"भूर" के अवतरणों में अंतर
भारत डिस्कवरी प्रस्तुति
प्रीति चौधरी (चर्चा | योगदान) |
|||
पंक्ति 1: | पंक्ति 1: | ||
− | '''भूर''' से तात्पर्य एक विशेष प्रकार के बालू के ढेरों से है। | + | '''भूर''' से तात्पर्य एक विशेष प्रकार के बालू के ढेरों से है। ये ढेर [[बाँगर]] भूमि क्षेत्र में कहीं-कहीं पर ही पाये जाते हैं। |
− | |||
*प्राचीन काल में ये ढेर जल बहाव से बन गये थे। | *प्राचीन काल में ये ढेर जल बहाव से बन गये थे। | ||
*[[गंगा]] और राम गंगा के प्रवाह क्षेत्र में ये ढेर अधिकांशत: पाये जाते हैं। | *[[गंगा]] और राम गंगा के प्रवाह क्षेत्र में ये ढेर अधिकांशत: पाये जाते हैं। | ||
+ | *गंगा दोआब में असामान्य भू-आकृतिक लक्षण वाले वायुनिर्मित निक्षेपों को भूर नाम से जाना जाता हे। | ||
+ | *[[उत्तर प्रदेश]] के [[मुरादाबाद]] तथा [[बिजनौर ज़िला|बिजनौर ज़िलों]] में गंगा के पूर्वी तट पर ये भूर निक्षेप बलुई मिट्टी के उच्च प्रदेश का निर्माण करते हैं। | ||
+ | *इनकी उत्पत्ति अभिनूतन काल (प्लायोसीन) में मानी जाती है। | ||
+ | *इनसे ही मध्य दोआब क्षेत्र में विशेष भूर मिट्टी का निर्माण हुआ है। | ||
+ | {{लेख प्रगति|आधार=|प्रारम्भिक=प्रारम्भिक1 |माध्यमिक= |पूर्णता= |शोध= }} | ||
==संबंधित लेख== | ==संबंधित लेख== | ||
{{भूगोल शब्दावली}} | {{भूगोल शब्दावली}} |
06:04, 2 मई 2012 के समय का अवतरण
भूर से तात्पर्य एक विशेष प्रकार के बालू के ढेरों से है। ये ढेर बाँगर भूमि क्षेत्र में कहीं-कहीं पर ही पाये जाते हैं।
- प्राचीन काल में ये ढेर जल बहाव से बन गये थे।
- गंगा और राम गंगा के प्रवाह क्षेत्र में ये ढेर अधिकांशत: पाये जाते हैं।
- गंगा दोआब में असामान्य भू-आकृतिक लक्षण वाले वायुनिर्मित निक्षेपों को भूर नाम से जाना जाता हे।
- उत्तर प्रदेश के मुरादाबाद तथा बिजनौर ज़िलों में गंगा के पूर्वी तट पर ये भूर निक्षेप बलुई मिट्टी के उच्च प्रदेश का निर्माण करते हैं।
- इनकी उत्पत्ति अभिनूतन काल (प्लायोसीन) में मानी जाती है।
- इनसे ही मध्य दोआब क्षेत्र में विशेष भूर मिट्टी का निर्माण हुआ है।
|
|
|
|
|