"मूल नक्षत्र" के अवतरणों में अंतर

भारत डिस्कवरी प्रस्तुति
यहाँ जाएँ:भ्रमण, खोजें
छो (Text replace - "{{लेख प्रगति |आधार=आधार1 |प्रारम्भिक= |माध्यमिक= |पूर्णता= |शोध= }}" to "{{लेख प्रगति |आधार= |प्रारम्भि�)
पंक्ति 9: पंक्ति 9:
  
  
{{लेख प्रगति
+
{{लेख प्रगति |आधार= |प्रारम्भिक=प्रारम्भिक1 |माध्यमिक= |पूर्णता= |शोध= }}
|आधार=आधार1
 
|प्रारम्भिक=
 
|माध्यमिक=
 
|पूर्णता=
 
|शोध=
 
}}
 
 
==टीका टिप्पणी और संदर्भ==
 
==टीका टिप्पणी और संदर्भ==
 
<references/>
 
<references/>

07:29, 27 जुलाई 2012 का अवतरण

मूल नक्षत्र के चारों चरण धनु राशि में आते हैं। यह ये ये भा भी के नाम से जाना जाता है।

अर्थ - जड़
देव - निरित्ती

  • नक्षत्र का स्वामी केतु है। वहीं राशि स्वामी गुरु है।
  • मूल में राक्षसों का व्रत और पूजन किया जाता है।
  • मूल नक्षत्र के देवता केतु को माना जाता है|
  • साल के पेड़ को मूल नक्षत्र का प्रतीक माना जाता है और मूल नक्षत्र में जन्म लेने वाले लोग साल वृक्ष की पूजा करते है।
  • इस नक्षत्र में जन्म लेने वाले लोग अपने घर के ख़ाली हिस्से में साल के पेड को लगाते हैं।


पन्ने की प्रगति अवस्था
आधार
प्रारम्भिक
माध्यमिक
पूर्णता
शोध

टीका टिप्पणी और संदर्भ

संबंधित लेख