कसर निकालना
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कसर निकालना एक प्रचलित लोकोक्ति अथवा हिन्दी मुहावरा है।
अर्थ- किसी से किसी विशिष्ट अवसर पर बदला चुका लेना।
प्रयोग- बहुत दिनों से तुम्हारे रंग देख रहा हूँ, आज सारी कसर निकाल लूँगा। (प्रेमचंद)