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'''गुरुधाम मंदिर''' वाराणसी में स्थित है। बेहद ही सुंदर स्थापत्य शैली से बनाया गया गुरुधाम मंदिर करीब 200 वर्ष प्राचीन है। गुरुधाम चौराहे से अंदर गली में स्थित इस मंदिर में तंत्र सिद्धांतों का समावेश है। अपने आप में अनूठे इस मंदिर में आम दर्शनार्थियों के अलावा तांत्रिक भी दर्शन-पूजन के लिए आते हैं। गुरुधाम मंदिर का निर्माण [[बंगाल]] के राजा जयनारायण घोषाल ने 1814 के आसपास कराया था। इस मंदिर का तंत्र विद्या की दृष्टि से अपना अलग ही महत्व है। जैसा कि कहा भी जाता है कि [[काशी]] मंदिरों का शहर है तो इसमें दो राय नहीं है कि यहां मंदिर कल्पनाओं से भी अधिक संख्या में और खूबसूरत हैं। | '''गुरुधाम मंदिर''' वाराणसी में स्थित है। बेहद ही सुंदर स्थापत्य शैली से बनाया गया गुरुधाम मंदिर करीब 200 वर्ष प्राचीन है। गुरुधाम चौराहे से अंदर गली में स्थित इस मंदिर में तंत्र सिद्धांतों का समावेश है। अपने आप में अनूठे इस मंदिर में आम दर्शनार्थियों के अलावा तांत्रिक भी दर्शन-पूजन के लिए आते हैं। गुरुधाम मंदिर का निर्माण [[बंगाल]] के राजा जयनारायण घोषाल ने 1814 के आसपास कराया था। इस मंदिर का तंत्र विद्या की दृष्टि से अपना अलग ही महत्व है। जैसा कि कहा भी जाता है कि [[काशी]] मंदिरों का शहर है तो इसमें दो राय नहीं है कि यहां मंदिर कल्पनाओं से भी अधिक संख्या में और खूबसूरत हैं। | ||
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11:56, 10 जनवरी 2014 का अवतरण
गुरुधाम मंदिर वाराणसी में स्थित है। बेहद ही सुंदर स्थापत्य शैली से बनाया गया गुरुधाम मंदिर करीब 200 वर्ष प्राचीन है। गुरुधाम चौराहे से अंदर गली में स्थित इस मंदिर में तंत्र सिद्धांतों का समावेश है। अपने आप में अनूठे इस मंदिर में आम दर्शनार्थियों के अलावा तांत्रिक भी दर्शन-पूजन के लिए आते हैं। गुरुधाम मंदिर का निर्माण बंगाल के राजा जयनारायण घोषाल ने 1814 के आसपास कराया था। इस मंदिर का तंत्र विद्या की दृष्टि से अपना अलग ही महत्व है। जैसा कि कहा भी जाता है कि काशी मंदिरों का शहर है तो इसमें दो राय नहीं है कि यहां मंदिर कल्पनाओं से भी अधिक संख्या में और खूबसूरत हैं।
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टीका टिप्पणी और संदर्भ
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