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-मनुष्य
 
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-औजार
 
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||प्रागैतिहासिक काल के चित्रों में सबसे अधिक आखेट के चित्र मिले हैं। आदिम मनुष्य ने सांभर, महिष, गैंडा, हाथी, बारहसिंगा, घोड़ा, खरगोश, सुअर जैसे पशुओं का स्वाभाविकता के साथ अंकन किया है। यह पशु उसने अपने आखेट में देखे थे तथा उसने पन पशुओं की गति और शक्ति पर विजय प्राप्त की थी, इस कारण उसके प्रमुख चित्रण विषय के रूप में पशु जीवन का स्वभाविक था।
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||प्रागैतिहासिक काल के चित्रों में सबसे अधिक आखेट के चित्र मिले हैं। आदिम मनुष्य ने सांभर, महिष, गैंडा, [[हाथी]], [[बारहसिंगा]], [[घोड़ा]], खरगोश, [[सूअर]] जैसे पशुओं का स्वाभाविकता के साथ अंकन किया है। यह पशु उसने अपने आखेट में देखे थे तथा उसने उन पशुओं की गति और शक्ति पर विजय प्राप्त की थी, इस कारण उसके प्रमुख चित्रण विषय के रूप में पशु जीवन का आना स्वभाविक था।
  
{उत्तरी स्पेन में स्थित प्रागैतिहासिक क्षेत्र है- (कला सामान्य ज्ञान,पृ.सं-17,प्रश्न-9
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{उत्तरी स्पेन में स्थित प्रागैतिहासिक क्षेत्र कौन-सा है? (कला सामान्य ज्ञान,पृ.सं-17,प्रश्न-9
 
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-सारागोसा
 
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||उत्तरी स्पेन में कैंटेब्रिया से पिरेन तक तथा पेरिगार्ड एवं वेजन नदी की घाटियों में लगभग 100 चित्र गुफ़ाओं की शृंखला मिली है। उनमें अल्टामीरा, बसांडो, कुवा कास्टिलो, ला पेसीगा, हॉरनॉस डेला पेना, पिंडाल एवं पेना द काउडेमॉ नामक गुफ़ाएं शैलचित्रों के लिए विशेष उल्लेखनीय हैं।
 
||उत्तरी स्पेन में कैंटेब्रिया से पिरेन तक तथा पेरिगार्ड एवं वेजन नदी की घाटियों में लगभग 100 चित्र गुफ़ाओं की शृंखला मिली है। उनमें अल्टामीरा, बसांडो, कुवा कास्टिलो, ला पेसीगा, हॉरनॉस डेला पेना, पिंडाल एवं पेना द काउडेमॉ नामक गुफ़ाएं शैलचित्रों के लिए विशेष उल्लेखनीय हैं।
  
{यूरोपीय फ्रेस्को चित्रों की तकनीक का प्रभाव भारत की किस शैली पर पड़ा है?  (कला सामान्य ज्ञान,पृ.सं-37,प्रश्न-4
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{यूरोपीय फ्रेस्को चित्रों की तकनीक का प्रभाव [[भारत]] की किस शैली पर पड़ा है?  (कला सामान्य ज्ञान,पृ.सं-37,प्रश्न-4
 
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-बंगाल शैली
 
-बंगाल शैली
 
+जयपुर फ्रेस्को शैली
 
+जयपुर फ्रेस्को शैली
-मुगल शैली
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-[[मुग़ल चित्रकला|मुग़ल शैली]]
-पाल शैली
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-[[पाल चित्रकला|पाल शैली]]
||यूरोपीय फ्रेस्को चित्रों में दो तकनीक प्रयोग की जाती थी-1. फ्रेस्को बूनो, 2.फ्रेस्को सेक्को। फ्रेस्को बूनो इटली में प्रयोग की जाती थी। इटैलियन फ्रेस्को पेटिंग की तकनीक जयपुरी फ्रेस्को के समान है क्योंकि दोनों ही तकनीक में चित्र गीली सतह पर प्लास्टर करके बनाए जाते थे। जिसे 'फ्रेस्को बूनो' कहते हैं।
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||यूरोपीय फ्रेस्को चित्रों में दो तकनीक प्रयोग की जाती थी-1. फ्रेस्को बूनो, 2.फ्रेस्को सेक्को। फ्रेस्को बूनो [[इटली]] में प्रयोग की जाती थी। इटैलियन फ्रेस्को पेटिंग की तकनीक जयपुरी फ्रेस्को के समान है क्योंकि दोनों ही तकनीक में चित्र गीली सतह पर प्लास्टर करके बनाए जाते थे। जिसे 'फ्रेस्को बूनो' कहते हैं।
  
 
{नुकीले मेहराव वाले भवनों का निर्माण किस युग में हुआ? (कला सामान्य ज्ञान,पृ.सं-39,प्रश्न-14
 
{नुकीले मेहराव वाले भवनों का निर्माण किस युग में हुआ? (कला सामान्य ज्ञान,पृ.सं-39,प्रश्न-14
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+गोथिक
 
+गोथिक
 
-रोमनस्क
 
-रोमनस्क
-रोमन
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-[[रोमन साम्राज्य|रोमन]]
 
-यूनान
 
-यूनान
 
||गोथिक काल में आंतरिक एवं बाह्य सज्जा एक साथ करने का विचार किया गया। इस काल के भवन प्राय: लंबे-पतले खंभों और नुकीले मेहराबों से बने होते थे। खंभों पर मूर्तियां उत्कीर्ण हैं।
 
||गोथिक काल में आंतरिक एवं बाह्य सज्जा एक साथ करने का विचार किया गया। इस काल के भवन प्राय: लंबे-पतले खंभों और नुकीले मेहराबों से बने होते थे। खंभों पर मूर्तियां उत्कीर्ण हैं।
  
