"प्रयोग:कविता बघेल 3" के अवतरणों में अंतर
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कविता बघेल (चर्चा | योगदान) |
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||'एंटीना', वॉलीबाँल खेल में सम्बंधित है जो नेट के दोनों ओर एक लंबवत विस्तार होता है और बॉल को एंटीना के बीच से गुजरना आवश्यक होता है। | ||'एंटीना', वॉलीबाँल खेल में सम्बंधित है जो नेट के दोनों ओर एक लंबवत विस्तार होता है और बॉल को एंटीना के बीच से गुजरना आवश्यक होता है। | ||
− | { | + | {ऑफ साइड नियम किस खेल से संबंधित है? (शारीरिक शिक्षा,पृ.सं-202 प्रश्न-8 |
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− | - | + | -[[हॉकी]] |
− | + | + | +[[फुटबॉल]] |
− | - | + | -[[बास्केटबॉल]] |
− | - | + | -हैंडबॉल |
− | ||'ऑफ साइड नियम' फुटबॉल खेल से संबंधित है। यह विश्व का सबसे प्रसिद्ध खेल है जो विश्व के सबसे ज्यादा देशों के मध्य खेला जाता है। इसका नियंत्रण 'फीफा' द्वारा किया जाता है। ऑफ साइड नियम के अनुसार, आगे का खिलाड़ी गेंद के बिना दूसरे बचाव खिलाड़ी के आगे नहीं जा | + | ||'ऑफ साइड नियम' [[फुटबॉल]] खेल से संबंधित है। यह विश्व का सबसे प्रसिद्ध खेल है जो विश्व के सबसे ज्यादा देशों के मध्य खेला जाता है। इसका नियंत्रण 'फीफा' द्वारा किया जाता है। ऑफ साइड नियम के अनुसार, आगे का खिलाड़ी गेंद के बिना दूसरे बचाव खिलाड़ी के आगे नहीं जा सकता है। अगर कोई खिलाड़ी सभी विपक्षी खिलाड़ियों से आगे निकल आए गेंद उसको पास की जाए. तो उसे ऑफ साइड करार दिया जाता है। |
{ट्रम्पोलिन किस खेल से संबंधित है? (शारीरिक शिक्षा,पृ.सं-210 प्रश्न-77 | {ट्रम्पोलिन किस खेल से संबंधित है? (शारीरिक शिक्षा,पृ.सं-210 प्रश्न-77 | ||
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− | -तैराकी | + | -[[तैराकी]] |
-बाउलिंग | -बाउलिंग | ||
-तलवार बाजी | -तलवार बाजी | ||
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-मायोलॉजी | -मायोलॉजी | ||
-इनमें से कोई नहीं | -इनमें से कोई नहीं | ||
− | ||अस्थि | + | ||अस्थि विज्ञान के अंतर्गत हड्डियों का अध्ययन किया जाता है। यह मानव विज्ञान और पुरातत्त्व की एक शाखा है। [[मांसपेशी|मांसपेशियों]] का अध्ययन मायोलॉजी कहलाता है। |
{गोला फेंकने के सेक्टर का कोण है- (शारीरिक शिक्षा,पृ.सं-217 प्रश्न-10 | {गोला फेंकने के सेक्टर का कोण है- (शारीरिक शिक्षा,पृ.सं-217 प्रश्न-10 | ||
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||गोले का भार पूरुषों के लिए लगभग 7.260 किग्रा. तथा महिलाओं के लिए लगभग 4 किग्रा होता है। सेक्टर का कोण 34.920 तथा सर्कल का व्यास 2.135 मी. होता है। | ||गोले का भार पूरुषों के लिए लगभग 7.260 किग्रा. तथा महिलाओं के लिए लगभग 4 किग्रा होता है। सेक्टर का कोण 34.920 तथा सर्कल का व्यास 2.135 मी. होता है। | ||
