यातायात और परिवहन

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भारत में परिवहन

भारत देश के निरंतर विकास में सुचारू और समन्वित परिवहन प्रणाली की महत्वपूर्ण भूमिका होती है। वर्तमान प्रणाली में यातायात के अनेक साधन, जैसे- रेल, सड़क, तटवर्ती नौ-संचालन, वायु, परिवहन इत्यादि शामिल हैं। पिछले कुछ वर्षों में इस क्षेत्र में उल्लेखनीय वृद्धि के साथ-साथ इसका विस्तार हुआ है और क्षमता भी बढ़ी है। जहाजरानी, सड़क, परिवहन एवं राजमार्ग मंत्रालय रेल और नागर विमानन को छोड़कर परिवहन के विभिन्न साधनों के विकास के लिए नीतिगत कार्यक्रम बनाने और उन्हें लागू करने की ज़िम्मेदारी निभाता है।

भारत के विभिन्न राज्यों का यातायात

परिवहन

-जल परिवहन कोलकाता (केन्द्रीय अन्तर्देशीय जल परिवहन निगम का मुख्यालय)
-सड़क मार्ग की कुल लम्बाई 33,19,664 किमी.
-राष्ट्रीय राजमार्गों की संख्या संख्यानुसार 109 जबकि कुल 143 (लगभग 19 निर्माणाधीन)।
-राष्ट्रीय राजमार्गों की कुल लम्बाई 66,590 किमी.
-सबसे लम्बा राष्ट्रीय राजमार्ग राजमार्ग संख्या 7 (लंबाई- 2369 किमी वाराणसी से कन्याकुमारी)
-राष्ट्रीय राजमार्ग (स्वर्ण चतुर्भुज) 5,846 किमी (योजना के अंतर्गत शामिल राष्ट्रीय राजमार्गों की कुल लम्बाई)
-राष्ट्रीय राजमार्ग (उत्तर-दक्षिण कॉरिडॉर) 7,300 किमी (योजना अंतर्गत शामिल राष्ट्रीय राजमार्गों की कुल लम्बाई)
-रेलमार्ग 63,465 किमी.
-रेलवे परिमण्डलों की संख्या 16
-सबसे बड़ा रेलवे परिमण्डल उत्तर रेलवे (11,023 किमी., मुख्यालय- नई दिल्ली)
-रेलवे स्टेशनों की संख्या लगभग 7,133 (31 मार्च, 2006 तक)
-रेल यात्रियों की संख्या 50,927 लाख प्रतिदिन (2002-03)
-रेल इंजनों की संख्या</ref> 8,025 (मार्च, 2006)।
-रेल सवारी डिब्बों की संख्या 42,570 (2001)
-रेल माल डिब्बों की संख्या 2,22,147 (2001)
-यात्री रेलगाड़ियों की संख्या 44,090
-अन्य सवारी रेल गाड़ियाँ 5,990
-अन्तर्राष्ट्रीय हवाई अड्डों की संख्या पाँच [1]
-मुक्त आकाशीय हवाई अड्डा गया (बिहार)
-प्रस्तावित अंतर्राष्ट्रीय हवाई अड्डे बंगलौर, हैदराबाद, अहमदाबाद, गोवा, अमृतसर, गुवाहाटी एवं कोचीन।

आंध्र प्रदेश का यातायात

सड़कें

सन 2007 तक आंध्र प्रदेश से होकर गुजरने वाले राष्ट्रीय राजमार्गों की लंबाई 4,647 किलोमीटर थी और प्रांतीय सड़कों की लंबाई 63,863 किलोमीटर थी जिसमें 10,412 किलोमीटर प्रांतीय राजमार्ग थे।

ओडिशा का यातायात

ओडिशा राज्य में विकास दर बढाने के लिए परिवहन की अनेक योजनाओं को क्रियान्वित किया जा रहा है-