{राजस्थान की कोटा शैली के विषयों में सर्वोत्कृष्ट है- (कला सामान्य ज्ञान,पृ.सं-48,प्रश्न-9
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{[[राजस्थान]] की कोटा शैली के विषयों में निम्न में से सर्वोत्कृष्ट क्या है? (कला सामान्य ज्ञान,पृ.सं-48,प्रश्न-9
 
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+पशु
 
+पशु
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-रागमाला
 
-रागमाला
 
-नायिका
 
-नायिका
||राजस्थान की कोटा शैली के विषयों में सर्वोत्कृष्ट 'शिकार के दृश्य' हैं जिसमें कलाकारों ने दुर्गम वनों के अद्भुत दृश्यों को चित्रित किया है, साथ ही पशुओं के चित्रण को प्रमुखता दी गई है। इन पशुओं में शेर, चीता, सूअर तथा अन्य जानवर प्रमुख हैं। 'हाथियों की लड़ाई' का चित्र कोटा शैली का एक महत्त्वपूर्ण चित्र है। कोटा शैली में हल्के हरे, पीले और नीले रंग का बहुतायत प्रयोग हुआ है।
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||[[राजस्थान]] की कोटा शैली के विषयों में सर्वोत्कृष्ट 'शिकार के दृश्य' हैं जिसमें कलाकारों ने दुर्गम वनों के अद्भुत दृश्यों को चित्रित किया है, साथ ही पशुओं के चित्रण को प्रमुखता दी गई है। इन पशुओं में [[शेर]], चीता, [[सूअर]] तथा अन्य जानवर प्रमुख हैं। '[[हाथी|हाथियों]] की लड़ाई' का चित्र कोटा शैली का एक महत्त्वपूर्ण चित्र है। कोटा शैली में हल्के [[हरा रंग|हरे]], [[पीला रंग|पीले]] और [[नीला रंग|नीले रंग]] का बहुतायत प्रयोग हुआ है।
  
{बुलंद दरवाजा की ऊंचाई है- (कला सामान्य ज्ञान,पृ.सं-57,प्रश्न-9
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{बुलंद दरवाज़े की ऊंचाई कितनी है? (कला सामान्य ज्ञान,पृ.सं-57,प्रश्न-9
 
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-150 फीट
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-150 फ़ीट
-234 फीट
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+134 फीट
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+134 फ़ीट
-124 फीट
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-124 फ़ीट
||अकबर ने गुजरात विजय (1572-1573 ई.) के उपरांत 1601 ई. में फतेहपुर सीकरी में 'बुलंद दरवाजा' बनवाया था। इसकी ऊंचाई 134 फीट है। यह 42 फीट ऊंचे चबूतरे पर स्थित है। यह फतेहपुर सीकरी की जामा मस्जिद की दक्षिण दीवार में निर्मित है तथा भारत का सबसे ऊंचा और वैभवशाली प्रवेश द्वारा भी है।
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||[[अकबर]] ने गुजरात विजय (1572-1573 ई.) के उपरांत 1601 ई. में [[फतेहपुर सीकरी]] में '[[बुलंद दरवाज़ा]]' बनवाया था। इसकी ऊंचाई 134 फ़ीट है। यह 42 फ़ीट ऊंचे चबूतरे पर स्थित है। यह फतेहपुर सीकरी की [[जामा मस्जिद आगरा|जामा मस्जिद]] की दक्षिण दीवार में निर्मित है तथा [[भारत]] का सबसे ऊंचा और वैभवशाली प्रवेश द्वारा भी है।
  
{पहाड़ी चित्रों में किस रंगों का प्रयोग किया गया है? (कला सामान्य ज्ञान,पृ.सं-72,प्रश्न-9
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{[[पहाड़ी चित्रकला|पहाड़ी चित्रों]] में किस [[रंग|रंगों]] का प्रयोग किया गया है? (कला सामान्य ज्ञान,पृ.सं-72,प्रश्न-9
 
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+गहरे
 
+गहरे
 
-हल्के
 
-हल्के
-काले
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-[[काला रंग |काले]]
-सफेद
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-[[सफ़ेद रंग|सफ़ेद]]
||गुलेर क्षेत्र में प्रसूत होकर चारों ओर फैली पहाड़ी शैली में बने चित्रों का विषय रामायण, महाभारत, राजदरबार, व्यक्ति चित्र आदि रहा है। पहाड़ी शैली के चित्रों में गहरे रंगों का प्रयोग किया गया है।
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||गुलेर क्षेत्र में प्रसूत होकर चारों ओर फैली पहाड़ी शैली में बने चित्रों का विषय [[रामायण]], [[महाभारत]], राजदरबार, व्यक्ति चित्र आदि रहा है। [[पहाड़ी चित्रकला|पहाड़ी शैली]] के चित्रों में गहरे रंगों का प्रयोग किया गया है। इससे सम्बधित अन्य महत्त्वपूर्ण तथ्य निम्न प्रकार है- (1) पहाड़ी शैली का जन्म 1760 ई. में गुलेर में हुआ था। (2) पहाड़ी शैली पर [[मुग़ल चित्रकला|मुग़ल]] एवं [[राजपूत चित्रकला|राजपूत शैली]] का प्रभाव स्पष्ट दृष्टिगोचर होता है। (3) पहाड़ी शैली में बने चित्रों की मुद्राओं पर प्रेम और अनुराग की स्पष्ट अभिव्यक्ति है। (4) इस शैली के चित्रों की रेखाओं का गतिमान प्रवाह है।
अन्य महत्त्वपूर्ण तथ्य
 