− | {ओलंपिक ध्वज में शामिल है- (शारीरिक शिक्षा,पृ.सं-169 प्रश्न-176 | + | {[[ओलंपिक खेल|ओलंपिक ध्वज]] में शामिल है- (शारीरिक शिक्षा,पृ.सं-169 प्रश्न-176 |
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+बिना किसी किनारे के सफेद पृष्ठभूमि और बीच में ओकंपिक प्रतीक चिह्न। | +बिना किसी किनारे के सफेद पृष्ठभूमि और बीच में ओकंपिक प्रतीक चिह्न। | ||
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-काले किनारे के साथ पीली पृष्ठभूमि और दाएं कोने में शीर्ष पर ओलंपिक प्रतीक चिह्न। | -काले किनारे के साथ पीली पृष्ठभूमि और दाएं कोने में शीर्ष पर ओलंपिक प्रतीक चिह्न। | ||
-बिना किसी किनारे के धूसर पृष्ठभूमि और बीच में ओलंपिक प्रतीक चिह्न। | -बिना किसी किनारे के धूसर पृष्ठभूमि और बीच में ओलंपिक प्रतीक चिह्न। | ||
− | ||ओलंपिक ध्वज में बिना किसी किनारे के सफेद पृष्ठभूमि एवं बीच में ओलंपिक प्रतीक चिह्न शामिल होता है। ओलंपिक ध्वज सफेद सिल्क का बना होता है जिस पर पांच छल्ले होते हैं। ये छल्ले आपस में जुड़े होते हैं जो विश्व के पांच महाद्वीपों तथा अमेरिका, यूरोप, ऑस्ट्रेलिया, एशिया एवं अफ्रीका का प्रतिनिधित्व करते हैं? | + | ||[[ओलंपिक खेल|ओलंपिक ध्वज]] में बिना किसी किनारे के सफेद पृष्ठभूमि एवं बीच में ओलंपिक प्रतीक चिह्न शामिल होता है। ओलंपिक ध्वज सफेद सिल्क का बना होता है जिस पर पांच छल्ले होते हैं। ये छल्ले आपस में जुड़े होते हैं जो विश्व के पांच [[महाद्वीप|महाद्वीपों]] तथा [[अमेरिका]], [[यूरोप]], [[ऑस्ट्रेलिया]], [[एशिया]] एवं [[अफ्रीका]] का प्रतिनिधित्व करते हैं? |
− | {"पट अवस्था में | + | {"पट अवस्था में अर्थात् छाती के बल लेटना, दाईं बांह ऊपर की ओर और बाईं बांह बगल में रखना, इसके बाद दाईं बांह को सिर के ऊपर बाईं ओर उठाना, बाएं हाथ से नीचे दबाना और फिर बाएं नितंब को ऊपर उठाना" यह व्यायाम----- विकृति के लिए लाभदायक है।(शारीरिक शिक्षा,पृ.सं-175 प्रश्न-118 |
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+काइफोसिस | +काइफोसिस | ||
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-राउंड सोल्डर | -राउंड सोल्डर | ||
-नॉक की | -नॉक की | ||
− | ||पीछे का कूबड़ या काइफोसिस में रीढ़ की अस्थियां पीछे की ओर हो जाती हैं। इस दशा में छाती सीधी नहीं होती तथा सिर एवं गर्दन आगे की ओर झुकी होती है। इस विकृति के उपचार हेतु निम्न उपाय करते हैं- | + | ||पीछे का कूबड़ या काइफोसिस में रीढ़ की अस्थियां पीछे की ओर हो जाती हैं। इस दशा में छाती सीधी नहीं होती तथा सिर एवं गर्दन आगे की ओर झुकी होती है। इस विकृति के उपचार हेतु निम्न उपाय करते हैं- पट अवस्था में अर्थात छाती के बल लेटना, दाई बांह ऊपर की ओर एवं बाई बांह बगल में रखना, इसके बाद दाईं बांह को सिर के ऊपर बाईं ओर उठाना, बाएं हाथ से नीचे दबाना एवं फिर बाएं नितंब को ऊपर उठाना। .सोने के दौरान अपने पीठ के नीचे हमेशा तकिया अवश्य रखें। |
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-आराम करके | -आराम करके | ||