सडकें
  • 2004 - 05 तक राज्य में सडकों की कुल लंबाई 2,37,332 कि.मी. थी। इसमें राष्ट्रीय राजमार्गों की कुल लंबाई 3,595 कि.मी., एक्सप्रेस राजमार्गों की कुल लंबाई 29 किलोमीटर, राजकीय राजमार्गों की कुल लंबाई 5,102 कि.मी. ज़िला मुख्य सड़कों की कुल लंबाई 3,189 कि.मी., अन्य ज़िला सड़कों की कुल लंबाई 6,334 कि.मी. और ग्रामीण सड़कों की कुल लंबाई 27,882 कि.मी. है। पंचायत समिति सड़कों की कुल लंबाई 1,39,942 कि.मी. और 88 कि.मी. ग्रिडको सड़कें हैं।

दिल्ली का यातायात

भारत सरकार ने दिल्‍ली शहर में बढ़ते वाहन प्रदूषण और यातायात की अस्‍त-व्‍यस्‍त स्थिति को देखते हुए मास रैपिड ट्रांज़िट प्रणाली लागू करने का निर्णय लिया। यह परियोजना कार्यान्वित की जा रही है और इसमें अति आधुनिक तकनीक का इस्‍तेमाल किया जा रहा है। दिल्‍ली में मेट्रो रेल परियोजना आ गई है। अब दिल्‍ली मेट्रो के प्रथम चरण में तीन मेट्रो कॉरीडोर हैं जो रिकार्ड समय में पूरे होकर काम भी करने लगे हैं।

मेट्रो रेल, दिल्ली
Metro Train, Delhi

शाहदरा से रिठाला और दिल्‍ली विश्‍वविद्यालय से‍ कें‍द्रीय सचिवालय के बीच लाइनें बिछ गई हैं और इन पर गाडियाँ भी चलने लगी हैं। बाराखंभा और द्वारका के बीच तीसरी लाइन भी चालू हो गई है। दिल्‍ली मेट्रो के द्वितीय चरण को भी स्‍वीकृत मिल गई है जिससे राष्‍ट्रीय राजधानी क्षेत्र के यात्रियों को बेहतर संपर्क सुविधा प्राप्‍त हो सकेगी। दिल्‍ली सडकों, रेल लाइनों और विमान सेवाओं के ज़रिये भारत के सभी भागों से भलीभांति जुड़ी हुई है। यहाँ तीन हवाई अड्डे हैं। इंदिरा गांधी अंतर्राष्‍ट्रीय हवाई अड्डा अंतर्राष्‍ट्रीय उड़ानों के लिए पालम हवाई अड्डा घरेलू उड़ानों के लिए तथा सफदरजंग हवाई अडडा प्रशिक्षण उड़ानों के लिए इस्‍तेमाल किया जा रहा है।

कर्नाटक का यातायात

  • कर्नाटक में रेलवे के नेटवर्क की कुल लंबाई लगभग 3089 किलोमीटर है।
  • कर्नाटक में हवाई अडडे बैंगलोर, मैंगलोर, हुबली, बेलगांव, हंपी एवं बेलारी में उपलब्ध हैं जिनमें, बैंगलोर हवाई पट्टी से दूसरे देशों के लिए भी विमान सेवा उपलब्ध है। मैसूर एवं गुलबर्गा, बीजापुर, हासन एवं शिमोगा में इस वर्ष के अंत तक हवाई सेवाएं उपलब्ध होने की उम्मीद है।
  • कर्नाटक में 11 बंदरगाह हैं, जिसमे नवीन मैंगलोर बंदरगाह शामिल है जो एक मुख्य बंदरगाह है।
  • कर्नाटक में राष्ट्रीय और राजकीय राजमार्गों की कुल दूरी क्रमश: 3973 किलोमीटर और 9829 किलोमीटर है।

केरल का यातायात

  • केरल राज्‍य की यातायात प्रणाली में 1.61 लाख कि.मी. सडकें,
  • 1,148 कि.मी. रेल लाइनें,
  • 1,687 कि.मी. जलमार्ग और
  • 18 हवाई अड्डों के 111 स्‍टेचू मील वायुमार्ग हैं।

