एक्स्प्रेशन त्रुटि: अनपेक्षित उद्गार चिन्ह "०"।

"नरसिंह गुप्त" के अवतरणों में अंतर

भारत डिस्कवरी प्रस्तुति
यहाँ जाएँ:भ्रमण, खोजें
छो (Text replace - "==टीका टिप्पणी और संदर्भ==" to "{{संदर्भ ग्रंथ}} ==टीका टिप्पणी और संदर्भ==")
छो (Text replace - "{{गुप्त राजवंश}}" to "")
पंक्ति 22: पंक्ति 22:
 
==संबंधित लेख==
 
==संबंधित लेख==
 
{{गुप्त काल}}
 
{{गुप्त काल}}
{{गुप्त राजवंश}}
+
 
 
{{भारत के राजवंश}}
 
{{भारत के राजवंश}}
 
[[Category:इतिहास_कोश]]
 
[[Category:इतिहास_कोश]]
 
[[Category:गुप्त_काल]]
 
[[Category:गुप्त_काल]]
 
__INDEX__
 
__INDEX__

08:03, 24 अप्रैल 2011 का अवतरण

  • पुरुगुप्त के बाद उसका पुत्र नरसिंहगुप्त राजा बना।
  • पुरुगुप्त की माता का नाम वत्सदेवी था।
  • उसके बौद्ध पिता ने एक बौद्ध आचार्य को उसकी शिक्षा के लिए नियत किया था।
  • नरसिंहगुप्त ने अपने नाम के साथ 'बालादित्य' उपाधि प्रयुक्त की थी।
  • उसके सिक्कों पर एक तरफ़ उसका चित्र है और 'नर' लिखा है, दूसरी तरफ़ 'बालादित्य' लिखा गया है।
  • अपने गुरु की शिक्षाओं के कारण नरसिंहगुप्त ने भी बौद्ध धर्म को स्वीकार कर लिया था।
  • उसके शासन काल में भी गुप्त साम्राज्य का ह्रास जारी रहा।
  • पुरुगुप्त और नरसिंहगुप्त दोनों का राज्यकाल 467 से 473 ई. तक है।



पन्ने की प्रगति अवस्था
आधार
प्रारम्भिक
माध्यमिक
पूर्णता
शोध

टीका टिप्पणी और संदर्भ

संबंधित लेख