-मालिश के द्वारा | -मालिश के द्वारा | ||
− | ||स्प्रेन (Sprain), स्ट्रेन (Strain) एवं कंट्यूशन (Contusion) आदि के शीघ्र उपचार के लिए चार कदम उठाए जाते हैं, जिसे RICE कहते हैं जो Rest, Ice, | + | ||स्प्रेन (Sprain), स्ट्रेन (Strain) एवं कंट्यूशन (Contusion) आदि के शीघ्र उपचार के लिए चार कदम उठाए जाते हैं, जिसे RICE कहते हैं जो Rest, Ice, Compression तथा Elevation का संक्षिप्त रूप है। इनका विवरण निम्नलिखित है- विश्राम Rest- जैसे ही चोट लगे गतिविधि को रोकना चाहिए एवं रोगी को विश्राम दें। बर्फ Ice- चोट के बाद संभव हो, तो जख्मी हिस्से में बर्फ लगाएं। दबाना Compression- चोट वाले स्थान पर बर्फ लगाने के बाद दबाना चाहिए। उठाना Elevation- अंत में चोट लगे स्थान को ऊपर उठाना चाहिए। |
{अगर हम किसी सिक्के को चार बार उछालें तो उसमें हेड और टेल आने की संभावना कितनी बार होगी? (शारीरिक शिक्षा,पृ.सं-6 प्रश्न-8 | {अगर हम किसी सिक्के को चार बार उछालें तो उसमें हेड और टेल आने की संभावना कितनी बार होगी? (शारीरिक शिक्षा,पृ.सं-6 प्रश्न-8 | ||
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+सोलह बार | +सोलह बार | ||
-बत्तीस बार | -बत्तीस बार | ||
− | ||अगर हम किसी सिक्के को चार बार उछालते हैं, तो दो संभावनाएं है- 1.हेड 2.टेल अत: हेड अथवा टेल आने की कुल संभावनाएं= 2^4=16 | + | ||अगर हम किसी सिक्के को चार बार उछालते हैं, तो दो संभावनाएं है- 1.हेड 2.टेल अत: हेड अथवा टेल आने की कुल संभावनाएं= 2^4=16 |
− | {प्रथम विश्व कप फुटबॉल कहां आयोजित किया गया था? (शारीरिक शिक्षा,पृ.सं-37 प्रश्न-21 | + | {प्रथम विश्व कप [[फुटबॉल]] कहां आयोजित किया गया था? (शारीरिक शिक्षा,पृ.सं-37 प्रश्न-21 |
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+उरूग्वे | +उरूग्वे | ||
− | -फ्रांस | + | -[[फ्रांस]] |
-कनाडा | -कनाडा | ||
− | -ब्राजील | + | -[[ब्राजील]] |
− | ||प्रथम फुटबॉल विश्व कप का आयोजन वर्ष 1930 में उरूग्वे में किया गया था। उरूग्वे ने यह विश्व कप, फाइनल में अर्जेंटीना को | + | ||प्रथम फुटबॉल विश्व कप का आयोजन वर्ष [[1930]] में उरूग्वे में किया गया था। उरूग्वे ने यह विश्व कप, फाइनल में अर्जेंटीना को 4-2 से पराजित कर जीत लिया था। |
{निम्न में से कौन-सी 'खेलने की सतह' नहीं है? (शारीरिक शिक्षा,पृ.सं-203 प्रश्न-9 | {निम्न में से कौन-सी 'खेलने की सतह' नहीं है? (शारीरिक शिक्षा,पृ.सं-203 प्रश्न-9 | ||
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-धन | -धन | ||
− | -कला | + | -[[कला]] |
− | -साहित्य | + | -[[साहित्य]] |
+संस्कृति | +संस्कृति | ||
||दिए गए विकल्पों में समाजशास्त्र के दृष्टिकोण से मानव व्यक्तित्व के विकास में संस्कृति ही सबसे अधिक सुसाध्य एवं महत्त्वपूर्ण कारक है। | ||दिए गए विकल्पों में समाजशास्त्र के दृष्टिकोण से मानव व्यक्तित्व के विकास में संस्कृति ही सबसे अधिक सुसाध्य एवं महत्त्वपूर्ण कारक है। | ||
