फागु पूर्णिमा

भारत डिस्कवरी प्रस्तुति
गोविन्द राम (चर्चा | योगदान) द्वारा परिवर्तित 09:42, 14 मार्च 2013 का अवतरण (''''फागु पूर्णिमा''' अथवा '''फगुआ''' नामक त्योहार बिहार की...' के साथ नया पन्ना बनाया)
(अंतर) ← पुराना अवतरण | वर्तमान अवतरण (अंतर) | नया अवतरण → (अंतर)
यहाँ जाएँ:भ्रमण, खोजें

फागु पूर्णिमा अथवा फगुआ नामक त्योहार बिहार की होली के रूप में जाना जाता है। फागु मतलब लाल रंग और पूर्णिमा यानी पूरा चंद्रमा

उत्‍सव

बिहार और इससे लगे उत्तर प्रदेश के कुछ हिस्‍सों में इसे हिंदी नववर्ष के उत्‍सव के रूप में मनाते हैं। लोग एक-दूसरे को बधाई देते हैं। होली का त्‍योहार तीन दिनों तक मनाया जाता है। पहले दिन रात में होलिका दहन होता है, जिसे यहाँ संवत्‍सर दहन के नाम से भी जाना जाता है और लोग इस आग के चारों ओर घूमकर नृत्‍य करते हैं। अगले दिन इससे निकले राख से होली खेली जाती है, जो धुलेठी कहलाती है और तीसरा दिन रंगों का होता है। स्‍त्री और पुरुषों की टोलियाँ घर-घर जाकर डोल की थाप पर नृत्‍य करते हैं, एक-दूसरे को रंग-गुलाल लगाते हैं और पकवान खाते हैं।


इन्हें भी देखें: मथुरा होली चित्र वीथिका, बरसाना होली चित्र वीथिका एवं बलदेव होली चित्र वीथिका


पन्ने की प्रगति अवस्था
आधार
प्रारम्भिक
माध्यमिक
पूर्णता
शोध

टीका टिप्पणी और संदर्भ

बाहरी कड़ियाँ

संबंधित लेख