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{[[मौर्य काल]] में भूमि कर, जो कि राज्य की आय का मुख्य स्रोत था, किस अधिकारी द्वारा एकत्रित किया जाता था?  
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{प्रसिद्ध 'विजयविट्ठल मन्दिर', जिसके 56 तक्षित स्तंभ संगीतमय स्वर निकालते हैं, कहाँ अवस्थित है?
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|type="()"}
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-[[वेल्लोर]]
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-[[काँची]]
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+[[हम्पी]]
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-[[श्रीरंगम]]
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||[[चित्र:Lakshmi-Narsmiha-Hampi.jpg|लक्ष्मी नरसिम्हा, हम्पी|100px|right]]'हम्पी' [[मध्यकालीन भारत|मध्यकालीन]] [[हिन्दू]] राज्य [[विजयनगर साम्राज्य]] की राजधानी था। यह प्राचीन शानदार नगर अब मात्र [[खंडहर|खंडहरों]] के रूप में ही [[अवशेष]] अंश में उपस्थित है। [[हम्पी]] में [[कृष्णदेव राय]] के शासन काल में बनाया गया प्रसिद्ध 'हज़ाराराम मन्दिर' विद्यमान हिन्दू मन्दिरों की [[वास्तुकला]] के पूर्णतम नमूनों में से एक है। मन्दिर की दीवारों पर [[रामायण]] के सभी प्रमुख दृश्य बड़ी सुन्दरता से उकेरे गये हैं। यह मन्दिर राजपरिवार की स्त्रियों की [[पूजा]] के लिये बनवाया गया था। '[[विट्ठलस्वामी मन्दिर, हम्पी|विट्ठलस्वामी मन्दिर]]' भी विजयनगर शैली का एक सुन्दर नमूना है। मन्दिर के कल्याणमंडप की नक़्क़ाशी इतनी सूक्ष्म और सघन है कि यह देखते ही बनता है। मन्दिर का भीतरी भाग 55 फुट लम्बा है। - अधिक जानकारी के लिए देखें:-[[हम्पी]]
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{[[मौर्यकालीन भारत]] में भूमि कर, जो कि राज्य की आय का मुख्य स्रोत था, किस अधिकारी द्वारा एकत्रित किया जाता था?
 
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-अग्रोनोमाई
 
-अग्रोनोमाई
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-शुल्काध्यक्ष
 
-शुल्काध्यक्ष
 
-अक्राध्यक्ष
 
-अक्राध्यक्ष
||[[मौर्य काल]] में सीताध्यक्ष राजकीय [[कृषि]] विभाग का अध्यक्ष होता था, राजकीय भूमि से राज्य को सर्वाधिक कर प्राप्त होता था।
+
||[[चित्र:Chandragupt-Maurya-Stamp.jpg|right|100px|चन्द्रगुप्त मौर्य का टिकट]][[मौर्य काल]] में राजकीय भूमि पर दासों, कर्मकरों और क़ैदियों द्वारा कृषि-कर्म कराया जाता था। दास और कर्मकरों को भोजन आदि दिया जाता था और कार्य के दौरान नक़द मासिक वेतन भी दिया जाता था। परन्तु ऐसी भी राजकीय भूमि होती थी, जिस पर 'सीताध्यक्ष' द्वारा खेती नहीं कराई जाती थी। ऐसी भूमि पर करद कृषक खेती किया करते थे। 'सीताध्यक्ष' राजकीय [[कृषि]] विभाग का अध्यक्ष होता था, जिसके द्वारा राजकीय भूमि से राज्य को सर्वाधिक कर प्राप्त होता था। [[मेगस्थनीज़]], स्ट्राबो तथा ऐरियन इत्यादि [[यूनानी]] लेखकों के अनुसार सारी भूमि राजा की होती थी। वे राजा के लिए खेती करते थे और ¼ भाग राजा को लगान देते थे। - अधिक जानकारी के लिए देखें:-[[मौर्यकालीन भारत]], [[मौर्य काल]], [[मौर्य काल का शासन प्रबंध]]
 
 
{गुप्तकाल में [[गुजरात]], [[बंगाल]], दक्कन एवं [[तमिलनाडु|तमिल]] राष्ट्र में स्थित केन्द्र किससे सम्बन्धित थे?
 