− | {मांसपेशियों का अध्ययन कहलाता है- (शारीरिक शिक्षा,पृ.सं-216 प्रश्न-129 | + | {[[मांसपेशी|मांसपेशियों]] का अध्ययन कहलाता है- (शारीरिक शिक्षा,पृ.सं-216 प्रश्न-129 |
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-ओस्टियोलॉजी | -ओस्टियोलॉजी | ||
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+मायोलॉजी | +मायोलॉजी | ||
-न्यूरोलॉजी | -न्यूरोलॉजी | ||
− | ||मांसपेशियों के अध्ययन को मायोलॉजी कहते हैं। न्यूरोलॉजी के अंतर्गत तंत्रिका तंत्र के रोगों से संबंधित अध्ययन किया जाता है। | + | ||[[मांसपेशी|मांसपेशियों]] के अध्ययन को मायोलॉजी कहते हैं। न्यूरोलॉजी के अंतर्गत [[तंत्रिका तंत्र]] के रोगों से संबंधित अध्ययन किया जाता है। |
{वॉलीबॉल में सिर से ऊपर बॉल पास देने में- (शारीरिक शिक्षा,पृ.सं-217 प्रश्न-11 | {वॉलीबॉल में सिर से ऊपर बॉल पास देने में- (शारीरिक शिक्षा,पृ.सं-217 प्रश्न-11 | ||
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||ओवर हेड पास देने के लिए दोनों हाथ चेहरे के सामने, कुहनियां मुड़ी हुई तथा शरीर के काफी पास होनी चाहिए माथे के सामने तथा अंगुनियों की टिप्स से पास देना चाहिए। ऐसा करते हुए घुटने तथा बाजू पास देने की दिशा में खुलने चाहिए। | ||ओवर हेड पास देने के लिए दोनों हाथ चेहरे के सामने, कुहनियां मुड़ी हुई तथा शरीर के काफी पास होनी चाहिए माथे के सामने तथा अंगुनियों की टिप्स से पास देना चाहिए। ऐसा करते हुए घुटने तथा बाजू पास देने की दिशा में खुलने चाहिए। | ||
− | {भारतीय ओलंपिक संघ ( | + | {भारतीय ओलंपिक संघ (L.O.A) का गठन किस वर्ष किया गया था? (शारीरिक शिक्षा,पृ.सं-169 प्रश्न-177 |
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− | -1925 | + | -[[1925]] |
− | -1926 | + | -[[1926]] |
− | +1927 | + | +[[1927]] |
− | -1928 | + | -[[1928]] |
− | ||भारतीय ओलंपिक संघ-वर्ष 1927 में बनाया गया। श्री दोराबजी टाटा इसके पहले अध्यक्ष थे। भारतीय ओलंपिक संघ अंतर्राष्ट्रीय ओलंपिक समिति संघ | + | ||भारतीय ओलंपिक संघ-वर्ष [[1927]] में बनाया गया। श्री दोराबजी टाटा इसके पहले अध्यक्ष थे। भारतीय ओलंपिक संघ अंतर्राष्ट्रीय ओलंपिक समिति संघ समिति से संबंद्ध है। |
{श्वसन तंत्र---- एक किस्म की ट्यूब होती है जो बेलनाकार होती है और इसे 'श्वास नली' भी कहते हैं। (शारीरिक शिक्षा,पृ.सं-175 प्रश्न-119 | {श्वसन तंत्र---- एक किस्म की ट्यूब होती है जो बेलनाकार होती है और इसे 'श्वास नली' भी कहते हैं। (शारीरिक शिक्षा,पृ.सं-175 प्रश्न-119 | ||
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-फैरिंक्स | -फैरिंक्स | ||
-ब्रॉन्की | -ब्रॉन्की | ||
− | ||श्वसन तंत्र से संबंधित महत्त्वपूर्ण अंग हैं- 1.नाक 2.ग्रसनिका 3.लैरिंक्स 4.ट्रैकिया, 5.वायु नलियां, 6.डायाफ्राम एवं 7. | + | ||श्वसन तंत्र से संबंधित महत्त्वपूर्ण अंग हैं- 1.नाक 2.ग्रसनिका 3.लैरिंक्स 4.ट्रैकिया, 5.वायु नलियां, 6.डायाफ्राम एवं 7.[[फेफड़ा]]। इनमें ट्रैकिया को हम श्वास नली भी कहते हैं। यह बेलनाकार होती है। |
