"हिन्दी सामान्य ज्ञान 4" के अवतरणों में अंतर

भारत डिस्कवरी प्रस्तुति
यहाँ जाएँ:भ्रमण, खोजें
 
(6 सदस्यों द्वारा किये गये बीच के 32 अवतरण नहीं दर्शाए गए)
पंक्ति 1: पंक्ति 1:
 
{{सामान्य ज्ञान प्रश्नोत्तरी}}
 
{{सामान्य ज्ञान प्रश्नोत्तरी}}
 +
{{हिन्दी सामान्य ज्ञान नोट}}
 
{{हिन्दी सामान्य ज्ञान}}
 
{{हिन्दी सामान्य ज्ञान}}
 
{| class="bharattable-green" width="100%"
 
{| class="bharattable-green" width="100%"
पंक्ति 7: पंक्ति 8:
 
|
 
|
 
<quiz display=simple>
 
<quiz display=simple>
{'लहरे व्योम चूमती उठती। चपलाएं असंख्य नचती।' पंक्ति [[जयशंकर प्रसाद]] के किस रचना का अंश है?
 
|type="()"}
 
-लहर
 
-झरना
 
-आँसू
 
+कामायनी
 
  
{'नखत की आशा - किरन -समान\ ह्रदय के कोमल कवि की कांत।' पंक्ति किसकी लिखी हुई है?
+
{'[[प्रेमसागर]]' के रचनाकार हैं-
 
|type="()"}
 
|type="()"}
-[[सूर्यकान्त त्रिपाठी निराला|सूर्यकांत त्रिपाठी 'निराला']]
+
-[[सदल मिश्र]]
+[[जयशंकर प्रसाद]]
+
-[[उसमान]]
-[[सुमित्रानंदन पंत]]
+
+[[लल्लू लालजी]]
-[[महादेवी वर्मा]]
+
-सुन्दर दास
  
{'मौन, नाश, विध्वंस, अंधेरा। शून्य बना जो प्रकट अभाव।। पंक्ति किसके द्वारा लिखी गई?
+
{'यह युग (भारतेन्दु) बच्चे के समान हँसता-खेलता आया था, जिसमें बच्चों की सी निश्छलता, अक्खड़पन, सरलता और तन्मयता थी।' यह कथन किस आलोचक का है?
 
|type="()"}
 
|type="()"}
-[[सूर्यकान्त त्रिपाठी निराला]]
+
-डॉ. पीताम्बर दत्त बड़थ्वाल
+[[जयशंकर प्रसाद]]
+
-[[रामविलास शर्मा|डॉ. रामविलास शर्मा]]
-[[सुमित्रानंदन पंत]]
+
-[[डॉ. हज़ारी प्रसाद द्विवेदी]]
-[[महादेवी वर्मा]]
+
+[[आचार्य रामचन्द्र शुक्ल]]
||महाकवि [[जयशंकर प्रसाद]] (जन्म- [[30 जनवरी]], [[1889]] ई.,[[वाराणसी]], [[उत्तर प्रदेश]], मृत्यु- [[15 नवम्बर]], सन [[1937]]) हिंदी नाट्य जगत और कथा साहित्य में एक विशिष्ट स्थान रखते हैं। कथा साहित्य के क्षेत्र में भी उनकी देन महत्त्वपूर्ण है। '''भावना-प्रधान कहानी लिखने वालों में जयशंकर प्रसाद अनुपम थे।'''{{point}}अधिक जानकारी के लिए देखें:- [[जयशंकर प्रसाद]]
 
  
{'दुरित, दुःख, दैन्य न थे जब ज्ञात। पंक्ति अपरिचित जरा- मरण -भ्रू पात।।' पंक्ति के रचनाकार हैं?
+
{मनुष्य से बड़ा है उसका अपना विश्वास और उसका ही रचा हुआ विधान। अपने विश्वास और विधान के सम्मुख ही मनुष्य विवशता अनुभव करता है और स्वयं ही वह उसे बदल भी देता है॥' यह कथन किस [[उपन्यासकार]] ने लिखा है?
 