.पहाड़ी शैली का जन्म 1760 ई. में गुलेर में हुआ था।
 
.पहाड़ी शैली पर मुगल एवं राजपूत शैली का प्रभाव स्पष्ट दृष्टिगोचर होता है।
 
.पहाड़ी शैली में बने चित्रों की मुद्राओं पर प्रेम और अनुराग की स्पष्ट अभिव्यक्ति है।
 
.इस शैली के चित्रों की रेखाओं का गतिमान प्रवाह है।
 
  
{तैल विधा में कार्य करने वाले प्रथम भारतीय चित्रकार हैं- (कला सामान्य ज्ञान,पृ.सं-90,प्रश्न-9
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{तैल विधा में कार्य करने वाले प्रथम भारतीय चित्रकार कौन हैं? (कला सामान्य ज्ञान,पृ.सं-90,प्रश्न-9
 
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||राजा रवि वर्मा तैल रंग की पेंटिंग के लिए जाने जाते थे। इन्होंने भारतीय जीवन और परंपरा को इस नई कला के द्वारा प्रतिष्ठा दिलाई। इस प्रकार तैल रंगों का आधुनिक चित्रकला में प्रयोग करने का श्रेय सर्वप्रथम राजा रवि वर्मा को जाता है।
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-[[नंदलाल बोस]]
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+राजा रवि वर्मा
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-[[अमृता शेरगिल]]
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-अबनींद्रनाथ टैगोर
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||राजा रवि वर्मा तैल रंग की पेंटिंग के लिए जाने जाते थे। इन्होंने भारतीय जीवन और परंपरा को इस नई [[कला]] के द्वारा प्रतिष्ठा दिलाई। इस प्रकार तैल रंगों का आधुनिक चित्रकला में प्रयोग करने का श्रेय सर्वप्रथम राजा रवि वर्मा को जाता है।
  
{बाइजेन्टाइन-कला में पीला रंग प्रतीक है- (कला सामान्य ज्ञान,पृ.सं-102,प्रश्न-10
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{बाइजेन्टाइन-कला में [[पीला रंग]] किसका प्रतीक है?(कला सामान्य ज्ञान,पृ.सं-102,प्रश्न-10
 
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-सूर्य का
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-[[सूर्य]]
-पीले फूल का
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-पीले फूल
-आग का
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-आग  
+स्वर्ग का
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+[[स्वर्ग]]
||भारतीय सौंदर्भ-दर्शन के रंगों के प्रतीकात्मक प्रयोग पर पूरा जोर दिया गया हैं। सफेद रंग शांति और सात्विकता का प्रतीक है। लाल शौर्य और वीरता का, काला बुराइयों एवं मानसिक वृत्तियों का। इसी तरह प्राचीन ईसाई एवं मध्यकालीन बाइजेंटाइन ईसाई कला में पीला रंग स्वर्ग का प्रतीक है। अंगूर की बेल 'पुनर्जीवन' की और मछली, 'पवित्रता' की। अत: प्रतीकों और चिन्हों को कला की भाषा में विशेषकर प्राचीन और मध्यकालीन युगों में जोर दिया गया है। इधर हाल में 'मॉर्डन आर्ट' में भी यदा-कदा इस प्रकार के प्रतीकों की पुनरावृत्ति शुरू हुई है।
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||भारतीय सौंदर्भ-दर्शन के [[रंग|रंगों]] के प्रतीकात्मक प्रयोग पर पूरा ज़ोर दिया गया हैं। [[सफ़ेद रंग]] शांति और सात्विकता का प्रतीक है। [[लाल रंग|लाल]] शौर्य और वीरता का, [[काला रंग|काला]] बुराइयों एवं मानसिक वृत्तियों का। इसी तरह प्राचीन ईसाई एवं मध्यकालीन बाइजेंटाइन ईसाई कला में [[पीला रंग]] [[स्वर्ग]] का प्रतीक है। [[अंगूर]] की बेल 'पुनर्जीवन' की और [[मछली]], 'पवित्रता' की। अत: प्रतीकों और चिन्हों को [[कला]] की भाषा में विशेषकर प्राचीन और मध्यकालीन युगों में ज़ोर दिया गया है। इधर हाल में 'मॉर्डन आर्ट' में भी यदा-कदा इस प्रकार के प्रतीकों की पुनरावृत्ति शुरू हुई है।
  
 
{माइकेल एंजेलो किसके समय में हुआ था? (कला सामान्य ज्ञान,पृ.सं-105,प्रश्न-9
 
{माइकेल एंजेलो किसके समय में हुआ था? (कला सामान्य ज्ञान,पृ.सं-105,प्रश्न-9
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{गोथिक शैली के स्थापत्य का जन्म इससे हुआ- (कला सामान्य ज्ञान,पृ.सं-39,प्रश्न-15
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{गोथिक शैली के स्थापत्य का जन्म किससे हुआ था? (कला सामान्य ज्ञान,पृ.सं-39,प्रश्न-15
 
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-नाट्रेडम गिर्जा से
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-नाट्रेडम गिर्जा  
+सेंट डेनिस गिर्जा से
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+सेंट डेनिस गिर्जा  
-एमिएंस गिर्जा से
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-एमिएंस गिर्जा  
-रीम्स गिर्जा से
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-रीम्स गिर्जा  
 
||गोथिक शैली के स्थापत्य का आरंभ 12वीं शताब्दी में पेरिस के बाहर निर्मित सेंट डेनिस चर्च से हुआ।
 
||गोथिक शैली के स्थापत्य का आरंभ 12वीं शताब्दी में पेरिस के बाहर निर्मित सेंट डेनिस चर्च से हुआ।
  