|type="()"}
 
+वस्त्र उत्पादन
 
-बहुमूल्य मणि एवं रत्न
 
-हस्तशिल्प
 
-अफ़ीम खेती
 
||गुप्तकाल में कपड़े का निर्माण करना इस काल का सर्वप्रमुख उद्योग था। अमरकोष में कताई, बुनाई, हथकरघा, धागे इत्यादि का सन्दर्भ आया है। गुप्तकाल में वस्त्र उत्पादन के [[गुजरात]], [[बंगाल]], दक्कन एवं [[तमिलनाडु|तमिल]] राष्ट्र के प्रमुख केन्द्र थे।
 
 
 
{'किताब उल हिन्द' रचना के प्रसिद्ध लेखक का क्या नाम था?
 
|type="()"}
 
-हसन निज़ामी
 
-मिन्हाज-उस-सिराज
 
+[[अलबेरूनी]]
 
-शम्स-ए- सिराज आफ़िफ
 
|| 'किताब उल हिन्द' नामक पुस्तक की रचना [[अलबेरूनी]] ने की थी। अलबरूनी [[अरबी भाषा|अरबी]], [[फ़ारसी भाषा|फ़ारसी]], तुर्की, [[संस्कृत]], गणित, खगोल का प्रमुख जानकर था। उसकी कुल 14 पुस्तकों में 'किताब उल हिन्द' सबसे अधिक लोकप्रिय पुस्तक थी। उसकी इस पुस्तक को दक्षिण एशिया के इतिहास का प्रमुख स्रोत माना जाता है।
 
 
 
{[[अकबर]] काल में भू-राजस्व व्यवस्था की प्रसिद्ध नीति 'आइन-ए दहसाला' पद्धति किसके द्वारा निर्मित की गई थी?
 
|type="()"}
 
-शाह नवाज़ ख़ाँ
 
+[[टोडरमल]]
 
-[[रहीम|अब्दुर्रहीम रहीम खानखाना]]
 
-मुल्ला दो प्याजा
 
||[[टोडरमल]], [[अकबर]] के नौ रत्नों में से एक थे तथा अकबर के अर्थमंत्री थे। भू-राजस्व व्यवस्था 'आइन-ए दहसाला' उन्हीं के द्वारा निर्मित की गई थी।
 
  
{'अष्ट दिग्गज' किस राजा से सम्बन्धित थे?
+
{'अष्ट दिग्गज' निम्न में से किस राजा से सम्बन्धित थे?
 
|type="()"}
 
|type="()"}
 
-[[शिवाजी]]
 
-[[शिवाजी]]
+कृष्णदेव राय
+
+[[कृष्णदेव राय]]
 
-[[राजेन्द्र प्रथम]]
 
-[[राजेन्द्र प्रथम]]
 
-[[यशोवर्मन]]
 
-[[यशोवर्मन]]
||कृष्णदेव राय शासनकाल 'तेलुगु साहित्य का क्लासिकी युग' माना जाता है। उसके दरबार को तेलुगु के आठ महान विद्वान एवं कवि (जिन्हें अष्ट दिग्गज़ कहा जाता है) सुशोभित करते थे अत: उसे 'आन्ध्र भोज' भी कहा जाता है।
+
||'कृष्णदेव राय' (1509-1529 ई.) [[तुलुव वंश]] के [[वीर नरसिंह]] का अनुज था, जो [[8 अगस्त]], 1509 ई. को [[विजयनगर साम्राज्य]] के सिंहासन पर बैठा। उसके शासन काल में विजयनगर ऐश्वर्य एवं शक्ति के दृष्टिकोण से अपने चरमोत्कर्ष पर था। [[कृष्णदेव राय]] का शासन काल 'तेलुगु साहित्य का क्लासिकी युग' माना जाता है। उसके दरबार को तेलुगु के आठ महान् विद्वान् एवं कवि, जिन्हें '''अष्ट दिग्गज''' कहा जाता था, सुशोभित करते थे। अत: उसे 'आन्ध्र भोज' कहकर भी पुकारा जाता था। 'अष्ट दिग्गज' में सर्वाधिक महत्वपूर्ण अल्लसानि पेद्दन को "तेलुगु कविता का पितामह" की उपाधि प्रदान की गई थी। उसकी मुख्य कृति है- ‘स्वारोचिष-सम्भव’ या 'मनुचरित' तथा ‘हरिकथा सार’। - अधिक जानकारी के लिए देखें:-[[कृष्णदेव राय]]
 
