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'''राजीव कुमार''' [[भारत]] के नये चुनाव आयुक्त हैं। उन्होंने पूर्व चुनाव आयुक्त अशोक लवासा का स्थान लिया है। अशोक लवासा ने [[18 अगस्त]], [[2020]] को चुनाव आयुक्त के पद से इस्तीफा दिया था। राजीव कुमार वित्त सचिव रहे हैं। वह [[1984]] बैच के झारखंड कैडर के आईएएस अधिकारी हैं।<br />
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|चित्र का नाम=राजीव कुमार
*राजीव कुमार 1984 बैच के सेवानिवृत्त आईएएस अधिकारी हैं। वह पूर्व चुनाव आयुक्त अशोक लवासा की जगह लेंगे, जिनका इस्तीफा [[31 अगस्त]], 2020 से प्रभावी है। अशोक लवासा 'एशियाई विकास बैंक' में उपाध्यक्ष के रूप में नई जिम्मेदारी संभालने जा रहे हैं।
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|पूरा नाम=राजीव कुमार
*सार्वजनिक नीति और प्रशासनिक क्षेत्र में राजीव कुमार का 30 साल से ज्यादा का अनुभव है। उन्होंने बीएससी और एलएलबी के साथ पब्लिक पॉलिसी एंड सस्टेनेबिलिटी में मास्टर्स किया है। उनको पिछले [[जुलाई 2019]] में वित्त सचिव नियुक्त किया था और इस [[फ़रवरी 2020]] में उनका कार्यकाल समाप्त हो गया था।
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|अन्य नाम=
*राजीव कुमार को [[प्रधानमंत्री]] [[नरेंद्र मोदी]] की वित्तीय समावेशन की योजना के प्रमुख क्षेत्रों में काम करने के लिए जाना जाता है। इनमें 'प्रधानमंत्री जन धन योजना' और 'मुद्रा ऋण योजना' जैसी प्रमुख योजनाएं शामिल हैं।
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|जन्म=[[19 फ़रवरी]], [[1960]]
*उनका चुनाव आयोग में कार्यकाल पांच साल का होगा यानी 2025 तक। इस हिसाब से राजीव कुमार लोकसभा चुनाव-2024 का काम भी देखेंगे।
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|जन्म भूमि=
*लवासा से पहले [[1973]] में [[मुख्य निर्वाचन आयुक्त]] नागेन्द्र सिंह ने तब इस्तीफा दिया था, जब उनको अंतरराष्ट्रीय न्यायिक अदालत में जज बनाया गया था। यदि सब कुछ सही रहता तो लवासा अगले साल अप्रॅल 2021 में मुख्य निर्वाचन आयुक्त बनते और 2022 अक्टूबर तक [[उत्तर प्रदेश]], [[उत्तराखंड]] और [[पश्चिम बंगाल]] सहित कई राज्यों में विधानसभा के चुनाव कराते।
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}}'''राजीव कुमार''' ([[अंग्रेज़ी]]: ''Rajiv Kumar'', जन्म- [[19 फ़रवरी]], [[1960]]) [[भारतीय प्रशासनिक सेवा]] के पूर्व अधिकारी हैं। [[15 मई]], [[2022]] को उन्होंने [[भारत]] के 25वें मुख्य चुनाव आयुक्त के रूप में पदभार ग्रहण किया। उन्होंने अपने पूर्वाधिकारी [[सुशील चन्द्रा]] का स्थान लिया है। इससे पहले राजीव कुमार चुनाव आयुक्त रहे। तब उन्होंने पूर्व चुनाव आयुक्त अशोक लवासा का स्थान लिया था। अशोक लवासा ने [[18 अगस्त]], [[2020]] को चुनाव आयुक्त के पद से इस्तीफा दे दिया था। राजीव कुमार वित्त सचिव भी रहे हैं। वह [[1984]] बैच के झारखंड कैडर के आईएएस अधिकारी हैं।
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==परिचय==