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-अर्घ सचल संधि | -अर्घ सचल संधि | ||
-स्थैतिक संधि | -स्थैतिक संधि | ||
− | ||गतिशीलता के आधार पर अस्थि संधियां तीन प्रकार की होती हैं- (a)सचल संधि (Movable joints) इन संधियों में स्वतंत्र गति होती है। (b)अचल संधि (Immovable joints) जिसमें बिल्कुल भी गति नहीं होती। (c)अर्घ सचल संधि (slightly or semi movable joints) जिनमें बहुत कम या आंशिक गति होती है। हिंज संधि | + | ||गतिशीलता के आधार पर अस्थि संधियां तीन प्रकार की होती हैं- (a)सचल संधि (Movable joints) इन संधियों में स्वतंत्र गति होती है। (b)अचल संधि (Immovable joints) जिसमें बिल्कुल भी गति नहीं होती। (c)अर्घ सचल संधि (slightly or semi movable joints) जिनमें बहुत कम या आंशिक गति होती है। हिंज संधि सचल संधि का एक उदाहरण है। |
{'स्किनर' के द्वारा 'सीखने' से संबंधित दी गई परिभाषा है- (शारीरिक शिक्षा,पृ.सं-23 प्रश्न-9 | {'स्किनर' के द्वारा 'सीखने' से संबंधित दी गई परिभाषा है- (शारीरिक शिक्षा,पृ.सं-23 प्रश्न-9 | ||
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+सीखना, व्यवहार में उत्तरोत्तर सामंजस्य की प्रक्रिया है। | +सीखना, व्यवहार में उत्तरोत्तर सामंजस्य की प्रक्रिया है। | ||
-सीखना, वातावरण का संगठन है। | -सीखना, वातावरण का संगठन है। | ||
− | -संपूर्ण | + | -संपूर्ण परिस्थिति का संगठन ही सीखना है। |
||स्किनर के अनुसार, सीखना व्यवहार में उत्तरोत्तर सामंजस्य की प्रक्रिया है। स्किनर की 'सीखने से संबंधित परिभाषा' यह स्पष्ट करती है कि सीखना व्यवहार में एक प्रकार का परिवर्तन है। अत: सीखने की प्रक्रिया में व्यवहारों में उत्तरोत्तर सामंजस्य स्थापित होता है। | ||स्किनर के अनुसार, सीखना व्यवहार में उत्तरोत्तर सामंजस्य की प्रक्रिया है। स्किनर की 'सीखने से संबंधित परिभाषा' यह स्पष्ट करती है कि सीखना व्यवहार में एक प्रकार का परिवर्तन है। अत: सीखने की प्रक्रिया में व्यवहारों में उत्तरोत्तर सामंजस्य स्थापित होता है। | ||
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-पांच | -पांच | ||
-छ: | -छ: | ||
− | ||राष्ट्रीय अध्यापक शिक्षा परिषद (National Conucil of teacher Edu-cation- NCTE) भारत सरकार की एक संख्या है। इसकी स्थापना राष्ट्रीय अध्यापक शिक्षा परिषद अधिनियम, 1993 के तहत 17 अगस्त, 1995 को की गई। इसका उत्तरदायित्व भारतीय शिक्षा प्रणाली की मानक प्रक्रियाओं एवं धारओं की स्थापना तथा निरीक्षण करना है। इसकी चार क्षेत्रीय समितियां है- पूर्वी, पश्चिमी, उत्तरी तथा दक्षिणी। | + | ||राष्ट्रीय अध्यापक शिक्षा परिषद (National Conucil of teacher Edu-cation- NCTE) [[भारत सरकार]] की एक संख्या है। इसकी स्थापना राष्ट्रीय अध्यापक शिक्षा परिषद अधिनियम, [[1993]] के तहत [[17 अगस्त]], [[1995]] को की गई। इसका उत्तरदायित्व भारतीय शिक्षा प्रणाली की मानक प्रक्रियाओं एवं धारओं की स्थापना तथा निरीक्षण करना है। इसकी चार क्षेत्रीय समितियां है- पूर्वी, पश्चिमी, उत्तरी तथा दक्षिणी। |
