एक्स्प्रेशन त्रुटि: अनपेक्षित उद्गार चिन्ह "१"।

बनारसी साड़ी

भारत डिस्कवरी प्रस्तुति
यहाँ जाएँ:भ्रमण, खोजें
बनारसी साड़ी में विदेशी महिला, वाराणसी

वाराणसी की बनारसी साड़ियाँ दुनियाभर में प्रसिद्ध हैं। लाल, हरी और अन्य गहरे रंगों की ये साड़ियां हिंदू परिवारों में किसी भी शुभ अवसर के लिए आवश्यक मानी जाती हैं। उत्तर भारत में अधिकांश बहू-बेटियाँ बनारसी साड़ी में ही विदा की जाती हैं।

  • बनारसी साड़ियों की कारीगरी सदियों पुरानी है।
  • जरी, बेलबूटे और शुभ डिजाइनों से सजी ये साड़ियां हर आयवर्ग के परिवारों को संतुष्ट करती हैं और उनकी ज़रूरतें पूरी करती हैं।
  • बनारसी साड़ियां सुहाग का प्रतीक मानी जाती हैं। पारंपरिक हिंदू समाज में बनारसी साड़ी का महत्व चूड़ी और सिंदूर के समान है।
  • उत्तर भारत की विवाहित और सधवा स्त्रियाँ विवाह के अवसर पर मिली इन साड़ियों को बड़े यत्न से संभालकर रखती हैं।
  • केवल ख़ास-शुभ अवसरों पर ही स्त्रियां बनारसी साड़ियों को पहनती हैं।


पन्ने की प्रगति अवस्था
आधार
प्रारम्भिक
माध्यमिक
पूर्णता
शोध

टीका टिप्पणी और संदर्भ

बाहरी कड़ियाँ

संबंधित लेख