 
{निम्नलिखित में से कौन-सा संस्कार स्त्रियों एवं शूद्रों के लिए वर्जित था?
 
|type="()"}
 
- चूड़ाकर्म
 
+ [[उपनयन संस्कार|उपनयन]]
 
- नायकरण
 
- पुंसवन
 
|| [[चित्र:Upanayana-1.jpg|right|100px|[[उपनयन संस्कार|उपनयन]]<br /> Upanayana]] 'उपनयन' का अर्थ है "पास या सन्निकट ले जाना।" किन्तु किसके पास ले जाना? सम्भवत: आरम्भ में इसका तात्पर्य था "आचार्य के पास (शिक्षण के लिए) ले जाना।" हो सकता है; इसका तात्पर्य रहा हो नवशिष्य को विद्यार्थीपन की अवस्था तक पहुँचा देना। कुछ गृह्यसूत्रों से ऐसा आभास मिल जाता है, यथा हिरण्यकेशि के अनुसार; तब गुरु बच्चे से यह कहलवाता है "मैं ब्रह्मसूत्रों को प्राप्त हो गया हूँ। मुझे इसके पास ले चलिए। सविता देवता द्वारा प्रेरित मुझे ब्रह्मचारी होने दीजिए।" मानवग्रह्यसूत्र एवं काठक. ने 'उपनयन' के स्थान पर 'उपायन' शब्द का प्रयोग किया है। काठक के टीकाकार आदित्यदर्शन ने कहा है कि उपानय, उपनयन, मौञ्चीबन्धन, बटुकरण, व्रतबन्ध समानार्थक हैं।{{point}}अधिक जानकारी के लिए देखें:- [[उपनयन संस्कार]]
 
  
{[[ऋग्वेद]] में जिस अपराध का सबसे अधिक उल्लेख किया गया है, वह था?
+
{[[जैन साहित्य]] को निम्नलिखित में से इस नाम से भी जाना जाता है?
 
|type="()"}
 
|type="()"}
- हत्या
+
+[[आगम]]
- अपहरण
+
-निगम
+ पशु चोरी
+
-[[ग्रन्थ]]
- लूट और राहजनी
+
-बखार
 +
||[[चित्र:Jainism-Symbol.jpg|right|70px|जैन धर्म का प्रतीक चिह्न]] भगवान [[महावीर]] के उपदेश [[जैन धर्म]] के मूल सिद्धान्त हैं, जिन्हें '[[आगम]]' कहा जाता है। ये अर्ध-मागधी प्राकृत भाषा में हैं। इन्हें आचारांगादि बारह अंगों में संकलित किया गया है, जो 'द्वादशंग आगम' कहे जाते हैं। वैदिक संहिताओं की भाँति जैन आगम भी पहले 'श्रुत' रूप में ही थे। महावीर स्वामी के बाद भी कई शताब्दियों तक उन्हें लिपिबद्ध नहीं किया गया था। श्वेताम्बर और दिगम्बर शाखाओं में जहाँ अनेक बातों में मतभेद था, वहीं आगमों को लिपिबद्ध न करने में दोनों एक मत थे। -
 +
अधिक जानकारी के लिए देखें:-[[आगम]]
  
{19वीं सदी के महानतम पारसी समाज सुधारक थे?
+
{उन्नीसवीं सदी के महानतम [[पारसी]] समाज सुधारक कौन थे?
 
|type="()"}
 
|type="()"}
-सर जमशेदजी
+
-[[जमशेदजी टाटा|जमशेदजी]]
-सर रूस्तम बहरामजी
+
-रूस्तम बहरामजी
 
-नवलजी टाटा
 
-नवलजी टाटा
+बहरामजी एम. मल्लबारी  
+
+बहरामजी एम. मल्लबारी
||19वीं शताब्दी के पारसी सुधारक '''बहरामजी एम. मल्लबारी''' थे इन्होंने [[1885]] में सेवासदन नामक सामाजिक सुधार तथा मानवतावादी संगठन की स्थापना की थी।
 
