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पौराणिक किंवदंती के अनुसार नासिक का नाम [[सत युग|सतयुग]] में [[पद्यनगर]], [[त्रेता युग|त्रेता]] में त्रिकंटक, [[द्वापर युग|द्वापर]] में [[जनस्थान]] और [[कलि युग|कलियुग]] में नासिक है। | पौराणिक किंवदंती के अनुसार नासिक का नाम [[सत युग|सतयुग]] में [[पद्यनगर]], [[त्रेता युग|त्रेता]] में त्रिकंटक, [[द्वापर युग|द्वापर]] में [[जनस्थान]] और [[कलि युग|कलियुग]] में नासिक है। | ||
− | + | त्रिकंटक का अर्थ [[त्रिशूल]], गोखरू, तिधारा, थूहर, जवासा, टेंगरा नाम की [[मछली]] भी होता है। | |
− | + | ==संबंधित लेख== | |
− | [[Category:महाराष्ट्र_के_धार्मिक_स्थल]][[Category: | + | {{महाराष्ट्र_के_धार्मिक_स्थल}} |
+ | [[Category:महाराष्ट्र_के_धार्मिक_स्थल]][[Category:महाराष्ट्र]][[Category:धार्मिक स्थल कोश]] | ||
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