{कोटा स्कूल  की प्रमुख विशेषता है- (कला सामान्य ज्ञान,पृ.सं-48,प्रश्न-10
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{कोटा चित्रकला शैली की प्रमुख विशेषता क्या है?(कला सामान्य ज्ञान,पृ.सं-48,प्रश्न-10
 
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-राजकीय दृश्य
 
-राजकीय दृश्य
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+शिकार दृश्य
 
+शिकार दृश्य
 
-पोर्ट्रेचर दृश्य
 
-पोर्ट्रेचर दृश्य
||राजस्थान की कोटा शैली के विषयों में सर्वोत्कृष्ट 'शिकार के दृश्य' हैं जिसमें कलाकारों ने दुर्गम वनों के अद्भुत दृश्यों को चित्रित किया है, साथ ही पशुओं के चित्रण को प्रमुखता दी गई है। इन पशुओं में शेर, चीता, सूअर तथा अन्य जानवर प्रमुख हैं। 'हाथियों की लड़ाई' का चित्र कोटा शैली का एक महत्त्वपूर्ण चित्र है। कोटा शैली में हल्के हरे, पीले और नीले रंग का बहुतायत प्रयोग हुआ है।
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||[[राजस्थान]] की कोटा शैली के विषयों में सर्वोत्कृष्ट 'शिकार के दृश्य' हैं जिसमें कलाकारों ने दुर्गम वनों के अद्भुत दृश्यों को चित्रित किया है, साथ ही पशुओं के चित्रण को प्रमुखता दी गई है। इन पशुओं में [[शेर]], चीता, [[सूअर]] तथा अन्य जानवर प्रमुख हैं। '[[हाथी|हाथियों]] की लड़ाई' का चित्र कोटा शैली का एक महत्त्वपूर्ण चित्र है। कोटा शैली में हल्के [[हरा रंग|हरे]], [[पीला रंग|पीले]] और [[नीला रंग|नीले रंग]] का बहुतायत प्रयोग हुआ है।
  
{मुगल शैली की उत्पत्ति किन दो शैलियों के सम्मिलन से हुई- (कला सामान्य ज्ञान,पृ.सं-57,प्रश्न-10
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{[[मुग़ल चित्रकला|मुग़ल शैली]] की उत्पत्ति किन दो शैलियों के सम्मिलन से हुई? (कला सामान्य ज्ञान,पृ.सं-57,प्रश्न-10
 
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-बंगाली एवं पहाड़ी
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-बंगाली एवं [[पहाड़ी चित्रकला|पहाड़ी]]
-कांगड़ा एवं दक्खिनी
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-[[कांगड़ा चित्रकला|कांगड़ा]] एवं दक्खिनी
+राजस्थानी एवं ईरानी
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+[[राजस्थानी चित्रकला|राजस्थानी]] एवं ईरानी
 
-ईरानी एवं बंगाली
 
-ईरानी एवं बंगाली
||मुगल शैली भारतीय (राजस्थानी) एवं पर्शियन (ईरानी) शैली के सम्मिश्रण से उत्पन्न हुई। चूंकि मुगलों का प्रभाव सबसे पहले उत्तरी भारत के क्षेत्रों पर हुआ जहां पर पहले से ही राजस्थानी चित्रकला प्रचलन में थी और मुगलों ने ईरानी शैली के चित्रकारों को पहले से प्रश्रय दिया था। ऐसे में इन दोनों शैलियों के मिश्रण से इंडो-पर्शियन शैली आगे चलकर मुगल शैली के रूप में विकसित हुई।
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||[[मुग़ल चित्रकला|मुग़ल शैली]] भारतीय ([[राजस्थानी चित्रकला|राजस्थानी]]) एवं पर्शियन (ईरानी) शैली के सम्मिश्रण से उत्पन्न हुई। चूंकि [[मुग़ल साम्राज्य|मुग़लों]] का प्रभाव सबसे पहले उत्तरी भारत के क्षेत्रों पर हुआ जहां पर पहले से ही राजस्थानी चित्रकला प्रचलन में थी और मुग़लों ने ईरानी शैली के चित्रकारों को पहले से प्रश्रय दिया था। ऐसे में इन दोनों शैलियों के मिश्रण से इंडो-पर्शियन शैली आगे चलकर मुग़ल शैली के रूप में विकसित हुई।
  
 
{'मौला राम' कौन थे? (कला सामान्य ज्ञान,पृ.सं-72,प्रश्न-10
 
{'मौला राम' कौन थे? (कला सामान्य ज्ञान,पृ.सं-72,प्रश्न-10
 
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-मुगल चित्रकार
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-मुग़ल चित्रकार
 
-राजपूत चित्रकार
 
-राजपूत चित्रकार
 
+पहाड़ी चित्रकार
 
+पहाड़ी चित्रकार
 
-नेपाली चित्रकार
 
-नेपाली चित्रकार
||मौला राम एक पहाड़ी चित्रकार थे। उनके द्वारा चित्रित प्रसिद्ध चित्र 'गोवर्धन धारण' है।
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||मौला राम एक पहाड़ी चित्रकार थे। उनके द्वारा चित्रित प्रसिद्ध चित्र 'गोवर्धन धारण' है। इससे सम्बधित अन्य महत्त्वपूर्ण तथ्य निम्न प्रकार है- (1) प्रदीप शाह (1717-1772 ई.) के समय गढ़वाल चित्रशैली की उन्नत परंपरा का आरंभ हुआ। (2) सुदर्शन शाह (1815-1850 ई.) के समय में गढ़वाली चित्र शैली के कलाकारों को प्रश्रय मिला।
अन्य महत्त्वपूर्ण तथ्य
 
