"मुंगरा गढ़" के अवतरणों में अंतर

भारत डिस्कवरी प्रस्तुति
यहाँ जाएँ:भ्रमण, खोजें
(' ;मुंगरा गढ़ {{main|मुंगरा गढ़}} *उत्तरकाशी जनपद के नौगां...' के साथ नया पन्ना बनाया)
 
 
(एक अन्य सदस्य द्वारा किया गया बीच का एक अवतरण नहीं दर्शाया गया)
पंक्ति 1: पंक्ति 1:
;मुंगरा गढ़
+
'''मुंगरा गढ़''' [[उत्तरकाशी]] जनपद के नौगांव विकासखण्ड के मुंगरा गांव में है। गढ़ एक टीले पर था, जिस पर पहुंचने का एक ही रास्ता था। इस गढ़ पर चौमंजिला कोठा था, जिसमें अंदर से [[यमुना]] तक जाने की सीढिय़ां व सुरंग थी। पहले यह गढ़ रावत जाति का था, लेकिन बाद में गोरख्याणी से पहले रौतेला लोगों का हो गया था। 1805-06 में गोरखों ने भी लूटपाट करने का प्रयास किया था। [[30 जून]] [[1958]] ई. को इस गढ़ कोठे में आग लग गई थी। गढ़ के रौतेला परिवार वर्तमान मुंगरा व मुराड़ी गांव में रहते हैं।
{{main|मुंगरा गढ़}}
 
*[[उत्तरकाशी]] जनपद के नौगांव विकासखण्ड के मुंगरा गांव में मुंगरा गढ़ है। गढ़ एक टीले पर था, जिस पर पहुंचने का एक ही रास्ता था। इस गढ़ पर चौमंजिला कोठा था, जिसमें अंदर से यमुना तक जाने की सीढिय़ां व सुरंग थी। पहले यह गढ़ रावत जाति का था, लेकिन बाद में गोरख्याणी से पहले रौतेला लोगों का हो गया था। 1805-06 में गोरखों ने भी लूटपाट करने का प्रयास किया था। 30 जून 1958 ई. को इस गढ़ कोठे में आग लग गई थी। गढ़ के रौतेला परिवार वर्तमान मुंगरा व मुराड़ी गांव में रहते हैं।
 
  
{{लेख प्रगति|आधार=आधार1|प्रारम्भिक= |माध्यमिक= |पूर्णता= |शोध= }}
+
 
 +
{{लेख प्रगति|आधार=|प्रारम्भिक=प्रारम्भिक1 |माध्यमिक= |पूर्णता= |शोध= }}
 
==टीका टिप्पणी और संदर्भ==
 
==टीका टिप्पणी और संदर्भ==
 
<references/>
 
<references/>
 
==बाहरी कड़ियाँ==
 
 
 
==संबंधित लेख==
 
==संबंधित लेख==
 
+
{{उत्तराखंड के पर्यटन स्थल}}
[[Category:नया पन्ना मार्च-2013]]
+
[[Category:उत्तराखंड]][[Category:उत्तराखंड के पर्यटन स्थल]][[Category:उत्तरकाशी के पर्यटन स्थल]][[Category:पर्यटन कोश]]
 
 
 
__INDEX__
 
__INDEX__
 +
__NOTOC__

13:32, 17 अक्टूबर 2014 के समय का अवतरण

मुंगरा गढ़ उत्तरकाशी जनपद के नौगांव विकासखण्ड के मुंगरा गांव में है। गढ़ एक टीले पर था, जिस पर पहुंचने का एक ही रास्ता था। इस गढ़ पर चौमंजिला कोठा था, जिसमें अंदर से यमुना तक जाने की सीढिय़ां व सुरंग थी। पहले यह गढ़ रावत जाति का था, लेकिन बाद में गोरख्याणी से पहले रौतेला लोगों का हो गया था। 1805-06 में गोरखों ने भी लूटपाट करने का प्रयास किया था। 30 जून 1958 ई. को इस गढ़ कोठे में आग लग गई थी। गढ़ के रौतेला परिवार वर्तमान मुंगरा व मुराड़ी गांव में रहते हैं।


पन्ने की प्रगति अवस्था
आधार
प्रारम्भिक
माध्यमिक
पूर्णता
शोध

टीका टिप्पणी और संदर्भ

संबंधित लेख