"चैतन्य चरितामृत" के अवतरणों में अंतर

भारत डिस्कवरी प्रस्तुति
यहाँ जाएँ:भ्रमण, खोजें
 
(एक अन्य सदस्य द्वारा किया गया बीच का एक अवतरण नहीं दर्शाया गया)
पंक्ति 28: पंक्ति 28:
 
|टिप्पणियाँ =  
 
|टिप्पणियाँ =  
 
}}
 
}}
[[चित्र:Chaitanya-Charitamrita.jpg|thumb|चैतन्य चरितामृत (9 खण्ड)]]
 
'''चैतन्य चरितामृत''' ([[अंग्रेज़ी]]: ''Chaitanya Charitamrita'') [[कृष्णदास कविराज]] द्वारा रचित एक प्रसिद्ध ग्रन्थ है जिसमें [[चैतन्य महाप्रभु]] की लीला का गान किया गया है। इसमें उनकी विस्तृत जीवनी, उनके भक्तों एवं भक्तों के शिष्यों के उल्लेख के साथ-साथ [[गौड़ीय वैष्णव सम्प्रदाय|गौड़ीय वैष्णवों]] की दार्शनिक एवं भक्ति संबंधी विचारधारा का दर्शन है। इस [[महाकाव्य]] का [[पश्चिम बंगाल]] में अत्यंत आदर है और ऐतिहासिक दृष्टि से भी यह महत्वपूर्ण है। इसमें सम्प्रदाय के नेता [[चैतन्य महाप्रभु|कृष्ण चैतन्य]] का सम्पूर्ण जीवन बड़ी अच्छी शैली में वर्णित है। दिनेशचन्द्र सेन के शब्दों में [[बांग्ला भाषा]] में रचित यह ग्रन्थ चैतन्य तथा उनके अनुयायियों की शिक्षाओं को प्रस्तुत करने वाला सर्वश्रेष्ठ ग्रन्थ है।
 
  
 +
'''चैतन्य चरितामृत''' ([[अंग्रेज़ी]]: ''Chaitanya Charitamrita'') [[कृष्णदास कविराज]] द्वारा रचित एक प्रसिद्ध [[ग्रन्थ]] है, जिसमें [[चैतन्य महाप्रभु]] की लीला का गान किया गया है।
 +
 +
*इस ग्रन्थ में चैतन्य महाप्रभु की विस्तृत जीवनी, उनके भक्तों एवं भक्तों के शिष्यों के उल्लेख के साथ-साथ [[गौड़ीय वैष्णव सम्प्रदाय|गौड़ीय वैष्णवों]] की दार्शनिक एवं भक्ति संबंधी विचारधारा का दर्शन है।
 +
*'चैतन्य चरितामृत' [[महाकाव्य]] का [[पश्चिम बंगाल]] में अत्यंत आदर है और ऐतिहासिक दृष्टि से भी यह महत्वपूर्ण है।
 +
*वैष्णव सम्प्रदाय के नेता [[चैतन्य महाप्रभु|कृष्ण चैतन्य]] का सम्पूर्ण जीवन बड़ी अच्छी [[शैली]] में इस ग्रन्थ में वर्णित है।
 +
*दिनेशचन्द्र सेन के शब्दों में [[बांग्ला भाषा]] में रचित यह ग्रन्थ चैतन्य तथा उनके अनुयायियों की शिक्षाओं को प्रस्तुत करने वाला सर्वश्रेष्ठ ग्रन्थ है।
 +
*'चैतन्य चरितामृत' के अनुसार [[चैतन्य महाप्रभु]] ने कई कोढ़ियों और असाध्य रोगों से पीड़ित रोगियों को रोग मुक्त किया था।
  
 
{{लेख प्रगति|आधार=|प्रारम्भिक=प्रारम्भिक1 |माध्यमिक= |पूर्णता= |शोध= }}
 
{{लेख प्रगति|आधार=|प्रारम्भिक=प्रारम्भिक1 |माध्यमिक= |पूर्णता= |शोध= }}

07:39, 22 मई 2015 के समय का अवतरण

चैतन्य चरितामृत
चैतन्य भागवत
लेखक कृष्णदास कविराज
मूल शीर्षक चैतन्य चरितामृत
मुख्य पात्र चैतन्य महाप्रभु
अनुवादक ब्रजविभूति श्रीश्यामदास
देश भारत
भाषा हिन्दी
विधा काव्य ग्रन्थ
मुखपृष्ठ रचना सजिल्द
विशेष बांग्ला भाषा में रचित यह ग्रन्थ चैतन्य तथा उनके अनुयायियों की शिक्षाओं को प्रस्तुत करने वाला सर्वश्रेष्ठ ग्रन्थ है।

चैतन्य चरितामृत (अंग्रेज़ी: Chaitanya Charitamrita) कृष्णदास कविराज द्वारा रचित एक प्रसिद्ध ग्रन्थ है, जिसमें चैतन्य महाप्रभु की लीला का गान किया गया है।

  • इस ग्रन्थ में चैतन्य महाप्रभु की विस्तृत जीवनी, उनके भक्तों एवं भक्तों के शिष्यों के उल्लेख के साथ-साथ गौड़ीय वैष्णवों की दार्शनिक एवं भक्ति संबंधी विचारधारा का दर्शन है।
  • 'चैतन्य चरितामृत' महाकाव्य का पश्चिम बंगाल में अत्यंत आदर है और ऐतिहासिक दृष्टि से भी यह महत्वपूर्ण है।
  • वैष्णव सम्प्रदाय के नेता कृष्ण चैतन्य का सम्पूर्ण जीवन बड़ी अच्छी शैली में इस ग्रन्थ में वर्णित है।
  • दिनेशचन्द्र सेन के शब्दों में बांग्ला भाषा में रचित यह ग्रन्थ चैतन्य तथा उनके अनुयायियों की शिक्षाओं को प्रस्तुत करने वाला सर्वश्रेष्ठ ग्रन्थ है।
  • 'चैतन्य चरितामृत' के अनुसार चैतन्य महाप्रभु ने कई कोढ़ियों और असाध्य रोगों से पीड़ित रोगियों को रोग मुक्त किया था।


पन्ने की प्रगति अवस्था
आधार
प्रारम्भिक
माध्यमिक
पूर्णता
शोध

टीका टिप्पणी और संदर्भ

बाहरी कड़ियाँ

संबंधित लेख