|type="()"}
 
|type="()"}
-[[सूर्यकान्त त्रिपाठी निराला]]
+
-[[मुंशी प्रेमचंद|प्रेमचन्द्र]]
-[[जयशंकर प्रसाद]]
+
-[[भगवतीचरण वर्मा]]
+[[सुमित्रानंदन पंत]]
+
+[[हज़ारी प्रसाद द्विवेदी]]
-[[महादेवी वर्मा]]
+
-[[यशपाल]]
||सुमित्रानंदन पंत हिन्दी साहित्य में छायावादी युग के चार स्तंभों में से एक है। सुमित्रानंदन पंत उस नये युग के प्रवर्तक के रूप में आधुनिक हिन्दी साहित्य में उदित हुए। सुमित्रानंदन पंत का जन्म [[20 मई]] [[1900]] में कौसानी, [[उत्तराखण्ड]], [[भारत]] में हुआ था। जन्म के छह घंटे बाद ही माँ को क्रूर मृत्यु ने छीन लिया। शिशु को उसकी दादी ने पाला पोसा। शिशु का नाम रखा गया गुसाई दत्त।{{point}}अधिक जानकारी के लिए देखें:- [[सुमित्रानंदन पंत]]
+
||[[चित्र:Hazari Prasad Dwivedi.JPG|डॉ. हज़ारी प्रसाद द्विवेदी |150px|right]] डॉ. हज़ारी प्रसाद द्विवेदी [[हिन्दी]] के शीर्षस्थानीय साहित्यकारों में से हैं। वे उच्चकोटि के निबन्धकार, उपन्यास लेखक, आलोचक, चिन्तक तथा शोधकर्ता हैं। {{point}}अधिक जानकारी के लिए देखें:- [[हज़ारी प्रसाद द्विवेदी]]
  
{'काल का अकरुण भृकुटि -विलास। तुमारा ही परिहास।।' नामक पंक्ति पंत की किस कविता का अंश है?
+
{'वीरों का कैसा हो वसंत' [[कविता]] के रचयिता हैं?
 
|type="()"}
 
|type="()"}
+परिवर्तन
+
-[[केदारनाथ अग्रवाल]]
-नौका विहार
+
-[[अज्ञेय, सच्चिदानंद हीरानन्द वात्स्यायन|अज्ञेय]]
-मौन निमंत्रण
+
-[[धर्मवीर भारती]]
-ओ रहस्य
+
+[[सुभद्रा कुमारी चौहान]]
  
{'अब पहुँची चपला बीच धार। छिप गया चाँदनी का कगार।।' पंक्ति [[सुमित्रानंदन पंत]] की किस कविता का अंश है?
+
{'[[आँसू -जयशंकर प्रसाद|आँसू]]' (काव्य) के रचयिता हैं-
|type="()"}
 
-परिवर्तन
 
+नौका विहार
 
-मौन निमंत्रण
 
-बादल
 
 
 
{'निराला के [[राम]] [[तुलसीदास]] के राम से भिन्न और भवभूति के राम के निकट हैं।' यह कथन किस [[हिन्दी]] आलोचना का है?
 
|type="()"}
 
-डॉ. रामस्वरूप चतुर्वेदी
 
-डॉ. सूर्यप्रसाद दीक्षित
 
+डॉ. रामविलास शर्मा
 
-डॉ. गंगाप्रसाद पाण्डेय
 
 
 
{'[[राम]] की शक्तिपूजा' में [[सूर्यकांत त्रिपाठी निराला|निराला]] की इन दो कविताओं का सारतत्व समाहित है?
 
|type="()"}
 
-[[तुलसीदास]] और सरोजस्मृति
 
-[[तुलसीदास]] और बादल
 
-सरोजस्मृति और तोड़ती पत्थर
 
+जागो फिर एक बार और [[तुलसीदास]]
 
 
 
{किस छायावादी कवि ने संवाद शैली का सर्वाधिक उपयोग किया है?
 
 
|type="()"}
 
|type="()"}
 +
-[[सुमित्रानंदन पंत]]
 
