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*[[भारत]] में धार्मिक व्रतों का सर्वव्यापी प्रचार रहा है। यह हिन्दू धर्म ग्रंथों में उल्लखित [[हिन्दू धर्म]] का एक व्रत संस्कार है।
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*[[भारत]] में धार्मिक व्रतों का सर्वव्यापी प्रचार रहा है। यह हिन्दू धर्म ग्रंथों में उल्लिखित [[हिन्दू धर्म]] का एक व्रत संस्कार है।
 
*[[चैत्र]] [[शुक्ल पक्ष]] की [[षष्ठी]] को उपवास से आरम्भ तथा [[सप्तमी]] पर [[सूर्य]] पूजा की जाती है। <ref>हेमाद्रि व्रतखण्ड (1, 702–5, भविष्य); कृत्यकल्पतरु (व्रत0 205–8); कृत्यरत्नाकर (121–23)</ref>
 
*[[चैत्र]] [[शुक्ल पक्ष]] की [[षष्ठी]] को उपवास से आरम्भ तथा [[सप्तमी]] पर [[सूर्य]] पूजा की जाती है। <ref>हेमाद्रि व्रतखण्ड (1, 702–5, भविष्य); कृत्यकल्पतरु (व्रत0 205–8); कृत्यरत्नाकर (121–23)</ref>
 
*'ओदन' में भक्ष्य, भोज्य एवं लेह्य (चाटना) सम्मिलित है, किन्तु जल ओदन नहीं है, अतः उस दिन ग्रहण किया जा सकता है।
 
*'ओदन' में भक्ष्य, भोज्य एवं लेह्य (चाटना) सम्मिलित है, किन्तु जल ओदन नहीं है, अतः उस दिन ग्रहण किया जा सकता है।

16:13, 25 फ़रवरी 2011 का अवतरण

  • भारत में धार्मिक व्रतों का सर्वव्यापी प्रचार रहा है। यह हिन्दू धर्म ग्रंथों में उल्लिखित हिन्दू धर्म का एक व्रत संस्कार है।
  • चैत्र शुक्ल पक्ष की षष्ठी को उपवास से आरम्भ तथा सप्तमी पर सूर्य पूजा की जाती है। [1]
  • 'ओदन' में भक्ष्य, भोज्य एवं लेह्य (चाटना) सम्मिलित है, किन्तु जल ओदन नहीं है, अतः उस दिन ग्रहण किया जा सकता है।

टीका टिप्पणी और संदर्भ

  1. हेमाद्रि व्रतखण्ड (1, 702–5, भविष्य); कृत्यकल्पतरु (व्रत0 205–8); कृत्यरत्नाकर (121–23)

अन्य संबंधित लिंक

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