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'''अल्फ़ेड जॉन वेब''' ([[अंग्रेज़ी]]: ''Alfred Webb'', जन्म: [[10 मई]], 1834, आयरलैंड; मृत्यु: [[1908]], शेटलैंड, [[यूनाइटेड किंगडम]]) कार्यकर्ता प्रिंटर के परिवार से एक आयरिश क्वेकर था। वह एक आयरिश संसदीय पार्टी के राजनीतिज्ञ और संसद सदस्य (एम.पी) थे। वह तीसरा गैर-भारतीय थे, जो [[भारतीय राष्ट्रीय कांग्रेस]] का अध्यक्ष बने। वह ब्रिटिश संसद के भी सदस्य रहे।
 
==परिचय==
 
==परिचय==
अल्फ़ेड बेब का जन्म [[10 मई]], 1834 को आयरलैंड, डबलिन, गणराज्य में हुआ था। वह रिचर्ड डेविस बेब और हन्ना वेरिंग बेब का पहला बच्चा था। उसका परिवार डबलिन में एक छपाई की दुकान चलाता था। वह क्वेकर समूह का था, जिसने मताधिकार, गुलामी के उन्मूलन और साम्राज्यवाद के विरोधी जैसे सुधारों का समर्थन किया। अल्फ़ेड बेब को साहित्य और इतिहास में दिलचस्पी थी और उसने आयरिश जीवनी का संकलन लिखना शुरू किया था।  
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अल्फ़ेड बेब का जन्म [[10 मई]], 1834 को आयरलैंड, डबलिन, गणराज्य में हुआ था। वह रिचर्ड डेविस बेब और हन्ना वेरिंग बेब का पहला बच्चा था। उनका [[परिवार]] डबलिन में एक छपाई की दुकान चलाता थे। वह क्वेकर समूह से थे, जिसने मताधिकार, गुलामी के उन्मूलन और साम्राज्यवाद के विरोधी जैसे सुधारों का समर्थन किया। अल्फ़ेड बेब को साहित्य और इतिहास में दिलचस्पी थी और उसने आयरिश जीवनी का संकलन लिखना शुरू किया था।  
 
==राजनैतिक जीवन==
 
==राजनैतिक जीवन==
अल्फ़ेड बेब ने [[1865]] में आयरिश राजनीति में अधिक सक्रियरूप से रुचि लेना शुरू किया। वह फ़ैनियों से प्रेरित था, हालांकि वह अहिंसा में विश्वास करता था और उस समय के फ़ैनियन का मानना ​​था कि आयरलैंड सशस्त्र क्रांति के जरिए आजादी हासिल कर सकता था। वह पहली बार [[24 फरवरी]], [[1890]] को [[यूनाइटेड किंगडम]] के हाउस ऑफ़ कॉमन्स में चुना गया, जब वो वेस्ट वॉटरफोर्ड निर्वाचन क्षेत्र के लिए उप-चुनाव जीता था। [[1898]] के आम चुनाव में वो फिर से पश्चिम वाटर फोर्ड के लिए वापस आया, इस समय वह पैनलेस विरोधी के रूप में था।
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अल्फ़ेड बेब ने [[1865]] में आयरिश राजनीति में अधिक सक्रियरूप से रुचि लेना शुरू किया। वह फ़ैनियों से प्रेरित थे, हालांकि वह अहिंसा में विश्वास करते थे और उस समय के फ़ैनियनों का मानना ​​था कि आयरलैंड सशस्त्र क्रांति के जरिए आजादी हासिल कर सकता था। वह पहली बार [[24 फरवरी]], [[1890]] को [[यूनाइटेड किंगडम]] के हाउस ऑफ़ कॉमन्स में चुने गये, जब वो वेस्ट वॉटरफोर्ड निर्वाचन क्षेत्र के लिए उप-चुनाव जीते थे। बेब [[दादाभाई नौरोजी]] का करीबी दोस्त थे, जो [[भारतीय राष्ट्रीय कांग्रेस]] के एक प्रमुख सदस्य थे। दादाभाई नौरोजी ने [[1894]] में भारतीय राष्ट्रीय कांग्रेस की अध्यक्षता करने के लिए बेब को आमंत्रित किया और वह भारतीय राष्ट्रीय कांग्रेस का अध्यक्ष बन गये। बेब एंटी-जाति का समर्थक थे।
 