+[[जयशंकर प्रसाद]]
 
+[[जयशंकर प्रसाद]]
-[[सुमित्रानंदन पंत]]
+
-[[मैथिलीशरण गुप्त]]
-[[महादेवी वर्मा]]
 
 
-[[सूर्यकांत त्रिपाठी निराला]]
 
-[[सूर्यकांत त्रिपाठी निराला]]
 
+
|| [[चित्र:Jaishankar-Prasad.jpg|जयशंकर प्रसाद|100px|right]] महाकवि जयशंकर प्रसाद हिन्दी नाट्य जगत और कथा साहित्य में एक विशिष्ट स्थान रखते हैं। [[कथा साहित्य]] के क्षेत्र में भी उनकी देन महत्त्वपूर्ण है। भावना-प्रधान कहानी लिखने वालों में जयशंकर प्रसाद अनुपम थे। {{point}}अधिक जानकारी के लिए देखें:- [[जयशंकर प्रसाद]]  
{व्यवस्थाप्रियता और विद्रोह का विलक्षण संयोग किस प्रयोगवादी कवि में सबसे अधिक मिलता है?
 
|type="()"}
 
-[[गजानन माधव मुक्तिबोध]] में
 
-भारतभूषण अग्रवाल में
 
-नेमिचन्द्र जैन में
 
+अज्ञेय में
 
 
 
{'वह उस महत्ता का। हम सरीखों के लिए उपयोग। उस आंतरिकता का बताता में महत्व।।' पंक्तियाँ मुक्तिबोध की किस कविता से ली गई हैं?
 
|type="()"}
 
+ब्रह्मराक्षस
 
-भूलगलती
 
-पता नहीं
 
-अँधेरे में
 
 
 
{ऋतु वसंत का सुप्रभात था। मंद मंद था अनिल बह रहा॥ बालारुण की मृदु किरणें थीं। अगल बगल स्वर्णाभ शिखर थे॥' ये पंक्तियाँ नागार्जुन की किस कविता की हैं?
 
|type="()"}
 
-प्रतिबद्ध हूँ
 
-तालाब की [[मछली|मछलियाँ]]
 
+बादल को घिरते देखा है
 
-सिन्दूर तिलकित भाल
 
 
 
{'अकाल और उसके बाद' नामक कविता के रचनाकार हैं?
 
|type="()"}
 
-केदारनाथ अग्रवाल
 
-त्रिलोचन
 
+नागार्जुन
 
-इनमें से कोई नहीं
 
 
 
{भारतेन्दु कृत 'भारत दुर्दशा' किस साहित्य रूप का हिस्सा है?
 
|type="()"}
 
-कथा साहित्य
 
+नाटक साहित्य
 
-संस्मरण साहित्य
 
-जीवनी साहित्य
 
 
 
{'आदमी कितना स्वार्थी हो जाता है, जिसके लिए मरो, वही जान का दुश्मन हो जाता है।' यह कथन 'गोदान' के किस पात्र का है?
 
|type="()"}
 
-मेहता
 
-खन्ना
 
-मालती
 
+होरी
 
 
 
{'नारी में पुरुष के गुण आ जाते हैं, तो वह कुलटा हो जाती है।' यह कथन 'गोदान' के किस पात्र का है?
 
|type="()"}
 
-रायसाहब
 
-ओंकारनाथ
 
+मेहता
 
-होरी
 
 
 
{'जो अपनी जान खपाते हैं, उनका हक उन लोगों से ज्यादा है, जो केवल रुपया लगाते हैं।' यह कथन 'गोदान' के किस पात्र द्वारा कहा गया है?
 
|type="()"}
 
-मालती
 
-ओंकारनाथ
 
+मेहता
 
-खन्ना
 
 
 
{'पवित्रता की माप है, मलिनता, सुख का आलोचना है. दुःख, पुण्य की कसौटी है पाप।' यह कथन '[[स्कन्दगुप्त]]' नाटक के किस पात्र का है?
 
|type="()"}
 
-विजया
 
+देवसेना
 
-भटार्क
 
-प्रपंचबुद्धि
 
 
 