.प्रदीप शाह (1717-1772 ई.) के समय गढ़वाल चित्रशैली की उन्नत परंपरा का आरंभ हुआ।
 
.सुदर्शन शाह (1815-1850 ई.) के समय में गढ़वाली चित्र शैली के कलाकारों को प्रश्रय मिला।
 
  
{भारतीय की आधुनिक चित्रकला में तैल रंगों का प्रयोग सर्वप्रथम किसने किया? (कला सामान्य ज्ञान,पृ.सं-90,प्रश्न-10
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{[[भारत]] की आधुनिक चित्रकला में तैल रंगों का प्रयोग सर्वप्रथम किसने किया? (कला सामान्य ज्ञान,पृ.सं-90,प्रश्न-10
 
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-रबींद्रनाथ टैगोर
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-[[रबींद्रनाथ टैगोर]]
 
+राजा रवि वर्मा
 
+राजा रवि वर्मा
 
-बेन्द्रे
 
-बेन्द्रे
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||बाइजेंटाइन-कलाकारों ने रैवेन्ना के सान विताले के महामंदिर में पच्चीकारी के साथ ही दीवारों में स्थान-स्थान पर रंगीन कांच की खिड़कियां, मेहराब, गुंबद अर्द्धवृत्ताकार गर्भगृह आदि के साथ-साथ छतों को विभिन्न प्रकार के मणिकुट्टिम चित्रों के द्वारा अलंकृत किया है।
 
||बाइजेंटाइन-कलाकारों ने रैवेन्ना के सान विताले के महामंदिर में पच्चीकारी के साथ ही दीवारों में स्थान-स्थान पर रंगीन कांच की खिड़कियां, मेहराब, गुंबद अर्द्धवृत्ताकार गर्भगृह आदि के साथ-साथ छतों को विभिन्न प्रकार के मणिकुट्टिम चित्रों के द्वारा अलंकृत किया है।
  
{सिस्टीन चैपेल चित्र किसका बनाया हुआ है? (कला सामान्य ज्ञान,पृ.सं-105,प्रश्न-10
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{सिस्टीन चैपेल चित्र किसके द्वारा बनाया गया है? (कला सामान्य ज्ञान,पृ.सं-105,प्रश्न-10
 
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-राफेल
 
-राफेल
 
+माइकेल एंजेलो
 
+माइकेल एंजेलो
-लियोनार्दो
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-लियोनार्दो द विंसी
 
-कांसटेबल
 
-कांसटेबल
||सिस्टीन चैपेल की छत (Sistine Ctapel celling) का चित्र माइकेल एंजेलो द्वारा 1508-12 ई. के मध्य बनाया गया। छत के बीच में उत्पत्ति की किताब (Book of Genesis) के 9 चित्रों को चित्रित किया है जिसमें आदम की उत्पत्ति (The Creanion of adam) सबसे अधिक प्रसिद्ध है। यहां भित्तिचित्र भी है जो माइकेल एंजेलो द्वारा चित्रित है।
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||सिस्टीन चैपेल की छत (Sistine Ctapel celling) का चित्र माइकेल एंजेलो द्वारा 1508-12 ई. के मध्य बनाया गया। छत के बीच में उत्पत्ति की किताब (Book of Genesis) के 9 चित्रों को चित्रित किया है जिसमें आदम की उत्पत्ति (The Creanion of adam) सबसे अधिक प्रसिद्ध है। यहां भित्तिचित्र भी है जो माइकेल एंजेलो द्वारा चित्रित है। इससे सम्बधित अन्य महत्त्वपूर्ण तथ्य निम्न प्रकार है-(1) सिस्टीन चैपल, अपोस्टोलिक पैलेस (वेटिकन सिटी में पोप का आधिकारिक निवास) में एक बड़ा तथा प्रसिद्ध चैपल है।
अन्य महत्त्वपूर्ण तथ्य
 
.सिस्टीन चैपल, अपोस्टोलिक पैलेस (वेटिकन सिटी में पोप का आधिकारिक निवास) में एक बड़ा तथा प्रसिद्ध चैपल है।
 
  
 
{प्रागैतिहासिक चित्र प्रधानतया किस विषय से संबंधित हैं? (कला सामान्य ज्ञान,पृ.सं-6,प्रश्न-10
 
{प्रागैतिहासिक चित्र प्रधानतया किस विषय से संबंधित हैं? (कला सामान्य ज्ञान,पृ.सं-6,प्रश्न-10
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-युद्ध संबंधी
 
-युद्ध संबंधी
 
-प्रकृति संबंधी
 
-प्रकृति संबंधी
||प्रागैतिहासिक काल के चित्रों में सबसे अधिक आखेट के चित्र मिले हैं। आदिम मनुष्य ने सांभर, महिष, गैंडा, हाथी, बारहसिंगा, घोड़ा, खरगोश, सुअर जैसे पशुओं का स्वाभाविकता के साथ अंकन किया है। यह पशु उसने अपने आखेट में देखे थे तथा उसने पन पशुओं की गति और शक्ति पर विजय प्राप्त की थी, इस कारण उसके प्रमुख चित्रण विषय के रूप में पशु जीवन का स्वभाविक था।
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||प्रागैतिहासिक काल के चित्रों में सबसे अधिक आखेट के चित्र मिले हैं। आदिम मनुष्य ने सांभर, महिष, गैंडा, [[हाथी]], [[बारहसिंगा]], [[घोड़ा]], खरगोश, [[सूअर]] जैसे पशुओं का स्वाभाविकता के साथ अंकन किया है। यह पशु उसने अपने आखेट में देखे थे तथा उसने उन पशुओं की गति और शक्ति पर विजय प्राप्त की थी, इस कारण उसके प्रमुख चित्रण विषय के रूप में पशु जीवन का आना स्वभाविक था।
  
