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[[चित्र:Godavari-Temple.jpg|thumb|गोदावरी तट शक्तिपीठ]]
 
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'''गोदावरी तट शक्तिपीठ''' [[शक्तिपीठ|51 शक्तिपीठों]] में से एक है। [[हिन्दू धर्म]] के [[पुराण|पुराणों]] के अनुसार जहां-जहां [[सती]] के अंग के टुकड़े, धारण किए [[वस्त्र]] या [[आभूषण]] गिरे, वहां-वहां शक्तिपीठ अस्तित्व में आये। ये अत्यंत पावन [[तीर्थ स्थान|तीर्थस्थान]] कहलाये। ये तीर्थ पूरे भारतीय उपमहाद्वीप पर फैले हुए हैं। देवीपुराण में [[शक्तिपीठ|51 शक्तिपीठों]] का वर्णन है।
 
*गोदावरी तट शक्तिपीठ [[आन्ध्र प्रदेश]] देवालयों के लिए प्रख्यात है।  
 
*गोदावरी तट शक्तिपीठ [[आन्ध्र प्रदेश]] देवालयों के लिए प्रख्यात है।  
 
*वहाँ [[शिव]], [[विष्णु]], [[गणेश]] तथा [[कार्तिकेय]] (सुब्रह्मण्यम) आदि की उपासना होती है तथा अनेक पीठ यहाँ पर हैं।  
 
*वहाँ [[शिव]], [[विष्णु]], [[गणेश]] तथा [[कार्तिकेय]] (सुब्रह्मण्यम) आदि की उपासना होती है तथा अनेक पीठ यहाँ पर हैं।  

12:01, 17 अप्रैल 2012 का अवतरण

गोदावरी तट शक्तिपीठ

गोदावरी तट शक्तिपीठ 51 शक्तिपीठों में से एक है। हिन्दू धर्म के पुराणों के अनुसार जहां-जहां सती के अंग के टुकड़े, धारण किए वस्त्र या आभूषण गिरे, वहां-वहां शक्तिपीठ अस्तित्व में आये। ये अत्यंत पावन तीर्थस्थान कहलाये। ये तीर्थ पूरे भारतीय उपमहाद्वीप पर फैले हुए हैं। देवीपुराण में 51 शक्तिपीठों का वर्णन है।

  • गोदावरी तट शक्तिपीठ आन्ध्र प्रदेश देवालयों के लिए प्रख्यात है।
  • वहाँ शिव, विष्णु, गणेश तथा कार्तिकेय (सुब्रह्मण्यम) आदि की उपासना होती है तथा अनेक पीठ यहाँ पर हैं।
  • आंध्र के गोदावरी स्टेशन के पास गोदावरी के पार कुब्बूर में कोटितीर्थ है।
  • यह शक्ति पीठ यहाँ स्थित है।
  • यहाँ पर सती के "वामगण्ड" (बायाँ गाल) का निपात हुआ था।
  • यहाँ की सती 'विश्वेश्वरी' या 'रुक्मिणी' तथा शिव 'दण्डपाणि' हैं।


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टीका टिप्पणी और संदर्भ

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