{'मनुष्य अपूर्ण है, इसलिए सत्य का विकास जो उसके द्वारा होता है, अपूर्ण होता है. यही विकास का रहस्य है।' यह कथन 'स्कन्दगुप्त' नाटक के किस पात्र का है?
 
|type="()"}
 
+प्रख्यातकीर्ति
 
-देवसेना
 
-मातृगुप्त
 
-धातुसेन
 
 
 
{'विश्व -प्रेम, सर्व-भूत -हित- कामना परम धर्म हैः परंतु इसका अर्थ यह नहीं हो सकता कि अपने पर प्रेम न हो।' यह कथन 'स्कन्दगुप्त' नाटक के किस पात्र का है?
 
|type="()"}
 
-बंधु वर्मा
 
-चक्रपालित
 
-भीम वर्मा
 
+जयमाला
 
 
 
 
 
{'मनुष्य के आचरण के प्रवर्तक भाव या मनोविकार ही होते हैं, बुद्धि नहीं।' यह कथन है?
 
|type="()"}
 
-सरदार पूर्णसिंह का
 
+रामचन्द्र शुक्ल का
 
-महावीर प्रसाद द्विवेदी का
 
-बालकृष्ण भट्ट का
 
 
 
{'रस मीमांसा' रस -सिद्धांत से सम्बन्धित पुस्तक है, इस पुस्तक के लेखक हैं?
 
|type="()"}
 
-डॉ. श्यामसुन्दर दास
 
-डॉ. गुलाब राय
 
-डॉ. नगेन्द्र
 
+आचार्य रामचन्द्र शुक्ल
 
 
 
{'यह युग (भारतेन्दु) बच्चे के समान हँसता-खेलता आया था, जिसमें बच्चों की सी निश्छलता' अक्खड़पन, सरलता और तन्मयता थी।' यह कथन किस आलोचक का है?
 
|type="()"}
 
-डॉ. पीताम्बर दत्त बड़थ्वाल
 
-डॉ. रामविलास शर्मा
 
-डॉ. हजारीप्रसाद द्विवेदी
 
+आचार्य रामचन्द्र शुक्ल
 
 
 
 
 
{मनुष्य से बड़ा है उसका अपना विश्वास और उसका ही रचा हुआ विधान। अपने विवशता अनुभव करता है और स्वयं ही वह उसे बदल भी देता है॥' यह कथन किस उपन्यासकार ने लिखा है?
 
|type="()"}
 
-[[मुंशी प्रेमचंद|प्रेमचन्द्र]]
 
-भगवतीचरण वर्मा
 
+हजारीप्रसाद द्विवेदी
 
-यशपाल
 
 
 
{'अपने अतीत का मनन और मंथन हम भविष्य के लिए संकेत पाने के प्रयोजन से करते हैं।' यह कथन किस उपन्यासकार का है?
 
|type="()"}
 
+हजारीप्रसाद द्विवेदी
 
-यशपाल
 
-वृन्दावनलाल वर्मा
 
-रांगेय राघव
 
 
 
 
</quiz>
 
</quiz>
 
|}
 
|}
 
|}
 
|}
 +
{{हिन्दी सामान्य ज्ञान}}
 +
{{सामान्य ज्ञान प्रश्नोत्तरी}}
 +
[[Category:सामान्य ज्ञान]]
 +
[[Category:हिन्दी सामान्य ज्ञान]]
  
[[Category:सामान्य ज्ञान]]
+
[[Category:सामान्य ज्ञान प्रश्नोत्तरी]]
 