गुजरात का यातायात

सड़क एवं रेल संपर्क अच्छे हैं और तटीय जहाज़ी मार्ग गुजरात के विभिन्न बंदरगाहों को जोड़ते हैं, कांडला एक प्रमुख अंतर्राष्ट्रीय बंदरगाह है। गुजरात राज्य के भीतर और देश के अन्य प्रमुख नगरों के लिए गुजरात से वायुसेना उपलब्ध है।

  • 2005-06 के अंत में सड़कों की कुल लंबाई (गैर योजना, सामुदायिक, शहरी और परियोजना सड़कों के अलावा) लगभग 74,038 किलोमीटर थी।
  • 2002-03 के अंत तक भूतल सड़कों की लम्बाई 70,743 किमी थी। देश का पहला एक्सप्रेस मार्ग अहमदाबाद और बड़ोदरा के बीच निर्माणाधीन है।

गोवा का यातायात

गोवा में 31 दिसंबर, 2008 तक 4,40,152 ड्राइविंग लाइसेंस दिए गए तथा 6,59,012 वाहनों का पंजीकरण किया गया।

सड़क मार्ग

राज्‍य में राष्‍ट्रीय राजमार्गों की लंबाई 224 किलोमीटर तथा प्रांतीय राजमार्गों की लंबाई 232 किलोमीटर है। इसके अलावा 815 किलोमीटर ज़िला मार्ग हैं।

जम्मू और कश्मीर का यातायात

भारतीय संघ सरकार ने जम्मू-कश्मीर में राजमार्गों और संचार सुविधाओं के विकास पर भारी विनियोग किया है। देश के विभाजन और कश्मीर पर भारत - पाकिस्तान विवाद के कारण श्रीनगर से झेलम की घाटी होते हुए रावलपिंडी का मार्ग अवरुद्ध हो गया। इसके कारण एक लम्बे और अधिक कठिन गाड़ी मार्ग को, जो बनिहाल दर्रे से होकर जाता था, सभी मौसमों में उपयोग योग्य राजमार्ग में बदलना ज़रूरी हो गया।

त्रिपुरा का यातायात

सडकें

त्रिपुरा में विभिन्‍न प्रकार की सड़कों की कुल लंबाई 1,997 कि.मी. है, जिसमें से मुख्‍य ज़िला सड़कें 90 कि.मी., अन्‍य ज़िला सड़कें 1,218 कि.मी. और प्रांतीय राजमार्ग 689 कि.मी हैं।

नागालैंड का यातायात

सड़कें

नागालैंड राज्‍य में सड़कों की कुल लंबाई 9,860 किलोमीटर है, जिसमें राष्‍ट्रीय राजमार्ग, प्रांतीय राजमार्ग, ज़िला और ग्रामीण सड़कें शामिल हैं। कुल 900 से अधिक गांवों को सड़कों से जोड़ा गया है।

पंजाब का यातायात

पंजाब राज्य सरकार की सड़कों, पुलों और भवनों के रखरखाव का दायित्व पी.डब्लू.डी. की है। सड़कों की कुल लम्बाई 50,506 कि.मी. है। 'पंजाब सड़क और बाँध विकास बोर्ड' की स्थापना 1998 में हुई। इसका उद्देश्य राज्य की सड़कों के लिए अतिरिक्त साधन जुटाना था।

पश्चिम बंगाल का यातायात

सडकें

31 मार्च 2002 को राज्‍य में सड़कों की कुल लंबाई 91,970 किलोमीटर थी जिसमें 1,898 किलोमीटर लंबे राष्‍ट्रीय राजमार्ग शामिल थे। सड़कों की लंबाई इस प्रकार है :

  1. प्रांतीय राजमार्ग - 3533 किलोमीटर,
  2. लोक निर्माण विभाग सड़कें - 12565 कि.मी. और
  3. ज़िला सड़कें - 42,479 कि.मी.।

