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− | ''' | + | '''असीघाट''' [[भारत]] की प्राचीन नगरी [[वाराणसी]] (काशी, बनारस) में [[गंगा नदी]] के तट पर स्थित है। यह दक्षिण की ओर स्थित अंतिम घाट है। इस घाट के पास कई मंदिर ओर अखाड़े हैं। असीघाट के उत्तर में 'जगन्नाथ मंदिर' है, जहाँ प्रतिवर्ष मेले का आयोजन किया जाता है। यह घाट श्रद्धालुओं की आस्था व आकर्षण का प्रमुख केन्द्र है। |
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*वाराणसी में लगभग 84 घाट हैं। ये घाट लगभग 4 मील लम्बे तट पर बने हुए हैं। | *वाराणसी में लगभग 84 घाट हैं। ये घाट लगभग 4 मील लम्बे तट पर बने हुए हैं। | ||
− | *[[वाराणसी के घाट|वाराणसी के 84 घाटों]] में पाँच घाट बहुत ही पवित्र माने जाते हैं। इन्हें सामूहिक रूप से 'पंचतीर्थ' कहा जाता है। ये हैं असी घाट | + | *[[वाराणसी के घाट|वाराणसी के 84 घाटों]] में पाँच घाट बहुत ही पवित्र माने जाते हैं। इन्हें सामूहिक रूप से 'पंचतीर्थ' कहा जाता है। ये पाँच निम्नलिखित हैं- |
+ | #असी घाट | ||
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08:37, 22 मई 2013 का अवतरण
असीघाट भारत की प्राचीन नगरी वाराणसी (काशी, बनारस) में गंगा नदी के तट पर स्थित है। यह दक्षिण की ओर स्थित अंतिम घाट है। इस घाट के पास कई मंदिर ओर अखाड़े हैं। असीघाट के उत्तर में 'जगन्नाथ मंदिर' है, जहाँ प्रतिवर्ष मेले का आयोजन किया जाता है। यह घाट श्रद्धालुओं की आस्था व आकर्षण का प्रमुख केन्द्र है।
- इस घाट का निर्माण महाराजा, बनारस ने करवाया था।
- असीघाट वाराणसी के दक्षिणी छोर पर गंगा व असि नदी के संगम पर स्थित है।
- यह घाट श्रद्धालुओं की आस्था व आकर्षण का प्रमुख केन्द्र है।
- वाराणसी में गंगा तट पर अनेक सुंदर घाट बने हैं, ये सभी घाट किसी न किसी पौराणिक या धार्मिक कथा से संबंधित हैं।
- वाराणसी में लगभग 84 घाट हैं। ये घाट लगभग 4 मील लम्बे तट पर बने हुए हैं।
- वाराणसी के 84 घाटों में पाँच घाट बहुत ही पवित्र माने जाते हैं। इन्हें सामूहिक रूप से 'पंचतीर्थ' कहा जाता है। ये पाँच निम्नलिखित हैं-
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