 
 
{[[भारत]] में प्रथम तीन विश्वविद्यालय ([[कलकत्ता]], [[मद्रास]], [[बम्बई]]) की स्थापना किस वर्ष में हुई?
 
|type="()"}
 
+[[1857]] में
 
-[[1881]] में
 
-[[1885]] में
 
-[[1904]] में
 
||चार्ल्स वुड के पत्र की सभी सिफ़ारिशें लागू कर दी गई। पुरानी [[शिक्षा]] परिषद और लोक शिक्षा समिति के स्थान पर [[1855]] में लोक शिक्षा विभाग स्थापित कर दिया गया। तीनों विश्वविद्यालय ([[कलकत्ता]], [[मद्रास]], [[बम्बई]]) [[1857]] में अस्तित्व में आए।
 
 
 
{[[भारतीय राष्ट्रीय कांग्रेस]] के [[1924]] के अधिवेशन में [[महात्मा गाँधी]] द्वारा मात्र एक बार अध्यक्षता की गई। यह अधिवेशन कहाँ हुआ था।
 
|type="()"}
 
-[[गया]] में
 
-[[अमृतसर]] में
 
+बेलगाँव में
 
-[[कानपुर]] में
 
||[[भारतीय राष्ट्रीय कांग्रेस]] का 39 वाँ अधिवेशन, जो [[26 दिसम्बर|26]] -[[27 दिसम्बर|27]], [[1924]] में बेलगाँव में हुआ था, की अध्यक्षता [[महात्मा गाँधी]] ने की थी।
 
 
 
 
 
{[[महावीर]] की मृत्यु के बाद जैन संघ का मुखिया किसे कहा जाता है?
 
|type="()"}
 
-जम्बु
 
-स्थूलभद्र
 
-भद्रबाहु
 
+सुधर्मण
 
||[[महावीर]] ने अपने जीवनकाल में ही एक संघ की स्थापना की जिसमें 11 प्रमुख अनुयायी सम्मिलित थे। ये गणधर कहलाए। महावीर के जीवनकाल में ही 10 गणधर की मृत्यु हो गई, महावीर के बाद केवल सुधर्मण जीवित रहा, जो जैन संघ का प्रथम मुखिया या अध्यक्ष बना।
 
 
 
{[[राजगृह]] का राजकीय चिकित्सक 'जीवक' को जिसे गणिका के पुत्र के रूप में माना जाता है उस गणिका का नाम है?
 
|type="()"}
 
+सलावती
 
-बसंतसेना
 
-रमनिया
 
-आम्रपाली
 
||[[राजगृह]] का राजकीय चिकित्सक 'जीवक', सलावती नामक गणिका का पुत्र था।
 
 
 
{'दीवान-ए-मुस्तखराज' किसने स्थापित किया था?
 
|type="()"}
 
-[[कुतुबुद्दीन ऐबक]]
 
-[[रजिया सुल्तान|रजिया]]
 
-[[बलबन]]
 
+[[अलाउद्दीन ख़िलज़ी]]
 
||[[दिल्ली]] सल्तनत का सर्वशक्तिशाली शासक [[अलाउद्दीन ख़िलज़ी]] ने बकाया करों की वसूली तथा राजस्व एकत्र करने के लिए 'दीवान-ए-मुस्तखराज' नामक विभाग की स्थापना की।
 
 
 
{इतिहासकार [[अबुल फ़ज़ल]] का कत्ल किया था?
 
|type="()"}
 
-[[हेमू]] ने
 
-[[बैरम ख़ाँ]] ने
 
-उदय सिंह ने
 
+वीर सिंह देव बुन्देला ने
 
||सलीम ([[जहाँगीर]]) के इशारे पर [[ओरछा]] के बुन्देला सरदार वीर सिंह देव ने [[अबुल फ़ज़ल]] की हत्या कर दी थी। अबुल फ़ज़ल [[अकबर]] द्वारा स्थापित नवीन सम्प्रदाय [[दीन-ए-इलाही]] का प्रधान पुरोहित था।
 
 
 
{[[जैन धर्म]] का वास्तविक संस्थापक किसे माना जाता है?
 
|type="()"}
 
-[[तीर्थंकर पार्श्वनाथ|पार्श्वनाथ]]
 
