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गदावेगेन महता व्यायामेन च मोहित:।  
 
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विचेता न्यवतद् भूमौ सौभद्र: परवीरहा।  
 
विचेता न्यवतद् भूमौ सौभद्र: परवीरहा।  
 
एवं विनिहतों: राजन्नेको बहुभिराहवे।<ref>[[द्रोण पर्व महाभारत|महाभारत द्रोण पर्व]] 49, 13-14</ref></poem></blockquote>
 
एवं विनिहतों: राजन्नेको बहुभिराहवे।<ref>[[द्रोण पर्व महाभारत|महाभारत द्रोण पर्व]] 49, 13-14</ref></poem></blockquote>
*अमीन शब्द को अभिमन्यु के नाम से संबंधित कहा जाता है।
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*'''अमीन''' शब्द को अभिमन्यु के नाम से संबंधित कहा जाता है।
 
*अमीन ग्राम के निकट ही 'कर्णवेध' नामक एक खाई है।
 
*अमीन ग्राम के निकट ही 'कर्णवेध' नामक एक खाई है।
 
*ऐसी मान्यता है कि इसी स्थान पर [[कर्ण]] को [[अर्जुन]] ने मारा था।
 
*ऐसी मान्यता है कि इसी स्थान पर [[कर्ण]] को [[अर्जुन]] ने मारा था।
*[[जयद्रथ]] के मारे जाने का स्थान 'जयधर' भी अमीन गाँव के निकट ही है।
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==टीका टिप्पणी और संदर्भ==
 
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*ऐतिहासिक स्थानावली | पृष्ठ संख्या= 33| विजयेन्द्र कुमार माथुर |  वैज्ञानिक तथा तकनीकी शब्दावली आयोग | मानव संसाधन विकास मंत्रालय, भारत सरकार
 
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Disamb2.jpg अमीन एक बहुविकल्पी शब्द है अन्य अर्थों के लिए देखें:- अमीन (बहुविकल्पी)

अमीन पंजाब राज्य के थानेसर से लगभग 5 मील दिल्ली-अम्बाला रेलमार्ग पर कुरुक्षेत्र प्रदेश में स्थित है। कहा जाता है कि महाभारत युद्ध के समय द्रोणाचार्य ने चक्रव्यूह की रचना इसी स्थान पर की थी, और अभिमन्यु ने इसी को तोड़ते समय वीरगति प्राप्त की थी। अभिमन्यु-वध का वर्णन महाभारत द्रोण पर्व[1] में इस प्रकार से आया है-

उत्तिष्ठमानं सौभद्रं गदया मूर्ध्न्यताडयत्।
गदावेगेन महता व्यायामेन च मोहित:।
विचेता न्यवतद् भूमौ सौभद्र: परवीरहा।
एवं विनिहतों: राजन्नेको बहुभिराहवे।[2]

  • अमीन शब्द को अभिमन्यु के नाम से संबंधित कहा जाता है।
  • अमीन ग्राम के निकट ही 'कर्णवेध' नामक एक खाई है।
  • ऐसी मान्यता है कि इसी स्थान पर कर्ण को अर्जुन ने मारा था।
  • जयद्रथ के मारे जाने का स्थान 'जयधर' भी अमीन गाँव के निकट ही है।


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टीका टिप्पणी और संदर्भ

  • ऐतिहासिक स्थानावली | पृष्ठ संख्या= 33| विजयेन्द्र कुमार माथुर | वैज्ञानिक तथा तकनीकी शब्दावली आयोग | मानव संसाधन विकास मंत्रालय, भारत सरकार

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