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11:09, 10 जनवरी 2011 का अवतरण
- भारत में धार्मिक व्रतों का सर्वव्यापी प्रचार रहा है। यह हिन्दू धर्म ग्रंथों में उल्लखित हिन्दू धर्म का एक व्रत संस्कार है।
- मार्गशीर्ष कृष्ण पक्ष की अष्टमी को अनघ एवं अनघी[1] की पूजा की पूजा की जाती है।
- डाभ के अनघ और अनघी निर्माण करके गोबर से पोती हुई वेदी पर विराजमान कर गन्धादि से उसका पूजन करे।
- शूद्र नमस्कार करते हैं और अन्य लोग ॠग्वेद अतो देवा[2] का मन्त्र पढ़ते हैं।[3]
- इस प्रकार प्रत्येक कृष्णाष्टमी को एक वर्ष तक करे तो सम्पूर्ण प्रकार के पाप दूर हो जाते हैं।
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टीका टिप्पणी और संदर्भ
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