"छिंदवाड़ा" के अवतरणों में अंतर

भारत डिस्कवरी प्रस्तुति
यहाँ जाएँ:भ्रमण, खोजें
('{{tocright}} छिंदवाड़ा नगर, दक्षिण-मध्य मध्य प्रदेश राज्य, ...' के साथ नया पन्ना बनाया)
 
पंक्ति 12: पंक्ति 12:
 
{{प्रचार}}
 
{{प्रचार}}
 
{{लेख प्रगति
 
{{लेख प्रगति
|आधार=आधार1
+
|आधार=
|प्रारम्भिक=
+
|प्रारम्भिक=प्रारम्भिक1
 
|माध्यमिक=
 
|माध्यमिक=
 
|पूर्णता=
 
|पूर्णता=
पंक्ति 19: पंक्ति 19:
 
}}
 
}}
  
[[Category:नया पन्ना]]
+
==संबंधित लेख==
 +
{{मध्य_प्रदेश के नगर}}
 +
[[Category:भारत_के_नगर]][[Category:मध्य_प्रदेश]][[Category:मध्य_प्रदेश_के_नगर]]
 
__INDEX__
 
__INDEX__
[[Category:भारत_के_नगर]][[Category:मध्य_प्रदेश]][[Category:मध्य_प्रदेश_के_नगर]]
 

13:03, 6 मार्च 2011 का अवतरण

छिंदवाड़ा नगर, दक्षिण-मध्य मध्य प्रदेश राज्य, मध्य भारत, कुलबेहरा की धारा बोदरी के तट पर स्थित है। यह 671 मीटर की ऊँचाई पर सतपुड़ा के खुले पठार पर स्थित है और उपजाऊ कृषि भूमि से घिरा है, जिसमें बीच-बीच में आम के बाग़ हैं और इसके पश्चिमोत्तर में कम ऊँचाई वाले ऊबड़ खाबड़ पहाड़ तथा दक्षिण में नागपुर के मैदानों की ओर ढलान है। पठार के दक्षिणी और पूर्वी हिस्से में चौराई गेहुं के उपजाऊ मैदान हैं। नागपुर का मैदान कपास और ज्वार की खेती का समृद्ध इलाका है और इस समूचे क्षेत्र का सबसे संपन्न और सर्वाधिक आबादी वाला हिस्सा है। वैनगंगा, पेंच और कन्हन नदियाँ इस क्षेत्र को अपवाहित करती हैं। यहाँ की मिट्टी बजरीयुक्त और जल्दी सूखने वाली है। अपेक्षाकृत कम बारिश के बावजूद यहाँ का मौसम विशेष रूप से स्वास्थ्यवर्द्धक और खुशनुमा है। इस नगर का नामकरण 'छिंद', यानी खजूर के वृक्ष के नाम पर हुआ है।

गठन

छिंदवाड़ा में मिट्टी से निर्मित एक दुर्ग है, जहाँ 1857 के विद्रोह से पहले सेना का शिविर था। 1867 में इस नगर की नगरपालिका का गठन हुआ।

उद्योग और व्यापार

यह रेल और सड़क के महत्त्वपूर्ण जंक्शन पर बसा हुआ है। इसके इर्द-गिर्द के पठारी क्षेत्र में कोयला, मैंगनीज़, जस्ता, बॉक्साइट और संगमरमर का खनन होता है। कपास का व्यापार और कोयले की ढुलाई इस नगर की मुख्य गतिविधियाँ हैं। कपास ओटाई तथा आरा मिलें यहाँ के मुख्य उद्योग हैं। पठार में व्यापक पैमाने पर पशुपालन होता है। स्थानीय स्तर पर यह नगर मिट्टी के बर्तन तथा जस्ता, पीतल व कांसे के आभूषण और चमड़े की मशक के निर्माण के लिए विख्यात है। यहाँ जलापूर्ति के लिए कोई निर्माण नहीं है। और पानी कुओं तथा लालबाग़ व एशबर्नर जैसे जलाशयों से प्राप्त किया जाता है। यह नगर स्थानीय व्यापार का केंद्र है और पशु, अनाज तथा इमारती लकड़ी की बिक्री के लिए यहाँ साप्ताहिक हाट लगती है।

शिक्षण संस्थान

छिंदवाड़ा में सागर विश्वविद्यालय से संबंद्ध महाविद्यालय हैं। बारकुही से ठीक पश्चिमोत्तर में एक खनन विद्यालय है। गोंड वंश की पुरानी राजधानी देवगढ़ छिंदवाड़ा नगर के पास ही स्थित है।

जनसंख्या

2001 की जनगणना के अनुसार छिंदवाड़ा नगर की कुल जनसंख्या और ज़िले की कुल जनसंख्या 18,48,882 है।


पन्ने की प्रगति अवस्था
आधार
प्रारम्भिक
माध्यमिक
पूर्णता
शोध

संबंधित लेख