बिहार का यातायात

सड़कें

मार्च, 2008 तक बिहार में 45,721.059 किलोमीटर पक्‍की सड़कें थीं। इनमें 3,734.38 किलोमीटर राष्‍ट्रीय राजमार्ग, 3,766.029 किलोमीटर प्रांतीय राजमार्ग, 7,992.65 प्रमुख ज़िला सड़कें, 2,828 किलोमीटर अन्‍य ज़िला सड़कें तथा 27,400 किलोमीटर ग्रामीण सड़कें शामिल थीं।

मणिपुर का यातायात

सड़कें-

  • मणिपुर में तीन राष्‍ट्रीय राजमार्ग -
  1. राष्ट्रीय राजमार्ग - 39,
  2. राष्ट्रीय राजमार्ग - 53 और
  3. राष्ट्रीय राजमार्ग 150

मध्य प्रदेश का यातायात

मध्य प्रदेश में सड़कों की कुल लंबाई 73311 किलोमीटर है। राष्‍ट्रीय राजमार्गो की लंबाई 4280 कि.मी और प्रांतीय राजमार्गो की लंबाई 8729 कि.मी. है। राज्‍य में सड़कों के निर्माण तथा सुधार का कार्य बडे पैमाने पर किया जा रहा है तथा लगभग 60 हज़ार कि.मी. सड़कों का निर्माण तथा सुधार का कार्य किया जाएगा। वर्ष 2005 को ‘सडकों का वर्ष’ के रूप में मनाया गया। इस दौरान प्रत्‍येक माह एक महत्‍वपूर्ण सड़क का निर्माण कार्य पूरा किया गया।

महाराष्ट्र का यातायात

सड़क

मार्च 2005 तक राज्‍य में सड़कों की कुल लंबाई 2.29 लाख कि.मी. थी, जिसमें राष्‍ट्रीय राजमार्गों की लंबाई 4, 367 कि.मी. प्रांतीय राजमार्गों की 33,406 कि.मी., प्रमुख ज़िला सड़कों की 48,824 कि.मी., अन्‍य ज़िला सड़कों की लंबाई 44,792 कि.मी. और ग्रामीण सड़कों की कुल लंबाई 97,913 कि.मी. थी।

सिक्किम का यातायात

गंगटोक सड़क मार्ग से दार्जिलिंग, कलिमपोंग, सिलिगुड़ी तथा सिक्किम के सभी ज़िला मुख्यालयों से जुड़ा है। 41 कि.मी. राष्ट्रीय राजमार्ग सहित, राज्य में सड़कों की कुल लंबाई 2,383 कि.मी. है। इसमें से 873.40 कि.मी. सड़कें सीमा सड़क संगठन ने बनवायी है। राष्ट्रीय राजमार्ग 31A सिलीगुड़ी और गंगटोक को जोड़ता है । यह मार्ग सिक्किम में रंग्पो में प्रवेश करने के बाद तीस्ता नदी के समानान्तर चलता है।

हिमाचल प्रदेश का यातायात

हिमाचल प्रदेश राज्य में सड़कें ही यहाँ की जीवन रेखा हैं और यही संचार के प्रमुख साधन हैं। इसके 55,673 वर्ग किलोमीटर क्षेत्रफल में से 36,700 किलोमीटर में रहने योग्य स्थान है, जिसमें से 16,807 गांव अनेक पर्वतीय श्रृंखलाओं और घाटियों के ढलानों पर फैले हुए हैं। उत्पादन क्षेत्रों और बाज़ार केंद्रों को जोड़ने वाली महत्त्वपूर्ण सड़कों के निर्माण के लिए हिमाचल प्रदेश सरकार ने तीन वर्षों में प्रत्येक पंचायत को सड़क से जोड़ने का निर्णय किया है।


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टीका टिप्पणी और संदर्भ

  1. जवाहर लाल नेहरू अन्तर्राष्ट्रीय हवाई अड्डा (सान्ताक्रुज, मुम्बई), सुभाष चन्द्र बोस हवाई अड्डा (दमदम- कोलकाता), इन्दिरा गाँधी अन्तर्राष्ट्रीय हवाई अड्डा (पालम, दिल्ली), मीनाम्बकम हवाई अड्डा (चेन्नई) तथा तिरुवनन्तपुरम।

बाहरी कड़ियाँ

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