{अंतराल प्रशिक्षण विधि का प्रतिपादन किसने किया? (शारीरिक शिक्षा,पृ.सं-37 प्रश्न-22 | {अंतराल प्रशिक्षण विधि का प्रतिपादन किसने किया? (शारीरिक शिक्षा,पृ.सं-37 प्रश्न-22 | ||
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-टोनी क्रूज | -टोनी क्रूज | ||
-पॉनो नूरसी | -पॉनो नूरसी | ||
− | ||अंतराल प्रशिक्षण विधि का प्रतिपादन फिनलैंड के प्रसिद्ध एथलीट कोच बिकिला द्वारा वर्ष 1920 में किया गया था। | + | ||अंतराल प्रशिक्षण विधि का प्रतिपादन फिनलैंड के प्रसिद्ध एथलीट कोच बिकिला द्वारा वर्ष [[1920]] में किया गया था। |
{जवाहरलाल नेहरू कप किसे खेल से संबंधित है? (शारीरिक शिक्षा,पृ.सं-203 प्रश्न-10 | {जवाहरलाल नेहरू कप किसे खेल से संबंधित है? (शारीरिक शिक्षा,पृ.सं-203 प्रश्न-10 | ||
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− | +क्रिकेट | + | +[[क्रिकेट]] |
− | -कबड्डी | + | -[[कबड्डी]] |
− | -हॉकी | + | -[[हॉकी]] |
− | -फुटबॉल | + | -[[फुटबॉल]] |
− | ||जवाहरलाल नेहरू कप क्रिकेट से संबंधित है जबकि नेहरू ट्रॉफी का संबंध हॉकी खेल एवं बॉट रेस से है। नेहरू गोल्ड कप या नेहरू कप फुटबॉल खेल में प्रदान की जाती है। एशेज, ईरानी ट्रॉफी, ट्वेंटी-20 वर्ल्ड कप, | + | ||जवाहरलाल नेहरू कप [[क्रिकेट]] से संबंधित है जबकि नेहरू ट्रॉफी का संबंध [[हॉकी|हॉकी खेल]] एवं बॉट रेस से है। नेहरू गोल्ड कप या नेहरू कप [[फुटबॉल|फुटबॉल खेल]] में प्रदान की जाती है। एशेज, ईरानी ट्रॉफी, ट्वेंटी-20 वर्ल्ड कप, चैंपियंन ट्रॉफी आदि क्रिकेट की प्रमुख टूर्नामेंट्स हैं। आयोग द्वारा जारी उत्तर कुंजी में इस प्रश्न को मूल्यांकन से बाहर कर दिया गया है। |
− | {किसी प्रक्रिया की धुरी सदैव समतल पर | + | {किसी प्रक्रिया की धुरी सदैव समतल पर बनाती है- (शारीरिक शिक्षा,पृ.सं-211 प्रश्न-79 |
|type="()"} | |type="()"} | ||
-न्यून कोण | -न्यून कोण | ||
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||किसी प्रक्रिया की धुरी सदैव समतल पर समकोण बनता है। | ||किसी प्रक्रिया की धुरी सदैव समतल पर समकोण बनता है। | ||
− | {शरीर में लंबी हड्डियों का कार्य है- (शारीरिक शिक्षा,पृ.सं-216 प्रश्न-130 | + | {[[मानव शरीर|शरीर]] में लंबी हड्डियों का कार्य है- (शारीरिक शिक्षा,पृ.सं-216 प्रश्न-130 |
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-ताकत देना | -ताकत देना | ||
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+लीवर का कार्य करना | +लीवर का कार्य करना | ||
-मांसपेशियों को धरातल देना | -मांसपेशियों को धरातल देना | ||
