आज का दिन - 29 मई 2024
- राष्ट्रीय शाके 1946, 08 गते 16, ज्येष्ठ, बुधवार
- विक्रम सम्वत् 2081, ज्येष्ठ, कृष्ण पक्ष, षष्ठी, बुधवार, श्रवण
- इस्लामी हिजरी 1445, 20, ज़िलक़ाद, बुध, सा-देज़ाबेह
- कन्हैयालाल मिश्र प्रभाकर (जन्म), रामानन्द चैटर्जी (जन्म), हुल्लड़ मुरादाबादी (जन्म), पृथ्वीराज कपूर (मृत्यु), सुनीति कुमार चटर्जी (मृत्यु), चौधरी चरण सिंह (मृत्यु), लोकराम नयनराम शर्मा (मृत्यु), गीतकार योगेश (मृत्यु), अजीत जोगी (मृत्यु)
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विशेष आलेख
- वाराणसी के व्यापारी समुद्री व्यापार भी करते थे। काशी से समुद्र यात्रा के लिए नावें छूटती थीं।
- इस नगर के धनी व्यापारियों का व्यापार के उद्देश्य से समुद्र पार जाने का उल्लेख है। जातकों में भी व्यापार के उद्देश्य से बाहर जाने का उल्लेख मिलता है। एक जातक में उल्लेख है कि बनारस के व्यापारी दिशाकाक लेकर समुद्र यात्रा को गए थे। ... और पढ़ें
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एक पर्यटन स्थल
- खजुराहो की मूर्तियों की सबसे अहम और महत्त्वपूर्ण ख़ूबी यह है कि इनमें गति है, देखते रहिए तो लगता है कि शायद चल रही है या बस हिलने ही वाली है, या फिर लगता है कि शायद अभी कुछ बोलेगी, मस्कुराएगी, शर्माएगी या रूठ जाएगी।
- कमाल की बात तो यह है कि ये चेहरे के भाव और शरीर की भंगिमाऐं केवल स्त्री पुरुषों में ही नहीं बल्कि जानवरों में भी दिखाई देती हैं। ... और पढ़ें
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ऐसा भी हुआ !
- 20 हज़ार आबादी वाले एक नगर के लोगों ने दो हज़ार साल पहले स्वयं अपने नगर में आग लगा दी और अपनी स्त्रियों और बच्चों के साथ जलकर मर गए .... और पढ़ें
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सूक्ति और कहावत
- महानता अहंकार रहित होती है, तुच्छता अहंकार की सीमा पर पहुँच जाती है। -तिरुवल्लुवर (तिरुक्कुरल, 969)
- यह मनुष्य अन्तकाल में जिस-जिस भी भाव को स्मरण करता हुआ शरीर को त्याग करता है, वह उस-उस को ही प्राप्त होता हैं; क्योंकि वह सदा उसी भाव से भावित रहा है । - श्रीमद्भागवत गीता .... और पढ़ें
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सामान्य ज्ञान प्रश्नोत्तरी
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