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||गुलाबी कीट- [[कपास]], आरा मक्खी- सरसों, फल मक्खी- [[भिण्डी]], घाड बोरर- [[चना]] | ||गुलाबी कीट- [[कपास]], आरा मक्खी- सरसों, फल मक्खी- [[भिण्डी]], घाड बोरर- [[चना]] | ||
− | {धान के पुआल में नाइट्रोजन कितना पाया जाता है? (कृषि सामान्य ज्ञान,पृ.सं-33,प्रश्न-43 | + | {[[धान]] के पुआल में [[नाइट्रोजन]] कितना पाया जाता है? (कृषि सामान्य ज्ञान,पृ.सं-33,प्रश्न-43 |
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+मूँग-राधे | +मूँग-राधे | ||
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{धूल किस माह में कम गिरती है? (कृषि सामान्य ज्ञान,पृ.सं-48,प्रश्न-43 | {धूल किस माह में कम गिरती है? (कृषि सामान्य ज्ञान,पृ.सं-48,प्रश्न-43 | ||
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− | +जुलाई | + | +[[जुलाई]] |
− | -नवम्बर | + | -[[नवम्बर]] |
− | -मई | + | -[[मई]] |
− | -जून | + | -[[जून]] |
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{'मलिका (Malika-'K-75') किस फ़सल की प्रजाति है? (कृषि सामान्य ज्ञान,पृ.सं-70,प्रश्न-113 | {'मलिका (Malika-'K-75') किस फ़सल की प्रजाति है? (कृषि सामान्य ज्ञान,पृ.सं-70,प्रश्न-113 | ||
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− | -चना | + | -[[चना]] |
− | -मटर | + | -[[मटर]] |
+मसूर | +मसूर | ||
-अलसी | -अलसी | ||
||'राधे K-468' चने की प्रजाति है, 'मालिका K-75' मसूर की प्रजाति है तथा K-2, लक्ष्मी-27, जवाहर-18 अलसी की प्रजातियाँ हैं। | ||'राधे K-468' चने की प्रजाति है, 'मालिका K-75' मसूर की प्रजाति है तथा K-2, लक्ष्मी-27, जवाहर-18 अलसी की प्रजातियाँ हैं। | ||
− | {अल्बर्ट मेयर का नाम सम्बद्ध है | + | {अल्बर्ट मेयर का नाम किस परियोजना से सम्बद्ध है?(कृषि सामान्य ज्ञान,पृ.सं-73,प्रश्न-29 |
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− | -नीलखेती विकास परियोजना | + | -नीलखेती विकास परियोजना |
− | -फिरका विकास परियोजना | + | -फिरका विकास परियोजना |
− | +इटावा अग्रगामी परियोजना | + | +इटावा अग्रगामी परियोजना |
− | -श्री निकेतन परियोजना | + | -श्री निकेतन परियोजना |
{फूलगोभी में व्हिप टेल रोग किसकी कमी से फैलता है? (कृषि सामान्य ज्ञान,पृ.सं-78,प्रश्न-108 | {फूलगोभी में व्हिप टेल रोग किसकी कमी से फैलता है? (कृषि सामान्य ज्ञान,पृ.सं-78,प्रश्न-108 | ||
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− | -नाइट्रोजन | + | -[[नाइट्रोजन]] |
− | - | + | -[[बोरोन]] |
− | + | + | +[[मोलिब्डेनम]] |
− | -जिंक | + | -[[जिंक]] |
− | ||फूलगोभी में | + | ||[[फूलगोभी]] में [[मोलिब्डेनम]] की कमी से व्हिप टेल रोग लगता है। [[नाइट्रोजन]] की कमी से वटनिंग रोग लगता है तथा [[बोरोन]] की कमी से हॉलो स्टैम्ब नामक रोग लगता है। |
− | {हरित क्रांति मुख्यत: सफल रही | + | {[[हरित क्रांति]] मुख्यत: किस फ़सल के लिए सफल रही?(कृषि सामान्य ज्ञान,पृ.सं-83,प्रश्न-39 |
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− | -धान | + | -[[धान]] |
− | +गेहूँ | + | +[[गेहूँ]] |
− | -मक्का | + | -[[मक्का]] |
− | -चना | + | -[[चना]] |
