  

08:00, 23 जून 2014 के समय का अवतरण

स्पेंता मैन्यु पारसी धर्म में मंगलकामना की पवित्र आत्मा| पारसी धर्म के पैगंबर जरथुष्ट्र की गाथाओं अनुसार, स्पेंता मैन्यु को 'अहुर मज़्दा' का एक हिस्सा माना जाता है।

  • बाद के समय में पारसी धर्म ने स्पेंता मैन्यू को 'अहुर मज़्दा' से अलग कर दिया और उन्हें 'अंग्र मैन्यु' (अर्हिमन), विनाशकारी आत्मा, के विरुद्ध रखा।
  • 'अवेस्ता' में स्पेंता मैन्यु के लिए कोई विशेष प्रार्थना नहीं है, जैसे 'अश' (सत्य) और 'वोहू मान' (अच्छा मन) के लिए हैं।
  • स्पेंता मैन्यु आकाश, जल, पृथ्वी, वनस्पति तथा अजन्मे शिशुओं की एवं देखरेख करते हैं।[1]


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टीका टिप्पणी और संदर्भ

  1. भारत ज्ञानकोश, खण्ड-6 |लेखक: इंदु रामचंदानी |प्रकाशक: एंसाइक्लोपीडिया ब्रिटैनिका प्राइवेट लिमिटेड, नई दिल्ली |संकलन: भारतकोश पुस्तकालय |पृष्ठ संख्या: 128 |

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