इंग्लैंड

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इंग्लैंड का ध्वज

इंग्लैंड को इंग्लिस्तान भी कहा जाता है। इंग्लैंड संयुक्त राजशाही यानि 'युनाइडेट किंग्डम' का सबसे बड़ा निर्वाचक देश है। इंग्लैंड यूरोप के उत्तर पश्चिम में अवस्थित है जो मुख्य भूमि से 'अंग्रेज़ी चैनल' द्वारा पृथकीकृत द्वीप का अंग है। इंग्लैंड के अलावा स्कॉटलैंड, वेल्स और उत्तर आयरलैंड भी संयुक्त राजशाही में शामिल हैं। इंग्लैंड की राजभाषा अंग्रेज़ी है और यह विश्व के सबसे संपन्न तथा शक्तिशाली देशों में से एक है।

इतिहास

इंग्लैंड के इतिहास में सबसे स्वर्णिम काल इंग्लैंड का 'औपनिवेशिक युग' है। ब्रिटिश साम्राज्य अठारहवीं सदी से लेकर 20वीं सदी के मध्य तक विश्व का सबसे बड़ा और शक्तिशाली साम्राज्य हुआ करता था, जो कि महाद्वीपों में फैला हुआ था और कहा जाता था कि ब्रिटिश साम्राज्य में सूर्य कभी अस्त नहीं होता। पूरे विश्व में उसी समय अंग्रेज़ी भाषा ने अपनी छाप छोड़ी जिसकी वज़ह से यह आज भी विश्व के सबसे अधिक लोगों द्वारा समझे जाने वाली भाषा है।

इंग्लैंड के रॉयल बैनर हेरलडीक ध्वज
भारत आने के मार्ग का ज्ञान

ईसा के आसपास इंग्लैंड रोमन साम्राज्य का अंश बना पर अधिक दिनों तक इंग्लैंड रोमन साम्राज्य के अधीन नहीं रह सका। इंग्लैंड में केल्टिक तथा नार्मनों का आधिपत्य ग्यारहवीं सदी तक रहा। पुनर्जागरण के समय कवि तथा नाटककार शेक्सपियर ने यूरोपीय जनमानस को बहुत प्रभावित किया। सन् 1578 ई. में एक अंग्रेज़ अधिकारी को लिस्बन की ओर जाते हुए एक पुर्तग़ाली जहाज़ को लूटने से भारत आने के मार्ग का पता चला। इसके बाद भारत के साथ ब्रिटिश नाविकों में व्यापार की इच्छा प्रबल हो गई।

कैंटरबरी कैथेड्रल, इंग्लैंड

सन् 1600 ई. में ब्रिटिश ईस्ट इंडिया कम्पनी की स्थापना हुई। इसके बाद ब्रिटिश नाविक विश्व के कई स्थानों पर व्यापर करने पहुँचे। 18वीं सदी के अन्त तक कई जगहों पर वे राजनीतिक रूप से स्थापित हो गए। इसी समय हुई औद्योगिक क्रांति से देश की नौसेना तथा सेना सबल हो गई और अपनी सैनिक शक्ति के बल पर वे विभिन्न स्थानों पर अधिकार करने लगे। 20वीं सदी के मध्य तक उनके पाँव दुनिया के देशों से उखड़ने लगे और अपने उपनिवेशों को उन्हें स्वतंत्र करना पड़ा ।

आर्थिक रूप से समृद्ध देश

इंग्लैंड आज एक परमाणु सम्पन्न देश है तथा आर्थिक रूप से समृद्ध है। अमेरिका का सहयोगी होने के नाते और विश्व के कई देशों की राजनीति में औपनिवेशिक काल से संलग्न होने के कारण इसका राजनीतिक वर्चस्व आज भी विद्यमान है। इन्हें भी देखें: अभोरर्स


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