 
बेब [[दादाभाई नौरोजी]] का करीबी दोस्त था, जो [[भारतीय राष्ट्रीय कांग्रेस]] के एक प्रमुख सदस्य थे। दादाभाई नौरोजी ने [[1894]] में भारतीय राष्ट्रीय कांग्रेस की अध्यक्षता करने के लिए बेब को आमंत्रित किया और वह भारतीय राष्ट्रीय कांग्रेस का अध्यक्ष बन गया। बेब एंटी-जाति का समर्थक था।
 
  
  

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अल्फ़्रेड बेब
अल्फ़ेड वेब
पूरा नाम अल्फ़ेड वेब
जन्म 10 मई, 1834
जन्म भूमि आयरलैंड, डबलिन, गणराज्य
मृत्यु 1908
मृत्यु स्थान शेटलैंड, यूनाइटेड किंगडम
अभिभावक पिता- रिचर्ड डेविस बेब और माता- हन्ना वेरिंग वेब
पार्टी भारतीय राष्ट्रीय कांग्रेस
पद भारतीय राष्ट्रीय कांग्रेस के अध्यक्ष
अन्य जानकारी अल्फ़ेड बेब को साहित्य और इतिहास में दिलचस्पी थी और उसने आयरिश जीवनी का संकलन लिखना शुरू किया था।

अल्फ़ेड जॉन वेब (अंग्रेज़ी: Alfred Webb, जन्म: 10 मई, 1834, आयरलैंड; मृत्यु: 1908, शेटलैंड, यूनाइटेड किंगडम) कार्यकर्ता प्रिंटर के परिवार से एक आयरिश क्वेकर था। वह एक आयरिश संसदीय पार्टी के राजनीतिज्ञ और संसद सदस्य (एम.पी) थे। वह तीसरा गैर-भारतीय थे, जो भारतीय राष्ट्रीय कांग्रेस का अध्यक्ष बने। वह ब्रिटिश संसद के भी सदस्य रहे।

परिचय

अल्फ़ेड बेब का जन्म 10 मई, 1834 को आयरलैंड, डबलिन, गणराज्य में हुआ था। वह रिचर्ड डेविस बेब और हन्ना वेरिंग बेब का पहला बच्चा था। उनका परिवार डबलिन में एक छपाई की दुकान चलाता थे। वह क्वेकर समूह से थे, जिसने मताधिकार, गुलामी के उन्मूलन और साम्राज्यवाद के विरोधी जैसे सुधारों का समर्थन किया। अल्फ़ेड बेब को साहित्य और इतिहास में दिलचस्पी थी और उसने आयरिश जीवनी का संकलन लिखना शुरू किया था।

राजनैतिक जीवन

अल्फ़ेड बेब ने 1865 में आयरिश राजनीति में अधिक सक्रियरूप से रुचि लेना शुरू किया। वह फ़ैनियों से प्रेरित थे, हालांकि वह अहिंसा में विश्वास करते थे और उस समय के फ़ैनियनों का मानना ​​था कि आयरलैंड सशस्त्र क्रांति के जरिए आजादी हासिल कर सकता था। वह पहली बार 24 फरवरी, 1890 को यूनाइटेड किंगडम के हाउस ऑफ़ कॉमन्स में चुने गये, जब वो वेस्ट वॉटरफोर्ड निर्वाचन क्षेत्र के लिए उप-चुनाव जीते थे। बेब दादाभाई नौरोजी का करीबी दोस्त थे, जो भारतीय राष्ट्रीय कांग्रेस के एक प्रमुख सदस्य थे। दादाभाई नौरोजी ने 1894 में भारतीय राष्ट्रीय कांग्रेस की अध्यक्षता करने के लिए बेब को आमंत्रित किया और वह भारतीय राष्ट्रीय कांग्रेस का अध्यक्ष बन गये। बेब एंटी-जाति का समर्थक थे।


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टीका टिप्पणी और संदर्भ

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