{उत्तरी स्पेन में प्रागैतिहासिक गुफ़ा स्थित है- (कला सामान्य ज्ञान,पृ.सं-17,प्रश्न-10
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{उत्तरी स्पेन में प्रागैतिहासिक गुफ़ा कहा स्थित है?(कला सामान्य ज्ञान,पृ.सं-17,प्रश्न-10
 
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+अल्टामीरा में
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+अल्टामीरा  
-लास्का में
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-लास्का
-नियाऊ में
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-नियाऊ
-फोंट-डी-गॉम में
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-फोंट-डी-गॉम
 
||उत्तरी स्पेन में कैंटेब्रिया से पिरेन तक तथा पेरिगार्ड एवं वेजन नदी की घाटियों में लगभग 100 चित्र गुफ़ाओं की शृंखला मिली है। उनमें अल्टामीरा, बसांडो, कुवा कास्टिलो, ला पेसीगा, हॉरनॉस डेला पेना, पिंडाल एवं पेना द काउडेमॉ नामक गुफ़ाएं शैलचित्रों के लिए विशेष उल्लेखनीय हैं।
 
||उत्तरी स्पेन में कैंटेब्रिया से पिरेन तक तथा पेरिगार्ड एवं वेजन नदी की घाटियों में लगभग 100 चित्र गुफ़ाओं की शृंखला मिली है। उनमें अल्टामीरा, बसांडो, कुवा कास्टिलो, ला पेसीगा, हॉरनॉस डेला पेना, पिंडाल एवं पेना द काउडेमॉ नामक गुफ़ाएं शैलचित्रों के लिए विशेष उल्लेखनीय हैं।
  

11:30, 12 अप्रैल 2017 का अवतरण

1 प्रागैतिहासिक भारतीय चित्रकला किस सतह पर बनाई गई? (कला सामान्य ज्ञान,पृ.सं-5,प्रश्न-6

लकड़ी के पटों पर
वृक्ष की छालों पर
ताल-पत्रों पर
चट्टानों पर

2 अल्टामीरा का गुफ़ा चित्र कहां स्थित है? (कला सामान्य ज्ञान,पृ.सं-17,प्रश्न-6

स्पेन
फ़्राँस
इटली
भारत

3 राजस्थानी (जयपुर) शैली के भित्ति-चित्र किस पर बनाए जाते हैं? (कला सामान्य ज्ञान,पृ.सं-37,प्रश्न-1

संगमरमर
गीली सतह
सूखी सतह
ईंट की सतह

4 इटली के गोथिक काल के चित्रकारों में प्रमुख कलाकार कौन थे? (कला सामान्य ज्ञान,पृ.सं-39,प्रश्न-10

दूशियो
एम्ब्रॉजियो लोरंजेट्टी
जॉन वान आईक
जिओत्तो

5 राजा उम्मेद सिंह ने किस क्षेत्र शैली को मौलिकता प्रदान की? (कला सामान्य ज्ञान,पृ.सं-47,प्रश्न-6

बूंदी शैली
किशनगढ़ शैली
अलवर शैली
कोटा शैली

6 'आइना-ए-अकबरी' पुस्तक के लेखक कौन थे? (कला सामान्य ज्ञान,पृ.सं-56,प्रश्न-6

केशव
जगन्नाथ
दसवन्त
अबुल फ़ज़ल

7 पहाड़ी पेंटिंगें किस समय विकसित थीं? (कला सामान्य ज्ञान,पृ.सं-71,प्रश्न-6

बिलम्बित 17 से प्रारम्भिक 18 वीं शताब्दी
प्रारम्भिक 15 से विलम्बित 17 वीं शताब्दी
विलम्बित 18 और प्रारम्भिक 19 वीं शताब्दी
प्रारम्भिक 18 से विलम्बित 19 वीं शताब्दी

8 राजा रवि वर्मा की मृत्यु किस वर्ष हुई? (कला सामान्य ज्ञान,पृ.सं-90,प्रश्न-6

1906
1918
1941
1921

9 प्रथम चरण की बाइजेन्टाइन-कला कहाँ पाई जाती है? (कला सामान्य ज्ञान,पृ.सं-102,प्रश्न-7

कांस्टेन्टीनोपल
मास्को
रैवेन्ना
इस्ताम्बुल

10 यूरोप की कला के पुनर्जागरण काल का प्रमुख कलाकार कौन था? (कला सामान्य ज्ञान,पृ.सं-104,प्रश्न-6

मैसेचियो
लियोनार्दो द विंसी
पाओलो उचेल्लो
टिटियन

11 प्रागैतिहासिक चित्र क्या है? (कला सामान्य ज्ञान,पृ.सं-5,प्रश्न-7

ग्रंथ चित्र
गुहा चित्र
कागज पर बने चित्र
वस्त्र पर बने चित्र

12 प्रागैतिहासिक काल के चित्र कहां स्थित है? (कला सामान्य ज्ञान,पृ.सं-17,प्रश्न-7