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राजीव कुमार का जन्म 19 फ़रवरी, 1960 को हुआ था। उनके पास बीएससी, एलएलबी, पीजीडीएम और सार्वजनिक नीति में मास्टर डिग्री है। राजीव कुमार ने [[1979]] और [[1982]] के बीच [[दिल्ली विश्वविद्यालय]] से एलएलबी की पढ़ाई पूरी की। वह टीईआरआई स्कूल ऑफ एडवांस्ड स्टडीज के पूर्व छात्र हैं।
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==कॅरियर==
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राजीव कुमार [[1984]] बैच के [[बिहार]]/[[झारखंड]] कैडर के [[भारतीय प्रशासनिक सेवा]] अधिकारी हैं। साल [[2001]] और [[2007]] के बीच जनजातीय मामलों के मंत्रालय में निदेशक और संयुक्त सचिव के रूप में राजीव कुमार ने अनुसूचित जनजाति (वन अधिकारों का पुनर्गठन) विधेयक, 2005 का मसौदा तैयार किया। यह उनकी देखरेख में था कि राज्यों को विशेष केंद्रीय सहायता और [[कला]] के तहत अनुदान। [[संविधान]] की धारा 275(1) अनुसूचित और जनजातीय क्षेत्रों के विकास के लिए दी गई थी।
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राजीव कुमार ने [[भारतीय रिज़र्व बैंक]] (आरबीआई), [[स्टेट बैंक ऑफ़ इंडिया]] और नाबार्ड के केंद्रीय बोर्ड के निदेशक जैसे अन्य पदों पर भी काम किया है। वह आर्थिक खुफिया परिषद (ईआईसी), वित्तीय स्थिरता और विकास परिषद (एफएसडीसी), बैंक बोर्ड ब्यूरो (बीबीबी) और वित्तीय क्षेत्र नियामक नियुक्ति खोज समिति (एफएसआरएएससी) के सदस्य भी रहे हैं। उन्होंने [[सितम्बर 2017]] और [[फ़रवरी 2020]] के बीच वित्त सचिव का पद संभाला।
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==मुख्य चुनाव आयुक्त==
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राजीव कुमार को [[15 मई]], [[2022]] को [[भारत]] के [[मुख्य निर्वाचन आयुक्त]] (सीईसी) के रूप में नियुक्त किया गया। उनका कार्यकाल [[फ़रवरी 2025]] में समाप्त होगा। कार्यभार संभालने के बाद राजीव कुमार ने दुर्गम इलाके में 18 कि.मी. की पैदल यात्रा की। [[उत्तराखंड]] के चमोली में डुमक गांव में एक आंतरिक मतदान केंद्र का दौरा किया। उन्होंने मतदान आवश्यकताओं का आकलन किया और मतदान अधिकारियों को भी प्रेरित किया, जो चुनाव के दौरान कठिन इलाकों से गुजरते हैं।
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मुख्य चुनाव आयुक्त राजीव कुमार की अध्यक्षता में भारतीय चुनाव आयोग (ईसीआई) ने 'चुनाव अखंडता पर लोकतंत्र समूह' का भी नेतृत्व किया। ईसीआई ने इस पहल में अपनी भागीदारी के तहत [[अक्टूबर 2022]] और [[मार्च 2023]] के बीच तीन अंतरराष्ट्रीय सम्मेलनों की मेजबानी की है। सीईसी के रूप में अपने कार्यकाल के दौरान राजीव कुमार ने [[असम]] के संसदीय और विधानसभा निर्वाचन क्षेत्रों के परिसीमन का एक और चुनौतीपूर्ण कार्य सफलतापूर्वक पूरा किया। सर्वसम्मति, परामर्श और सक्रिय भागीदारी के माध्यम से राजीव कुमार ने साथी आयुक्तों के साथ परस्पर विरोधी दृष्टिकोण और हितों वाले विभिन्न हितधारकों को एक ही मेज पर लाया, जिससे चुनावी सीमाओं को फिर से परिभाषित करने के लिए एक समावेशी, सहभागी और प्रतिनिधि दृष्टिकोण को बढ़ावा मिला।
  