− | ||हरित क्रांति की शुरुआत भारत में वर्ष 1965-1966 में हुई। भारत में हरित क्रांति का सबसे अधिक लाभ गेहूँ की फ़सल को हुआ। हरित क्रांति के जन्मदाता N.E. वोरलॉग थे, परंतु भारत में हरित क्रांति के जन्म दाता एम.एस. स्वामीनाथन हैं। | + | ||[[हरित क्रांति]] की शुरुआत [[भारत]] में वर्ष [[1965]]-[[1966]] में हुई। भारत में हरित क्रांति का सबसे अधिक लाभ [[गेहूँ]] की फ़सल को हुआ। हरित क्रांति के जन्मदाता N.E. वोरलॉग थे, परंतु भारत में हरित क्रांति के जन्म दाता एम.एस. स्वामीनाथन हैं। |
− | {प्रति हैक्टेयर आलू के लिए बीज दर है | + | {प्रति हैक्टेयर [[आलू]] के लिए बीज दर क्या है? (कृषि सामान्य ज्ञान,पृ.सं-76,प्रश्न-68 |
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+25 कुन्तल/हैक्टेयर | +25 कुन्तल/हैक्टेयर | ||
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-15 कुन्तल/हैक्टेयर | -15 कुन्तल/हैक्टेयर | ||
-40 कुन्तल/हैक्टेयर | -40 कुन्तल/हैक्टेयर | ||
− | ||आलू के बीच के लिए 2.5-3 | + | ||[[आलू]] के बीच के लिए 2.5-3 से.मी. व्यास के केंद्र उपयुक्त होते हैं। एक हैक्टेयर बुआई के लिए लगभग 20-25 क्विंटल बीज की जरूरत होती है। |
− | { | + | {अलैंगिक प्रजनन किससे सम्बंधित है?(कृषि सामान्य ज्ञान,पृ.सं-83,प्रश्न-49 |
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− | -परनिषेचन | + | -परनिषेचन |
− | -स्वनिषेचन | + | -स्वनिषेचन |
− | +असंगजनन | + | +असंगजनन |
− | -संगजनन | + | -संगजनन |
− | ||इस विधि में पौधों का असंगजनन जड़, तना तथा पत्ती के द्वारा होता है। | + | ||इस विधि में पौधों का असंगजनन जड़, तना तथा पत्ती के द्वारा होता है। अर्थात पौधों के वानस्पतिक भाग द्वारा किया जाता है। |
{थर्मोफिलिक जीवाणुओं की वृद्धि किस तापमान पर अधिक होती है? (कृषि सामान्य ज्ञान,पृ.सं-87,प्रश्न-108 | {थर्मोफिलिक जीवाणुओं की वृद्धि किस तापमान पर अधिक होती है? (कृषि सामान्य ज्ञान,पृ.सं-87,प्रश्न-108 | ||
|type="()"} | |type="()"} | ||
− | - | + | -5 <sup>०</sup>C- 7 <sup>०</sup>C |
− | -10 | + | -10 <sup>०</sup>C- 20 <sup>०</sup>C |
− | - | + | -20 <sup>०</sup>C- 40 <sup>०</sup>C |
− | +50 | + | +50 <sup>०</sup>C- 60 <sup>०</sup>C |
− | {कौन-सा फल उष्ण कटिबन्ध से सम्बंधित है? (कृषि सामान्य ज्ञान,पृ.सं-33,प्रश्न-44 | + | {कौन-सा फल [[उष्ण कटिबन्ध]] से सम्बंधित है? (कृषि सामान्य ज्ञान,पृ.सं-33,प्रश्न-44 |
|type="()"} | |type="()"} | ||
− | -नींबू | + | -[[नींबू]] |
− | -लीची | + | -[[लीची]] |
− | +आम | + | +[[आम]] |
− | -सेब | + | -[[सेब]] |
− | ||आम,केला,पपीता,अनन्नास,कटहल,चीकू या सपोटा आदि उष्ण कटिबन्ध फल है। | + | ||[[आम]], [[केला]], [[पपीता]], [[अनन्नास]], कटहल, [[चीकू]] या सपोटा आदि उष्ण कटिबन्ध फल है। |
− | {कृष्ण | + | {कृष्ण किसकी प्रजाति है? (कृषि सामान्य ज्ञान,पृ.सं-41,प्रश्न-40 |
|type="()"} | |type="()"} | ||
− | -तोरिया | + | -तोरिया |
− | +राई | + | +राई |
− | -पीली सरसों | + | -पीली सरसों |
− | -भूरी सरसों | + | -भूरी सरसों |
− | {धान की फ़सल में हिस्सा की रोकथाम के लिए इण्डोसल्फान 35 ई.सी. की कितने लीटर मात्रा को पानी में मिलाकर छिड़काव किया जाना चाहिए? (कृषि सामान्य ज्ञान,पृ.सं-48,प्रश्न-41 | + | {[[धान]] की फ़सल में हिस्सा की रोकथाम के लिए इण्डोसल्फान 35 ई.सी. की कितने लीटर मात्रा को पानी में मिलाकर छिड़काव किया जाना चाहिए? (कृषि सामान्य ज्ञान,पृ.सं-48,प्रश्न-41 |
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− | + | + | +1 लीटर |
− | - | + | -2 लीटर |
-3 लीटार | -3 लीटार | ||
-1.5 लीटर | -1.5 लीटर | ||
