"त्रिकंटक" के अवतरणों में अंतर

भारत डिस्कवरी प्रस्तुति
यहाँ जाएँ:भ्रमण, खोजें
(''''त्रिकंटक'''<br /> पौराणिक किंवदंती के अनुसार नासिक का न...' के साथ नया पन्ना बनाया)
 
 
(2 सदस्यों द्वारा किये गये बीच के 2 अवतरण नहीं दर्शाए गए)
पंक्ति 3: पंक्ति 3:
 
पौराणिक किंवदंती के अनुसार नासिक का नाम [[सत युग|सतयुग]] में [[पद्यनगर]], [[त्रेता युग|त्रेता]] में त्रिकंटक, [[द्वापर युग|द्वापर]] में [[जनस्थान]] और [[कलि युग|कलियुग]] में नासिक है।
 
पौराणिक किंवदंती के अनुसार नासिक का नाम [[सत युग|सतयुग]] में [[पद्यनगर]], [[त्रेता युग|त्रेता]] में त्रिकंटक, [[द्वापर युग|द्वापर]] में [[जनस्थान]] और [[कलि युग|कलियुग]] में नासिक है।
  
 
+
त्रिकंटक का अर्थ [[त्रिशूल]], गोखरू, तिधारा, थूहर, जवासा, टेंगरा नाम की [[मछली]] भी होता है।
 
+
==संबंधित लेख==
[[Category:महाराष्ट्र_के_धार्मिक_स्थल]][[Category:महाराष्ट्र_के_पर्यटन_स्थल]][[Category:पर्यटन_कोश]]__INDEX__
+
{{महाराष्ट्र_के_धार्मिक_स्थल}}
 +
[[Category:महाराष्ट्र_के_धार्मिक_स्थल]][[Category:महाराष्ट्र]][[Category:धार्मिक स्थल कोश]]
 +
__INDEX__

11:16, 22 नवम्बर 2016 के समय का अवतरण

त्रिकंटक

पौराणिक किंवदंती के अनुसार नासिक का नाम सतयुग में पद्यनगर, त्रेता में त्रिकंटक, द्वापर में जनस्थान और कलियुग में नासिक है।

त्रिकंटक का अर्थ त्रिशूल, गोखरू, तिधारा, थूहर, जवासा, टेंगरा नाम की मछली भी होता है।

संबंधित लेख