 
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राजीव कुमार
राजीव कुमार
पूरा नाम राजीव कुमार
जन्म 19 फ़रवरी, 1960
कर्म भूमि भारत
कर्म-क्षेत्र भारतीय प्रशासनिक सेवा
प्रसिद्धि 25वें मुख्य चुनाव आयुक्त, भारत
नागरिकता भारतीय
पद 25वें मुख्य चुनाव आयुक्त- 15 मई, 2022 से 18 फरवरी, 2025 तक

चुनाव आयुक्त- 1 सितंबर, 2020 से 14 मई, 2022 वित्त सचिव, भारत- 1 अगस्त, 2019 से 29 फरवरी, 2020

अन्य जानकारी राजीव कुमार ने भारतीय रिज़र्व बैंक (आरबीआई), स्टेट बैंक ऑफ़ इंडिया और नाबार्ड के केंद्रीय बोर्ड के निदेशक जैसे अन्य पदों पर भी काम किया है।
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राजीव कुमार (अंग्रेज़ी: Rajiv Kumar, जन्म- 19 फ़रवरी, 1960) भारतीय प्रशासनिक सेवा के पूर्व अधिकारी हैं। 15 मई, 2022 को उन्होंने भारत के 25वें मुख्य चुनाव आयुक्त के रूप में पदभार ग्रहण किया। उन्होंने अपने पूर्वाधिकारी सुशील चन्द्रा का स्थान लिया है। इससे पहले राजीव कुमार चुनाव आयुक्त रहे। तब उन्होंने पूर्व चुनाव आयुक्त अशोक लवासा का स्थान लिया था। अशोक लवासा ने 18 अगस्त, 2020 को चुनाव आयुक्त के पद से इस्तीफा दे दिया था। राजीव कुमार वित्त सचिव भी रहे हैं। वह 1984 बैच के झारखंड कैडर के आईएएस अधिकारी हैं।

परिचय

राजीव कुमार का जन्म 19 फ़रवरी, 1960 को हुआ था। उनके पास बीएससी, एलएलबी, पीजीडीएम और सार्वजनिक नीति में मास्टर डिग्री है। राजीव कुमार ने 1979 और 1982 के बीच दिल्ली विश्वविद्यालय से एलएलबी की पढ़ाई पूरी की। वह टीईआरआई स्कूल ऑफ एडवांस्ड स्टडीज के पूर्व छात्र हैं।

कॅरियर

राजीव कुमार 1984 बैच के बिहार/झारखंड कैडर के भारतीय प्रशासनिक सेवा अधिकारी हैं। साल 2001 और 2007 के बीच जनजातीय मामलों के मंत्रालय में निदेशक और संयुक्त सचिव के रूप में राजीव कुमार ने अनुसूचित जनजाति (वन अधिकारों का पुनर्गठन) विधेयक, 2005 का मसौदा तैयार किया। यह उनकी देखरेख में था कि राज्यों को विशेष केंद्रीय सहायता और कला के तहत अनुदान। संविधान की धारा 275(1) अनुसूचित और जनजातीय क्षेत्रों के विकास के लिए दी गई थी।

राजीव कुमार ने भारतीय रिज़र्व बैंक (आरबीआई), स्टेट बैंक ऑफ़ इंडिया और नाबार्ड के केंद्रीय बोर्ड के निदेशक जैसे अन्य पदों पर भी काम किया है। वह आर्थिक खुफिया परिषद (ईआईसी), वित्तीय स्थिरता और विकास परिषद (एफएसडीसी), बैंक बोर्ड ब्यूरो (बीबीबी) और वित्तीय क्षेत्र नियामक नियुक्ति खोज समिति (एफएसआरएएससी) के सदस्य भी रहे हैं। उन्होंने सितम्बर 2017 और फ़रवरी 2020 के बीच वित्त सचिव का पद संभाला।

मुख्य चुनाव आयुक्त

राजीव कुमार को 15 मई, 2022 को भारत के मुख्य निर्वाचन आयुक्त (सीईसी) के रूप में नियुक्त किया गया। उनका कार्यकाल फ़रवरी 2025 में समाप्त होगा। कार्यभार संभालने के बाद राजीव कुमार ने दुर्गम इलाके में 18 कि.मी. की पैदल यात्रा की। उत्तराखंड के चमोली में डुमक गांव में एक आंतरिक मतदान केंद्र का दौरा किया। उन्होंने मतदान आवश्यकताओं का आकलन किया और मतदान अधिकारियों को भी प्रेरित किया, जो चुनाव के दौरान कठिन इलाकों से गुजरते हैं।

मुख्य चुनाव आयुक्त राजीव कुमार की अध्यक्षता में भारतीय चुनाव आयोग (ईसीआई) ने 'चुनाव अखंडता पर लोकतंत्र समूह' का भी नेतृत्व किया। ईसीआई ने इस पहल में अपनी भागीदारी के तहत अक्टूबर 2022 और मार्च 2023 के बीच तीन अंतरराष्ट्रीय सम्मेलनों की मेजबानी की है। सीईसी के रूप में अपने कार्यकाल के दौरान राजीव कुमार ने असम के संसदीय और विधानसभा निर्वाचन क्षेत्रों के परिसीमन का एक और चुनौतीपूर्ण कार्य सफलतापूर्वक पूरा किया। सर्वसम्मति, परामर्श और सक्रिय भागीदारी के माध्यम से राजीव कुमार ने साथी आयुक्तों के साथ परस्पर विरोधी दृष्टिकोण और हितों वाले विभिन्न हितधारकों को एक ही मेज पर लाया, जिससे चुनावी सीमाओं को फिर से परिभाषित करने के लिए एक समावेशी, सहभागी और प्रतिनिधि दृष्टिकोण को बढ़ावा मिला।


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