− | ||धान की खेती में हिस्सा की रोकथाम के लिए इण्डोसल्फान 35 ई.सी. का 1.25 लीटर या इण्डोसल्फान 50 ई.सी. की 1.00 लीटर मात्रा पानी में घोलकर छिड़काव करें। | + | ||[[धान]] की खेती में हिस्सा की रोकथाम के लिए इण्डोसल्फान 35 ई.सी. का 1.25 लीटर या इण्डोसल्फान 50 ई.सी. की 1.00 लीटर मात्रा पानी में घोलकर छिड़काव करें। |
− | {एक हैक्टेयर गन्ने की बुआई के लिए तीन आँखों वाले गन्ने के टुकड़ों की आवश्यकता होगी- (कृषि सामान्य ज्ञान,पृ.सं-70,प्रश्न-114 | + | {एक हैक्टेयर [[गन्ना|गन्ने]] की बुआई के लिए तीन आँखों वाले गन्ने के टुकड़ों की आवश्यकता होगी- (कृषि सामान्य ज्ञान,पृ.सं-70,प्रश्न-114 |
|type="()"} | |type="()"} | ||
− | -20,000-25,000 | + | -20,000 - 25,000 |
− | +30,000-35,000 | + | +30,000 - 35,000 |
− | -40,000-50,000 | + | -40,000 - 50,000 |
− | -60,000-75,000 | + | -60,000 - 75,000 |
− | {भारत में सहकारी साख समितियों का अधिनियम पारित हुआ था | + | {[[भारत]] में सहकारी साख समितियों का अधिनियम कब पारित हुआ था? (कृषि सामान्य ज्ञान,पृ.सं-73,प्रश्न-30 |
|type="()"} | |type="()"} | ||
− | -1902 | + | -[[1902]] |
− | +1904 | + | +[[1904]] |
− | -1906 | + | -[[1906]] |
− | -1912 | + | -[[1912]] |
− | ||भारत में सहकारी आन्दोलन एफ. निकल्सन द्वारा सन् 1904 में आरम्भ किया गया, जो व्यक्तिगत वित्त पर आधारित था। | + | ||[[भारत]] में सहकारी आन्दोलन एफ. निकल्सन द्वारा सन् [[1904]] में आरम्भ किया गया, जो व्यक्तिगत वित्त पर आधारित था। |
{'एग्रीकल्चर' शब्द किस भाषा से लिया गया है? (कृषि सामान्य ज्ञान,पृ.सं-78,प्रश्न-109 | {'एग्रीकल्चर' शब्द किस भाषा से लिया गया है? (कृषि सामान्य ज्ञान,पृ.सं-78,प्रश्न-109 | ||
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-ग्रीक | -ग्रीक | ||
+लैटिन | +लैटिन | ||
− | -अरबी | + | -[[अरबी भाषा|अरबी]] |
-फ्रेंच | -फ्रेंच | ||
− | {भारतीय कृषि अनुसंधान | + | {[[भारतीय कृषि अनुसंधान परिषद]] द्वारा वर्गीकृत सस्य मौसम और पारिस्थिति की जोन की संख्या क्रमश: है- (कृषि सामान्य ज्ञान,पृ.सं-83,प्रश्न-40 |
|type="()"} | |type="()"} | ||
-8,131 | -8,131 | ||
-131,8 | -131,8 | ||
− | + | -15,131 | |
− | + | +21,15 | |
− | ||भारतीय कृषि अनुसंधान परिषद् द्वारा वर्गीकृत सस्य मौसम और परिस्थिति की जो संस्था क्रमश: 21,15 है। भारतीय कृषि अनुसंधान | + | ||भारतीय कृषि अनुसंधान परिषद् द्वारा वर्गीकृत सस्य मौसम और परिस्थिति की जो संस्था क्रमश: 21,15 है। [[भारतीय कृषि अनुसंधान परिषद]] ने यह वर्गीकरण [[जल]] की अधिकता, जल की न्यूनता तथा सर प्रणाली की दृष्टि से किया है। |
− | {कैल्सियम की कमी के लक्षण पौधों पर | + | {[[कैल्सियम]] की कमी के लक्षण पौधों के सर्वप्रथम किस भाग पर दिखाई पड़ते हैं? 69 |
|type="()"} | |type="()"} | ||
-निचली पत्तियों पर | -निचली पत्तियों पर | ||
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+अंत की पत्तियों पर | +अंत की पत्तियों पर | ||
-सभी पत्तियों पर | -सभी पत्तियों पर | ||
− | ||कैल्शियम की कमी के | + | ||[[कैल्शियम]] की कमी के लक्षण सबसे पहले पौधे की अंत की पत्तियों पर दिखाई पड़ते हैं क्योंकि कैल्शियम एक इममोवाई तत्त्व है। |
{स्वपरागण सम्बंधित है- (कृषि सामान्य ज्ञान,पृ.सं-83,प्रश्न-50 | {स्वपरागण सम्बंधित है- (कृषि सामान्य ज्ञान,पृ.सं-83,प्रश्न-50 |
13:04, 5 अप्रैल 2017 का अवतरण
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