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'''अकोई''' [[पंजाब]] के एक गाँव का नाम है, जो मलरकोट्ला-[[संगरूर]] मार्ग पर स्थित है। यह गाँव संगरूर से पाँच किलोमीटर की दूरी पर स्थित है।
 
'''अकोई''' [[पंजाब]] के एक गाँव का नाम है, जो मलरकोट्ला-[[संगरूर]] मार्ग पर स्थित है। यह गाँव संगरूर से पाँच किलोमीटर की दूरी पर स्थित है।
  
*इस गाँव में एक गुरुद्वारा भी है, जिसके विषय में यह माना जाता है कि [[सिक्ख|सिक्खों]] के [[गुरु नानक देव]], [[गुरु हरगोविन्द सिंह]] और [[गुरु तेग बहादुर]] ने इस स्थान की यात्रा की थी।
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*इस गाँव में एक गुरुद्वारा भी है, जिसके विषय में यह माना जाता है कि [[सिक्ख|सिक्खों]] के [[गुरु नानक देव]], [[गुरु हरगोविन्द सिंह]] और [[गुरु तेग बहादुर]] ने इस स्थान की [[यात्रा]] की थी।
 
*माना जाता है कि गुरु हरगोविन्द सिंह ने इस स्थान को [[दूध]] की प्रचुरता का वरदान दिया था, जो सत्य साबित हुआ।
 
*माना जाता है कि गुरु हरगोविन्द सिंह ने इस स्थान को [[दूध]] की प्रचुरता का वरदान दिया था, जो सत्य साबित हुआ।
*गुरु नानक देव ननकाना की यात्रा के बाद यहाँ आए थे और गुरु तेग बहादुर [[दिल्ली]] जाते समय इस गाँव में रुके थे। इसलिए यह स्थान सिक्खों के लिए बहुत पवित्र माना जाता है।
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*गुरु नानक देव [[ननकाना]] की यात्रा के बाद यहाँ आए थे और गुरु तेग बहादुर [[दिल्ली]] जाते समय इस गाँव में रुके थे। इसलिए यह स्थान सिक्खों के लिए बहुत पवित्र माना जाता है।
 
*महाराजा हीरा सिंह ने यहाँ के गुरुद्वारे की इमारत का निर्माण करवाया था। अब इसे गिराकर नया गुरुद्वारा बनाया गया है।।<ref>{{cite web |url=http://yatrasalah.com/touristPlaces.aspx?id=183 |title=संगरूर, पंजाब का दक्षिण पूर्वी ज़िला|accessmonthday=11 फ़रवरी|accessyear= 2013|last= |first= |authorlink= |format= |publisher= |language=हिन्दी}}</ref>
 
*महाराजा हीरा सिंह ने यहाँ के गुरुद्वारे की इमारत का निर्माण करवाया था। अब इसे गिराकर नया गुरुद्वारा बनाया गया है।।<ref>{{cite web |url=http://yatrasalah.com/touristPlaces.aspx?id=183 |title=संगरूर, पंजाब का दक्षिण पूर्वी ज़िला|accessmonthday=11 फ़रवरी|accessyear= 2013|last= |first= |authorlink= |format= |publisher= |language=हिन्दी}}</ref>
  

11:43, 26 अप्रैल 2018 के समय का अवतरण

अकोई पंजाब के एक गाँव का नाम है, जो मलरकोट्ला-संगरूर मार्ग पर स्थित है। यह गाँव संगरूर से पाँच किलोमीटर की दूरी पर स्थित है।

  • इस गाँव में एक गुरुद्वारा भी है, जिसके विषय में यह माना जाता है कि सिक्खों के गुरु नानक देव, गुरु हरगोविन्द सिंह और गुरु तेग बहादुर ने इस स्थान की यात्रा की थी।
  • माना जाता है कि गुरु हरगोविन्द सिंह ने इस स्थान को दूध की प्रचुरता का वरदान दिया था, जो सत्य साबित हुआ।
  • गुरु नानक देव ननकाना की यात्रा के बाद यहाँ आए थे और गुरु तेग बहादुर दिल्ली जाते समय इस गाँव में रुके थे। इसलिए यह स्थान सिक्खों के लिए बहुत पवित्र माना जाता है।
  • महाराजा हीरा सिंह ने यहाँ के गुरुद्वारे की इमारत का निर्माण करवाया था। अब इसे गिराकर नया गुरुद्वारा बनाया गया है।।[1]


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टीका टिप्पणी और संदर्भ

  1. संगरूर, पंजाब का दक्षिण पूर्वी ज़िला (हिन्दी)। । अभिगमन तिथि: 11 फ़रवरी, 2013।

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