__INDEX__
 
__INDEX__
 
__NOTOC__
 
__NOTOC__
 +
{{Review-A}}

09:46, 4 नवम्बर 2016 के समय का अवतरण

सामान्य ज्ञान प्रश्नोत्तरी
राज्यों के सामान्य ज्ञान


इस विषय से संबंधित लेख पढ़ें:- भाषा प्रांगण, हिन्दी भाषा

पन्ने पर जाएँ

1 | 2 | 3 | 4 | 5 | 6 | 7 | 8 | 9 | 10 | 11 | 12 | 13 | 14 | 15 | 16 | 17 | 18 | 19 | 20 | 21 | 22 | 23 | 24 | 25 | 26 | 27 | 28 | 29 | 30 | 31 | 32 | 33 | 34 | 35 | 36 | 37 | 38 | 39 | 40 | 41 | 42 | 43 | 44 | 45 | 46 | 47 | 48 | 49 | 50 | 51 | 52 | 53 | 54 | 55 | 56 | 57 | 58 | 59 | 60 | 61 | 62 | 63 | 64 | 65 | 66 | 67 | 68 | 69 | 70 | 71 | 72 | 73 | 74 | 75 | 76 | 77 | 78 | 79 | 80 | 81 | 82 | 83 | 84 | 85 | 86 | 87 | 88 | 89 | 90 | 91 | 92 | 93 | 94 | 95 | 96 | 97 | 98 | 99 | 100 | 101 | 102 | 103 | 104 | 105 | 106 | 107 | 108 | 109 | 110 | 111 | 112 | 113 | 114 | 115 | 116 | 117 | 118 | 119 | 120 | 121 | 122 | 123 | 124 | 125 | 126 | 127 | 128 | 129 | 130 | 131 | 132 | 133 | 134 | 135 | 136 | 137 | 138 | 139 | 140 | 141 | 142 | 143 | 144 | 145 | 146 | 147 | 148 | 149 | 150 | 151 | 152 | 153 | 154 | 155 | 156 | 157 | 158 | 159 | 160 | 161 | 162 | 163 | 164 | 165 | 166 | 167 | 168 | 169 | 170 | 171 | 172 | 173 | 174 | 175 | 176 | 177 | 178 | 179 | 180 | 181 | 182 | 183 | 184 | 185 | 186 | 187 | 188 | 189 | 190 | 191 | 192 | 193 | 194 | 195 | 196 | 197 | 198 | 199 | 200 | 201 | 202 | 203 | 204 | 205 | 206 | 207 | 208 | 209 | 210 | 211 | 212 | 213 | 214 | 215 | 216 | 217 | 218 | 219 | 220 | 221 | 222 | 223 | 224 | 225 | 226 | 227 | 228 | 229 | 230 | 231 | 232 | 233 | 234 | 235 | 236 | 237 | 238 | 239 | 240 | 241 | 242 | 243 | 244 | 245 | 246 | 247 | 248 | 249 | 250 | 251 | 252 | 253 | 254 | 255 | 256 | 257 | 258 | 259 | 260 | 261 | 262 | 263 | 264 | 265 | 266 | 267 | 268 | 269 | 270 | 271 | 272 | 273 | 274 | 275 | 276 | 277 | 278 | 279 | 280 | 281 | 282 | 283 | 284 | 285 | 286 | 287 | 288 | 289 | 290 | 291 | 292 | 293 | 294 | 295 | 296 | 297 | 298 | 299 | 300 | 301 | 302 | 303 | 304 | 305 | 306 | 307 | 308 | 309 | 310 | 311 | 312 | 313 | 314 | 315 | 316 | 317 | 318 | 319 | 320 | 321 | 322 | 323 | 324 | 325 | 326 | 327 | 328 | 329 | 330 | 331 | 332 | 333 | 334 | 335 | 336 | 337 | 338 | 339 | 340 | 341 | 342 | 343 | 344 | 345 | 345 | 346 | 347

1 'प्रेमसागर' के रचनाकार हैं-

सदल मिश्र
उसमान
लल्लू लालजी
सुन्दर दास

2 'यह युग (भारतेन्दु) बच्चे के समान हँसता-खेलता आया था, जिसमें बच्चों की सी निश्छलता, अक्खड़पन, सरलता और तन्मयता थी।' यह कथन किस आलोचक का है?

