"जलेबी दौड़" के अवतरणों में अंतर

भारत डिस्कवरी प्रस्तुति
यहाँ जाएँ:भ्रमण, खोजें
('इस खेल में एक रस्सी लम्बाई में बाँधी जाती है और उस रस...' के साथ नया पन्ना बनाया)
 
छो (Text replacement - "अर्थात " to "अर्थात् ")
 
(2 सदस्यों द्वारा किये गये बीच के 3 अवतरण नहीं दर्शाए गए)
पंक्ति 1: पंक्ति 1:
इस  खेल में एक रस्सी लम्बाई में बाँधी जाती है और उस रस्सी में धागे की सहायता से जलेबियाँ लटकाई जाती हैं। भाग लेने वाले बच्चों या प्रतियोगियों के हाथ पीछे की तरफ़ बाँध दिये जाते हैं। दौड़ लगाने वाले बच्चों या भाग लेने वाले को बिना हाथ लगाये मुँह से इन जलेबियों को खाना होता है। महिलाएं एवं बच्चे सब इस खेल को खेलते हैं। एक, दो, तीन की गिनती के साथ प्रतियोगिता प्रारम्भ होती है। बच्चे भागते भागते ऊपर उचक कर जलेबी को खाते है और फिर से सरपट दौड़ने लगाते हैं। इस खेल में एक पंथ दो काज होते हैं अर्थात स्वाद का स्वाद और खेल का खेल। कार्बोहाईड्रेट खाओ और फिर उसे पचाओ। सबकी निगाहें ईनाम के पैकेट की तरफ लगी रहती हैं, इससे उत्साह दुगुना हो जाता है। यह खेल अधिकतर स्कूलों में कराया जाता है।
+
[[चित्र:Jalebi race.jpg|thumb|जलेबी दौड़ में भाग लेते बच्चे]]
 +
जलेबी दौड़ एक पारंपरिक खेल है जिसमें एक रस्सी लम्बाई में बाँधी जाती है और उस रस्सी में धागे की सहायता से जलेबियाँ लटकाई जाती हैं। भाग लेने वाले बच्चों या प्रतियोगियों के हाथ पीछे की तरफ़ बाँध दिये जाते हैं। दौड़ लगाने वाले बच्चों या भाग लेने वाले को बिना हाथ लगाये मुँह से इन जलेबियों को खाना होता है। महिलाएं एवं बच्चे सब इस खेल को खेलते हैं। एक, दो, तीन की गिनती के साथ प्रतियोगिता प्रारम्भ होती है। बच्चे भागते भागते ऊपर उचक कर जलेबी को खाते है और फिर से सरपट दौड़ने लगते हैं। इस खेल में '[[कहावत लोकोक्ति मुहावरे-ए|एक पंथ दो काज]]' होते हैं अर्थात् स्वाद का स्वाद और [[खेल]] का खेल। [[कार्बोहाइड्रेट]] खाओ और फिर उसे पचाओ। सबकी निगाहें घोषित पुरस्कार की ओर लगी रहती हैं, इससे उत्साह दुगुना हो जाता है। यह खेल अधिकतर स्कूलों में कराया जाता है।
 +
 
  
  
  
{{लेख प्रगति|आधार=आधार1|प्रारम्भिक= |माध्यमिक= |पूर्णता= |शोध= }}
 
 
==टीका टिप्पणी और संदर्भ==
 
==टीका टिप्पणी और संदर्भ==
 
<references/>
 
<references/>
  
 
==बाहरी कड़ियाँ==
 
==बाहरी कड़ियाँ==
 
 
==संबंधित लेख==
 
==संबंधित लेख==
{{भूले बिसरे शब्द}}
+
{{पारंपरिक खेल}}{{भूले बिसरे शब्द}}
[[Category:नया पन्ना]]
 
 
[[Category:भूला-बिसरा भारत]]
 
[[Category:भूला-बिसरा भारत]]
[[पारंपरिक खेल]]
+
[[Category:पारंपरिक खेल]][[Category:खेलकूद कोश]]
 
__INDEX__
 
__INDEX__

07:46, 7 नवम्बर 2017 के समय का अवतरण

जलेबी दौड़ में भाग लेते बच्चे

जलेबी दौड़ एक पारंपरिक खेल है जिसमें एक रस्सी लम्बाई में बाँधी जाती है और उस रस्सी में धागे की सहायता से जलेबियाँ लटकाई जाती हैं। भाग लेने वाले बच्चों या प्रतियोगियों के हाथ पीछे की तरफ़ बाँध दिये जाते हैं। दौड़ लगाने वाले बच्चों या भाग लेने वाले को बिना हाथ लगाये मुँह से इन जलेबियों को खाना होता है। महिलाएं एवं बच्चे सब इस खेल को खेलते हैं। एक, दो, तीन की गिनती के साथ प्रतियोगिता प्रारम्भ होती है। बच्चे भागते भागते ऊपर उचक कर जलेबी को खाते है और फिर से सरपट दौड़ने लगते हैं। इस खेल में 'एक पंथ दो काज' होते हैं अर्थात् स्वाद का स्वाद और खेल का खेल। कार्बोहाइड्रेट खाओ और फिर उसे पचाओ। सबकी निगाहें घोषित पुरस्कार की ओर लगी रहती हैं, इससे उत्साह दुगुना हो जाता है। यह खेल अधिकतर स्कूलों में कराया जाता है।



टीका टिप्पणी और संदर्भ


बाहरी कड़ियाँ

संबंधित लेख