चैतन्य भागवत

भारत डिस्कवरी प्रस्तुति
यहाँ जाएँ:भ्रमण, खोजें

चैतन्य भागवत चैतन्य महाप्रभु के उपदेशों पर वृन्दावनदास ठाकुर द्वारा लिखा गया बांग्ला भाषा का एक प्रसिद्ध ग्रन्थ है। चैतन्य भागवत में यह वर्णन है कि ईश्वरपुरी के निकट दीक्षा ग्रहण करने के पश्चात श्री चैतन्य महाप्रभु गया से नवद्वीप धाम जाते समय यहां प्रथम बार भगवान श्रीकृष्ण का दर्शन किये तथा उससे आलिंगनबद्ध हुए। इस कारण से इस स्थान का नाम कालांतर में कन्हैयास्थान पड़ा। उक्त कन्हाई नाटयशाला में राधा-कृष्ण एवं चैतन्य महाप्रभु के पदचिह्न आज भी मौजूद है।


पन्ने की प्रगति अवस्था
आधार
प्रारम्भिक
माध्यमिक
पूर्णता
शोध

टीका टिप्पणी और संदर्भ

संबंधित लेख