डॉ. पीताम्बर दत्त बड़थ्वाल
डॉ. रामविलास शर्मा
डॉ. हज़ारी प्रसाद द्विवेदी
आचार्य रामचन्द्र शुक्ल

3 मनुष्य से बड़ा है उसका अपना विश्वास और उसका ही रचा हुआ विधान। अपने विश्वास और विधान के सम्मुख ही मनुष्य विवशता अनुभव करता है और स्वयं ही वह उसे बदल भी देता है॥' यह कथन किस उपन्यासकार ने लिखा है?

प्रेमचन्द्र
भगवतीचरण वर्मा
हज़ारी प्रसाद द्विवेदी
यशपाल

पन्ने पर जाएँ

1 | 2 | 3 | 4 | 5 | 6 | 7 | 8 | 9 | 10 | 11 | 12 | 13 | 14 | 15 | 16 | 17 | 18 | 19 | 20 | 21 | 22 | 23 | 24 | 25 | 26 | 27 | 28 | 29 | 30 | 31 | 32 | 33 | 34 | 35 | 36 | 37 | 38 | 39 | 40 | 41 | 42 | 43 | 44 | 45 | 46 | 47 | 48 | 49 | 50 | 51 | 52 | 53 | 54 | 55 | 56 | 57 | 58 | 59 | 60 | 61 | 62 | 63 | 64 | 65 | 66 | 67 | 68 | 69 | 70 | 71 | 72 | 73 | 74 | 75 | 76 | 77 | 78 | 79 | 80 | 81 | 82 | 83 | 84 | 85 | 86 | 87 | 88 | 89 | 90 | 91 | 92 | 93 | 94 | 95 | 96 | 97 | 98 | 99 | 100 | 101 | 102 | 103 | 104 | 105 | 106 | 107 | 108 | 109 | 110 | 111 | 112 | 113 | 114 | 115 | 116 | 117 | 118 | 119 | 120 | 121 | 122 | 123 | 124 | 125 | 126 | 127 | 128 | 129 | 130 | 131 | 132 | 133 | 134 | 135 | 136 | 137 | 138 | 139 | 140 | 141 | 142 | 143 | 144 | 145 | 146 | 147 | 148 | 149 | 150 | 151 | 152 | 153 | 154 | 155 | 156 | 157 | 158 | 159 | 160 | 161 | 162 | 163 | 164 | 165 | 166 | 167 | 168 | 169 | 170 | 171 | 172 | 173 | 174 | 175 | 176 | 177 | 178 | 179 | 180 | 181 | 182 | 183 | 184 | 185 | 186 | 187 | 188 | 189 | 190 | 191 | 192 | 193 | 194 | 195 | 196 | 197 | 198 | 199 | 200 | 201 | 202 | 203 | 204 | 205 | 206 | 207 | 208 | 209 | 210 | 211 | 212 | 213 | 214 | 215 | 216 | 217 | 218 | 219 | 220 | 221 | 222 | 223 | 224 | 225 | 226 | 227 | 228 | 229 | 230 | 231 | 232 | 233 | 234 | 235 | 236 | 237 | 238 | 239 | 240 | 241 | 242 | 243 | 244 | 245 | 246 | 247 | 248 | 249 | 250 | 251 | 252 | 253 | 254 | 255 | 256 | 257 | 258 | 259 | 260 | 261 | 262 | 263 | 264 | 265 | 266 | 267 | 268 | 269 | 270 | 271 | 272 | 273 | 274 | 275 | 276 | 277 | 278 | 279 | 280 | 281 | 282 | 283 | 284 | 285 | 286 | 287 | 288 | 289 | 290 | 291 | 292 | 293 | 294 | 295 | 296 | 297 | 298 | 299 | 300 | 301 | 302 | 303 | 304 | 305 | 306 | 307 | 308 | 309 | 310 | 311 | 312 | 313 | 314 | 315 | 316 | 317 | 318 | 319 | 320 | 321 | 322 | 323 | 324 | 325 | 326 | 327 | 328 | 329 | 330 | 331 | 332 | 333 | 334 | 335 | 336 | 337 | 338 | 339 | 340 | 341 | 342 | 343 | 344 | 345 | 345 | 346 | 347
सामान्य ज्ञान प्रश्नोत्तरी
राज्यों के सामान्य ज्ञान