अल्टामीरा
बर्लिन
हॉलैंड
रोमीरा

13 जयपुरी फ्रेस्को चित्रण निम्न में से वर्तमान में किस केंद्र पर सिखाया जाता है? (कला सामान्य ज्ञान,पृ.सं-37,प्रश्न-2

बनस्थली
मद्रास
बंबई
वाराणसी

14 गोथिक कला के विकास में प्रमुख कारण कौन-से थे? (कला सामान्य ज्ञान,पृ.सं-39,प्रश्न-11

नगरीकरण, व्यापारिक विकास एवं शक्ति-संपन्न राजसत्ता
जनमानस की आकांक्षाएं, नगरीकरण, धर्म गुरुओं का प्रभाव
कलाकारों के समूह, धर्म, नवीन चेतना
नवीन कला धाराएं, नवीन विचार, धर्म

15 महान कला प्रेमी राजा उम्मेद सिंह (1771-1820 ई.) के समय में किस शैली में कार्य हुआ? (कला सामान्य ज्ञान,पृ.सं-47,प्रश्न-7

बूंदी शैली
कोटा शैली
कांगड़ा शैली
मुग़ल शैली

16 'आइना-ए-अकबरी' का मुख्य चित्रकार कौन था? (कला सामान्य ज्ञान,पृ.सं-56,प्रश्न-7

केशू दास
अबुल फ़ज़ल
समशाद
मोलाराम

17 पहाड़ी चित्रकला मुख्यत: किस क्षेत्र की है? (कला सामान्य ज्ञान,पृ.सं-71,प्रश्न-7

राजस्थान की पहाड़ियाँ
कश्मीर की पहाड़ियाँ
पंजाब की पहाड़ियाँ
उत्तर प्रदेश की पहड़ियाँ

18 राजा रवि वर्मा किस लिए जाने जाते हैं? (कला सामान्य ज्ञान,पृ.सं-90,प्रश्न-7

वॉश पेंटिंग
टेम्परा पेंटिंग
जल रंग पेंटिंग
तैल रंग पेंटिंग

19 सेंट बसील का गिर्जा कहां है? (कला सामान्य ज्ञान,पृ.सं-102,प्रश्न-8

रोम
मॉस्को
कांस्टेन्टीनोपल
वियना

20 यूरोपीय-चित्रकला में नवशास्त्रीयतावाद की प्रकृति को किसने बढ़ावा दिया? (कला सामान्य ज्ञान,पृ.सं-114,प्रश्न-1

विलियम हंट
टर्नर
डेविड
फ्रांस हाल्स

21 प्रागैतिहासिक चित्रों के विषय क्या हैं? (कला सामान्य ज्ञान,पृ.सं-6,प्रश्न-8

पशु
मानव
पक्षी
पशु-मानव-पक्षी

22 स्पेन की किस गुफ़ा में अंगुलियों से बनाई गई रेखाएं हैं? (कला सामान्य ज्ञान,पृ.सं-17,प्रश्न-8

लास्को
त्राय फ्रेरर्स
अल्टामीरा
ल कम्बारेली

23 जयपुरी फ्रेस्को में निहित दीप्त रूप (चमचमाती सतह‌) के संबंध में निम्नलिखित में से कौन-सा विकल्प सही है? (कला सामान्य ज्ञान,पृ.सं-37,प्रश्न-3

क्योंकि ये चमकदार पत्थर की सरह पर बनाए जाते हैं।
क्योंकि इन पर वार्निश की जाती है।
क्योंकि ये अकीक पत्थर से घोटाई करके चमकाए जाते हैं।
क्योंकि ये धूप में चमकते हैं।

24 किस काल में आंतरिक एवं ब्राह्म सज्जा एक साथ करने का विचार किया गया? (कला सामान्य ज्ञान,पृ.सं-39,प्रश्न-13

आधुनिक काल
रोमनस्क काल
बाइजेन्टाइन काल
गोथिक काल

25 'कोटा शैली' के उत्कृष्ट भित्ति-चित्र कहाँ देखने को मिलते हैं?(कला सामान्य ज्ञान,पृ.सं-48,प्रश्न-8

झाला जी की हवेली
बगोर की हवेली
सिटी पैलेस
माधव निवास

26 अकबर ने किस राज्य पर अपनी विजय के स्मारक के रूप में बुलंद दरवाज़ा बनवाया था? (कला सामान्य ज्ञान,पृ.सं-57,प्रश्न-8

गुजरात
बंगाल
उड़ीसा
दिल्ली

27 प्रकृति चित्रण को किस शैली के चित्रों में महत्त्व मिला? (कला सामान्य ज्ञान,पृ.सं-72,प्रश्न-8

पहाड़ी शैली
राजस्थानी शैली
मुग़ल शैली
आधुनिक शैली

28 'तैल चित्रण विधि' से चित्र बनाने वाले विख्यात भारतीय चित्रकार कौन थे? (कला सामान्य ज्ञान,पृ.सं-90,प्रश्न-8

नंदलाल बोस
राजा रवि वर्मा
अमृता शेरगिल
अबरीन्द्रनाथ टैगोर

29 बाइजेंटाइन-कला की श्रेष्ठ दूसरी बड़ी इमारत कौन-सी है? (कला सामान्य ज्ञान,पृ.सं-102,प्रश्न-9

डेन का गिर्जा
रोम का सेंट मारिया मेजिओरी गिर्जा
पूर्व यूरोप के केटाकौम्ब
हेगिया सोफिया गिर्जा

30 उच्च पुनर्जागरण काल के चित्रकार का नाम क्या है? (कला सामान्य ज्ञान,पृ.सं-105,प्रश्न-8