− | ||शरीर में लंबी हड्डियां | + | ||[[मानव शरीर|शरीर]] में लंबी हड्डियां मुख्यत: लीवर (उत्तोलक) का कार्य करती है। शरीर की अन्य विभिन्न प्रकार के अस्थियां सुरक्षा संतुलन तथा सभी कठिन कार्यों के क्रियांवयन में सहायता करती हैं। |
− | {हॉकी में 'पुश पास' दिया जाता है जब सहयोगी खिलाड़ी खड़ा हो-- (शारीरिक शिक्षा,पृ.सं-217 प्रश्न-12 | + | {[[हॉकी]] में 'पुश पास' दिया जाता है जब सहयोगी खिलाड़ी खड़ा हो-- (शारीरिक शिक्षा,पृ.सं-217 प्रश्न-12 |
|type="()"} | |type="()"} | ||
+थोड़ी दूरी पर | +थोड़ी दूरी पर | ||
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-जब विरोधी खिलाड़ी आपके और सहयोगी खिलाड़ी के बीच हो | -जब विरोधी खिलाड़ी आपके और सहयोगी खिलाड़ी के बीच हो | ||
-जब पास गति से देना है | -जब पास गति से देना है | ||
− | ||हॉकी में 'पुश पास' दिया जाता है जब सहयोगी खिलाड़ी थोड़ी दूरी पर या 10-15 मीटर पर खड़ा हो। अन्य शब्दाबली फ्लिक, स्कूप, ड्रिब्लिंग, टैक्लिंम, कॉर्नर, | + | ||[[हॉकी]] में 'पुश पास' दिया जाता है जब सहयोगी खिलाड़ी थोड़ी दूरी पर या 10-15 मीटर पर खड़ा हो। अन्य शब्दाबली फ्लिक, स्कूप, ड्रिब्लिंग, टैक्लिंम, कॉर्नर, पेनल्टी कॉर्नर, पुश इन, डोज़ आदि हैं। |
{निम्नलिखित में से क्या स्वास्थ्य से जुड़ा फिटनेस घटक है? (शारीरिक शिक्षा,पृ.सं-169 प्रश्न-178 | {निम्नलिखित में से क्या स्वास्थ्य से जुड़ा फिटनेस घटक है? (शारीरिक शिक्षा,पृ.सं-169 प्रश्न-178 | ||
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||दिए गए विकल्पों में पेशीय सहनशक्ति स्वास्थ्य से जुड़ा फिटनेस घटक है। | ||दिए गए विकल्पों में पेशीय सहनशक्ति स्वास्थ्य से जुड़ा फिटनेस घटक है। | ||
− | {योग के एक तत्व के रूप में--- आत्म नियंत्रण की एक प्रक्रिया है जिसमें कोई व्यक्ति अपनी इंद्रियों पर नियंत्रण करने में | + | {[[योग]] के एक तत्व के रूप में--- आत्म नियंत्रण की एक प्रक्रिया है जिसमें कोई व्यक्ति अपनी इंद्रियों पर नियंत्रण करने में सक्षम हो जाता है और मानसिक एकाग्रता को बाधित करने वाली बाहरी वस्तुओं द्वारा इंद्रियों में कोई हरकत नहीं होती। (शारीरिक शिक्षा,पृ.सं-176 प्रश्न-120 |
|type="()"} | |type="()"} | ||
− | -धारणा | + | -[[धारणा]] |
− | -ध्यान | + | -[[ध्यान]] |
+प्रत्याहार | +प्रत्याहार | ||
-समाधि | -समाधि | ||
− | ||प्रत्याहार एक आत्म नियंत्रण की प्रक्रिया है जिसमें व्यक्ति अपनी इंद्रियों पर नियंत्रण करने के योग्य हो जाता है। वास्तव में मस्तिष्क व इंद्रियों को अंतर्मुखी करना ही प्रत्याहार कहलाता है। | + | ||प्रत्याहार एक आत्म नियंत्रण की प्रक्रिया है जिसमें व्यक्ति अपनी इंद्रियों पर नियंत्रण करने के योग्य हो जाता है। वास्तव में [[मस्तिष्क]] व इंद्रियों को अंतर्मुखी करना ही प्रत्याहार कहलाता है। |
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10:56, 22 दिसम्बर 2016 का अवतरण
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