+[[महावीर|महावीर स्वामी]]
 
-[[ॠषभनाथ तीर्थंकर|ऋषभदेव]]
 
-[[नेमिनाथ तीर्थंकर|नेमिनाथ]]
 
||[[चित्र:Mahaveer.jpg|[[महावीर]]<br /> Mahaveer|right|100px]] '''वर्धमान महावीर''' या महावीर, [[जैन धर्म]] के प्रवर्तक भगवान श्री ऋषभनाथ (श्री आदिनाथ) की परम्परा में 24वें तीर्थंकर थे। इनका जीवन काल 599 ईसवी ,ईसा पूर्व से 527 ईस्वी ईसा पूर्व तक माना जाता है। जैन धर्म के चौबीसवें और अंतिम तीर्थंकर महावीर वर्धमान का जन्म [[वृज्जि]] गणराज्य की [[वैशाली]] नगरी के निकट कुण्डग्राम में हुआ था। इनके पिता सिद्धार्थ उस गणराज्य के राजा थे। कलिंग नरेश की कन्या यशोदा से महावीर का विवाह हुआ। किंतु 30 वर्ष की उम्र में अपने जेष्ठबंधु की आज्ञा लेकर इन्होंने घर-बार छोड़ दिया और तपस्या करके कैवल्य ज्ञान प्राप्त किया। महावीर ने पार्श्वनाथ के आरंभ किए तत्वज्ञान को परिमार्जित करके उसे [[जैन]] दर्शन का स्थायी आधार प्रदान किया।{{point}}अधिक जानकारी के लिए देखें:- [[महावीर]]
 
 
 
 
 
{जैन परम्परा के अनुसार [[जैन धर्म]] में कुल कितने तीर्थकर हुए हैं?
 
|type="()"}
 
-25
 
-20
 
+24
 
-23
 
 
 
{निम्नलिखित में से किस [[मुग़ल]] बादशाह ने [[राजा राममोहन राय]] को दूत बनाकर लंदन भेजा था?
 
|type="()"}
 
-[[आलमगीर द्वितीय]]
 
-[[शाहआलम द्वितीय]]
 
+[[अकबर द्वितीय]]
 
-बहादुरशाह द्वितीय
 
||[[मुग़ल]] बादशाह [[अकबर द्वितीय]] (1806-37) ने राजा राममोहन राय को 'राजा' की उपाधि प्रदान की तथा उनसे [[इंग्लैंण्ड]] जाकर बादशाह की पेंशन बढ़ाने की सिफ़ारिश करने का आग्रह किया। इंग्लैंण्ड में ही [[1833]] ई. में राममोहन राय राजा की बिस्टल में मृत्यु हो गयी।
 
 
 
{वैज्ञानिक समाज की स्थापना की थी?
 
|type="()"}
 
-विल्टन कम्पनी ने
 
-लॉर्ड कार्नवालिस ने
 
+[[सर सैयद अहमद ख़ाँ]] ने
 
-इनमें से कोई नहीं
 
|| वैज्ञानिक समाज की स्थापना [[1864]] में [[सर सैयद अहमद ख़ाँ]] ने की तथा [[1875]] में [[अलीगढ़]] मुस्लिम एंग्लो ओरिएंटल कॉलेज की स्थापना की।
 
 
 
{[[महाभारत]] में [[माद्री]], [[देवकी]], भद्रा, [[रोहिणी]], मदिरा, आदि स्त्रियों का वर्णन किस सन्दर्भ में किया है?
 
|type="()"}
 
-धार्मिक उपासना के सन्दर्भ में
 
+पति के साथ [[सती]] होने के सन्दर्भ में
 
-गणिकाओं के रूप में
 
-उपर्युक्त में से कोई नहीं
 
 
 
{[[अशोक]] के कुल कितने मुहालेख अब तक मिले हैं?
 
|type="()"}
 
- 5
 
+ 3
 
- 7
 
- 14
 
 
 
{कोपेनहेगन संग्रहालय की सामग्री से पाषण, कांस्य और लौहयुग का त्रियुगीय विभाजन किया था?
 
|type="()"}
 
+थॉमसन ने
 
-लुब्बाक ने
 
-टेलर ने
 
-चाइल्ड ने
 
 
 
