ठाणे

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मासुंद तलाव, ठाणे

ठाणे भूतपूर्व थाना नगर, दक्षिण-पश्चिम भारत के महाराष्ट्र राज्य के उल्हास नदी के मुहाने पर, मुंबई के पूर्वोत्तर में स्थित है। यह पहले मुंबई का एक आवासीय उपनगर था। ठाणे पर पुर्तग़ालियों, मराठों और अंग्रेज़ों का अधिकार रह चुका है। 16 अप्रैल, 1853 ई. में मुंबई और ठाणे के बीच भारत की पहली रेल पटरी शुरू हुई थी। ठाणे अब रसायन, इंजीनियरिंग उत्पाद एवं वस्त्र का विशाल औद्योगिक केंद्र बन गया है। यहाँ पर अनेक ऐतिहासिक भवन हैं, जिनमें एक क़िला और कई चर्च शामिल है।

इतिहास

भारत के इतिहास के पन्नों पर ठाणे का महत्‍वपूर्ण स्‍थान है। ठाणे की उत्‍पत्ति और इसके खोजकर्ता के विषय में कुछ अधिक जानकारी प्राप्त नहीं है। 135 ई. से 159 ई. के दौरान ग्रीक के भूगोलशास्त्री पोटेलेमी द्वारा लिखे गए पत्रों में इस जगह को 'चेरसोनिसस' नाम से सम्बोधित किया गया था। कुछ अन्‍य दस्‍तावेजों के अनुसार 1321 ई. से 1324 ई. तक ठाणे को मुस्लिम साम्राज्‍य के अधीन बताया गया। इसके बाद पुर्तग़ालियों ने ठाणे में अपना निवास बनाया। बाद के समय में मराठों ने पुर्तग़ालियों को खदेड़ दिया और स्वयं को वहाँ का शासक बना लिया। लेकिन ब्रिटिश शासकों ने ठाणे पर अधिकार करके इसकी रूपरेखा ही परिवर्तित कर डाली। ठाणे को पहला नगर परिषद वर्ष 1863 ई. में मिला।

प्रथम रेलगाड़ी की शुरुआत

16 अप्रैल, 1853 को 'ग्रेट इंडियन पेनिनसुला रेलवे' की पहली रेलगाड़ी बम्बई (वर्तमान मुम्बई) के बोरी बंदर से थाने (वर्तमान ठाणे) के लिए रवाना हुई थी। उस समय इस रेलगाड़ी को 21 मील का रास्ता पूरा करने में 57 मिनट का समय लगा था। इस रेलगाड़ी में चार डिब्बे थे, और जिसमें लगभग 400 यात्री सवार थे। पहला रेलवे पुल जो ठाणे कोल पर स्थित है, वह वर्ष 1854 ई. में बनकर तैयार हुआ था। इस रेलगाड़ी को तीन लोकोमोटिव, जिनके नाम क्रमश: सुल्तान, सिंध और साहिब थे, खींच रहे थे।

जलवायु

ठाणे की जलवायु उष्ण कटिबंधीय मानसून है, जो उष्ण कटिबंधीय गीला और शुष्क जलवायु के बीच स्थित है। यहाँ हमेशा उच्च वर्षा की स्थिति बनी रहती है, जबकि अत्यधिक तापमान की स्थिति बहुत ही कम होती है । सामान्य स्थिति में यहाँ का तापमान 22 डिग्री सेल्सियस से 36 डिग्री सेल्सियस के बीच होता है। सर्दियों में तापमान 12 डिग्री सेल्सियस से 20 डिग्री सेल्सियस के बीच, जबकि गर्मियों में तापमान 36 डिग्री सेल्सियस से 41 डिग्री सेल्सियस के बीच होता है। कुल वर्षा में से 80 प्रतिशत वर्षा अक्टूबर-जून के दौरान होती है। यहाँ की औसत वार्षिक वर्षा 2000-2500 मि.मी. है और नमी 61-86 प्रतिशत है। यहाँ सर्वाधिक नमी जुलाई के महीने में और सर्वाधिक शुष्कता शरद ऋतु में देखी जाती है।


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टीका टिप्पणी और संदर्भ

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