जिओत्तो
फ्रा एंजेलिको
बोत्तिचेल्ली
राफेल

31 प्रागैतिहासि काल के चित्रों में सबसे अधिक चित्र किस प्रकार के मिले हैं? (कला सामान्य ज्ञान,पृ.सं-6,प्रश्न-9

पशु
आखेट
मनुष्य
औजार

32 उत्तरी स्पेन में स्थित प्रागैतिहासिक क्षेत्र कौन-सा है? (कला सामान्य ज्ञान,पृ.सं-17,प्रश्न-9

सारागोसा
अल्टामीरा
ओविएडो
सेबास्टियन

33 यूरोपीय फ्रेस्को चित्रों की तकनीक का प्रभाव भारत की किस शैली पर पड़ा है? (कला सामान्य ज्ञान,पृ.सं-37,प्रश्न-4

बंगाल शैली
जयपुर फ्रेस्को शैली
मुग़ल शैली
पाल शैली

34 नुकीले मेहराव वाले भवनों का निर्माण किस युग में हुआ? (कला सामान्य ज्ञान,पृ.सं-39,प्रश्न-14

गोथिक
रोमनस्क
रोमन
यूनान

35 राजस्थान की कोटा शैली के विषयों में निम्न में से सर्वोत्कृष्ट क्या है? (कला सामान्य ज्ञान,पृ.सं-48,प्रश्न-9

पशु
प्रतिकृति
रागमाला
नायिका

36 बुलंद दरवाज़े की ऊंचाई कितनी है? (कला सामान्य ज्ञान,पृ.सं-57,प्रश्न-9

150 फ़ीट
234 फ़ीट
134 फ़ीट
124 फ़ीट

37 पहाड़ी चित्रों में किस रंगों का प्रयोग किया गया है? (कला सामान्य ज्ञान,पृ.सं-72,प्रश्न-9

गहरे
हल्के
काले
सफ़ेद

38 तैल विधा में कार्य करने वाले प्रथम भारतीय चित्रकार कौन हैं? (कला सामान्य ज्ञान,पृ.सं-90,प्रश्न-9

नंदलाल बोस
राजा रवि वर्मा
अमृता शेरगिल
अबनींद्रनाथ टैगोर

39 बाइजेन्टाइन-कला में पीला रंग किसका प्रतीक है?(कला सामान्य ज्ञान,पृ.सं-102,प्रश्न-10

सूर्य
पीले फूल
आग
स्वर्ग

40 माइकेल एंजेलो किसके समय में हुआ था? (कला सामान्य ज्ञान,पृ.सं-105,प्रश्न-9

फासिज्म
घनचित्रण शैली
पुनर्जागरण
आभास चित्रण

41 गोथिक शैली के स्थापत्य का जन्म किससे हुआ था? (कला सामान्य ज्ञान,पृ.सं-39,प्रश्न-15

नाट्रेडम गिर्जा
सेंट डेनिस गिर्जा
एमिएंस गिर्जा
रीम्स गिर्जा

42 कोटा चित्रकला शैली की प्रमुख विशेषता क्या है?(कला सामान्य ज्ञान,पृ.सं-48,प्रश्न-10

राजकीय दृश्य
युद्ध दृश्य
शिकार दृश्य
पोर्ट्रेचर दृश्य

43 मुग़ल शैली की उत्पत्ति किन दो शैलियों के सम्मिलन से हुई? (कला सामान्य ज्ञान,पृ.सं-57,प्रश्न-10

बंगाली एवं पहाड़ी
कांगड़ा एवं दक्खिनी
राजस्थानी एवं ईरानी
ईरानी एवं बंगाली

44 'मौला राम' कौन थे? (कला सामान्य ज्ञान,पृ.सं-72,प्रश्न-10

मुग़ल चित्रकार
राजपूत चित्रकार
पहाड़ी चित्रकार
नेपाली चित्रकार

45 भारत की आधुनिक चित्रकला में तैल रंगों का प्रयोग सर्वप्रथम किसने किया? (कला सामान्य ज्ञान,पृ.सं-90,प्रश्न-10

रबींद्रनाथ टैगोर
राजा रवि वर्मा
बेन्द्रे
के.के. हेब्बर

46 बाइजेंटाइन-कला में छतों और दीवारों को किस विधि से अलंकृत किया गया? (कला सामान्य ज्ञान,पृ.सं-102,प्रश्न-11

मणिकुट्टिम
वॉश
फ्रेस्को-बूनो
फ्रेस्को-सेक्को

47 सिस्टीन चैपेल चित्र किसके द्वारा बनाया गया है? (कला सामान्य ज्ञान,पृ.सं-105,प्रश्न-10

राफेल
माइकेल एंजेलो
लियोनार्दो द विंसी
कांसटेबल

48 प्रागैतिहासिक चित्र प्रधानतया किस विषय से संबंधित हैं? (कला सामान्य ज्ञान,पृ.सं-6,प्रश्न-10

धर्म संबंधी
आखेट
युद्ध संबंधी
प्रकृति संबंधी

49 उत्तरी स्पेन में प्रागैतिहासिक गुफ़ा कहा स्थित है?(कला सामान्य ज्ञान,पृ.सं-17,प्रश्न-10

अल्टामीरा
लास्का
नियाऊ
फोंट-डी-गॉम

50 इटैलियन 'फ्रेस्को पेंटिंग' की तकनीक किसके समान है? (कला सामान्य ज्ञान,पृ.सं-37,प्रश्न-5

अजंता भित्ति चित्र
बाघ फ्रेस्को
पहाड़ी चित्र
जयपुरी फ्रेस्को