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*घी के वसीय [[अम्ल]] का संयोजन इसे उत्पन्न करने वाले पशु के आहार के अनुसार भिन्न होता है ।
 
*घी के वसीय [[अम्ल]] का संयोजन इसे उत्पन्न करने वाले पशु के आहार के अनुसार भिन्न होता है ।
 
*सम्पूर्ण संतुलित घी में इन अम्लों की मात्रा की गणना में रीचर्ट-मिस्सल या रीचर्ट-वोलनी संख्या महत्त्वपूर्ण है ।  
 
*सम्पूर्ण संतुलित घी में इन अम्लों की मात्रा की गणना में रीचर्ट-मिस्सल या रीचर्ट-वोलनी संख्या महत्त्वपूर्ण है ।  
*घी का प्रयोग दैनिक जीवन में किया जाता है। जैसे रोटी, परांठा, [[भारत की शाक-सब्ज़ी|सब्जी]] आदि के लिए घी का प्रयोग किया जाता है।  
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*घी का प्रयोग दैनिक जीवन में किया जाता है- जैसे रोटी, परांठा, [[भारत की शाक-सब्ज़ी|सब्जी]] आदि के लिए घी का प्रयोग किया जाता है।  
  
 
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10:04, 29 अप्रैल 2011 का अवतरण

  • मूलत: दुग्ध वसा, गाय के दूध में प्राकृतिक वसा संघटक और मक्खन का प्रमुख अवयव ।
  • शुद्ध घी पिघले हुए मक्खन के समान ऊपर आ जाता है और इसे बाहर आसानी निकाला जा सकता है तथा इसे बिना प्रशीतित किए कई महीनों तक रखा जा सकता है ।
  • घी का उपयोग भोजन बनाने और ख़ास व्यंजनों में किया जाता है।
  • रासायनिक रूप से घी अनिवार्यत: पॉल्मिटिक, ओलिइक, मेरिस्टिक और स्टीआरिक जैसे अम्लवसीय अम्लों से निकाले गए ट्राइग्लिसराइड के मिश्रण का बना होता है ।
  • घी के वसीय अम्ल का संयोजन इसे उत्पन्न करने वाले पशु के आहार के अनुसार भिन्न होता है ।
  • सम्पूर्ण संतुलित घी में इन अम्लों की मात्रा की गणना में रीचर्ट-मिस्सल या रीचर्ट-वोलनी संख्या महत्त्वपूर्ण है ।
  • घी का प्रयोग दैनिक जीवन में किया जाता है- जैसे रोटी, परांठा, सब्जी आदि के लिए घी का प्रयोग किया जाता है।


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टीका टिप्पणी और संदर्भ

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