{[[ऋग्वेद]] में निम्नलिखित किन नदियों का उल्लेख [[अफ़ग़ानिस्तान]] के साथ [[आर्य|आर्यों]] के सम्बन्ध का सूचक है?
 
|type="()"}
 
-असिक्नी
 
-परुष्नी
 
+कुभा, क्रम
 
-विपाश, सुतुद्रि
 
|| क्रमु (कुर्रम), कुभा (क़ाबुल) आदि आर्यों के कार्यकाल में [[अफ़ग़ानिस्तान]] में बहने वाली नदियाँ हैं।
 
 
 
{[[बुद्ध]] का किसके सिक्कों पर अंकन हुआ है?
 
|type="()"}
 
-[[विम कडफ़ाइसिस]]
 
+[[कनिष्क]]
 
-नहपाण
 
-बुद्ध गुप्त
 
||[[कनिष्क]] का कार्यकाल 78 ई. के लगभग माना जाता है। 78 ई. में उसने एक संवत चलाया जो [[शक संवत]] कहलाता है। इसी के सिक्कों पर [[बुद्ध]] का अंकन मिलता है।
 
 
 
{[[माउण्ट आबू]] का जैन मन्दिर किससे बना है?
 
|type="()"}
 
-बलुए पत्थर से
 
-ग्रेनाइट से
 
-चूना पत्थर से
 
+संगमरमर से
 
||[[चंदबरदाई]] [[राजपूत|राजपूतों]] की उत्पत्ति स्थल माउण्ट आबू को ही मानते हैं। [[माउण्ट आबू]] के पास ही प्रसिद्ध देलवाड़ा के जैन मन्दिर हैं। माउण्ट आबू के जैन मन्दिर संगमरमर से बने हुए हैं। यहाँ [[देवता|देवताओं]] के नाखूनों से खोदी गई 'नक्की झील' है।
 
 
 
{यापनीय किसका सम्प्रदाय था?
 
|type="()"}
 
-[[बौद्ध धर्म]] का
 
+[[जैन धर्म]] का
 
-[[शैव धर्म]] का
 
-[[वैष्णव धर्म]] का
 
 
</quiz>
 
</quiz>
 
|}
 
|}
पंक्ति 208: पंक्ति 52:
 
{{इतिहास सामान्य ज्ञान}}
 
{{इतिहास सामान्य ज्ञान}}
 
{{सामान्य ज्ञान प्रश्नोत्तरी}}
 
{{सामान्य ज्ञान प्रश्नोत्तरी}}
{{प्रचार}}
 
 
[[Category:सामान्य ज्ञान]]
 
[[Category:सामान्य ज्ञान]]
 
[[Category:सामान्य ज्ञान प्रश्नोत्तरी]]
 
[[Category:सामान्य ज्ञान प्रश्नोत्तरी]]
पंक्ति 215: पंक्ति 58:
 
__INDEX__
 
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__NOTOC__
 
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{{Review-G}}

13:23, 15 फ़रवरी 2023 के समय का अवतरण

सामान्य ज्ञान प्रश्नोत्तरी
राज्यों के सामान्य ज्ञान


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1 प्रसिद्ध 'विजयविट्ठल मन्दिर', जिसके 56 तक्षित स्तंभ संगीतमय स्वर निकालते हैं, कहाँ अवस्थित है?

वेल्लोर
काँची
हम्पी
श्रीरंगम

2 मौर्यकालीन भारत में भूमि कर, जो कि राज्य की आय का मुख्य स्रोत था, किस अधिकारी द्वारा एकत्रित किया जाता था?

अग्रोनोमाई
सीताध्यक्ष
शुल्काध्यक्ष
अक्राध्यक्ष

3 'अष्ट दिग्गज' निम्न में से किस राजा से सम्बन्धित थे?

शिवाजी
कृष्णदेव राय
राजेन्द्र प्रथम
यशोवर्मन

4 जैन साहित्य को निम्नलिखित में से इस नाम से भी जाना जाता है?

आगम
निगम
ग्रन्थ
बखार

5 उन्नीसवीं सदी के महानतम पारसी समाज सुधारक कौन थे?

जमशेदजी
रूस्तम बहरामजी
नवलजी टाटा
बहरामजी एम. मल्लबारी

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