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'''डेविड गैरिक'''(1717-1779) अंग्रेज़ अभिनेता तथा मंच संचालक थे। फ्रेंच प्रोटेस्टेंट कुल में उनका जन्म हुआ। (20 जनवरी, 1779) को लंदन में इनकी मृत्यु हुई। पिता जहाज के कप्तान थे। परिवार लीचफील्ड में आकर बसा जहाँ के ग्रामर स्कूल में आरंभिक शिक्षा हुई। डेविड गैरिक उच्च शिक्षा के लिये [[लंदन]] गए किंतु एक मास के भीतर ही पिता का देहावसान हो गया। इस बीच लिस्बन स्थित चाचा की 1000 पौंड की संपत्ति उत्तराधिकार में मिली, फलस्वरूप भाई के सहयोग से लंदन और लीचफील्ड में शराब का व्यवसाय शुरू किया।
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'''डेविड गैरिक''''' David Garrick'' ( जन्म- [[19 फरवरी 1717]] ई., मृत्यु- [[20 जनवरी, 1779]] ई.,) [[अंग्रेज़]] [[अभिनेता]] तथा मंच संचालक थे। फ्रेंच प्रोटेस्टेंट कुल में उनका जन्म हुआ। लंदन में इनकी मृत्यु हुई। पिता जहाज के कप्तान थे। परिवार लीचफील्ड में आकर बसा जहाँ के ग्रामर स्कूल में आरंभिक शिक्षा हुई। डेविड गैरिक उच्च शिक्षा के लिये [[लंदन]] गए किंतु एक मास के भीतर ही पिता का देहावसान हो गया। इस बीच लिस्बन स्थित चाचा की 1000 पौंड की संपत्ति उत्तराधिकार में मिली, फलस्वरूप भाई के सहयोग से लंदन और लीचफील्ड में शराब का व्यवसाय शुरू किया।
==नाटककार==
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==अद्वितीय अभिनेता==
डेविड गैरिक ने आरंभ में मंच के आलोचक तथा नाटककार बनने की चेष्टा की। पहला [[नाटक]] ईसव 15 अप्रैल, 1740 में 'डूरी लेन' में खेला गया और गैरिक प्रसिद्ध हो गए।
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डेविड गैरिक ने आरंभ में मंच के आलोचक तथा नाटककार बनने की चेष्टा की। पहला [[नाटक]] ई., 15 अप्रैल, 1740 में 'डूरी लेन' में खेला गया और गैरिक प्रसिद्ध हो गए।
 
मार्च, 1741 में पहली बार अभिनेता के रूप में मंच पर उतरे। इस बीच लीडाल के नाम से अभिनय करते थे। सन्‌ 1741 में गुडमेंस फील्ड्स में तृतीय रिचर्ड के रूप में अत्यन्त प्रसिद्धि मिली।
 
मार्च, 1741 में पहली बार अभिनेता के रूप में मंच पर उतरे। इस बीच लीडाल के नाम से अभिनय करते थे। सन्‌ 1741 में गुडमेंस फील्ड्स में तृतीय रिचर्ड के रूप में अत्यन्त प्रसिद्धि मिली।
 
क्रमश: तत्कालीन अंग्रेजी मंच के सबसे बड़े अभिनेता माने जाने लगे। गंभीर से लेकर हास्य तक के प्रसंगों के अभिनय में अद्वितीय थे।
 
क्रमश: तत्कालीन अंग्रेजी मंच के सबसे बड़े अभिनेता माने जाने लगे। गंभीर से लेकर हास्य तक के प्रसंगों के अभिनय में अद्वितीय थे।
इनका अभिनय देखने के लिये तत्कालीन श्रीमंतवर्ग तथा प्रसिद्ध व्यक्ति आते थे। आरंभ के छह मास में तो 18 प्रकार के विभिन्न चरित्रों का उन्होंने अविश्वसनीय रूप से सफल अभिनय किया। स्वयं रोम के पोप इनका अभिनय देखने तीन बार आए और कहा कि इनके बराबर दूसरा अभिनेता नहीं और न ही इनके समक्ष कोई हो सकेगा। अब वह डब्लिन तक मंच संचालक तथा निर्देशक के रूप में जाने लगे। जब कुछ दिनों बाद डूरी लेन का मंच बिका तब उसे इन्होंने खरीद लिया और सितंबर, 1747 में बड़े ही भव्य रूप में, मुझे हुए अभिनेताओं के दल के साथ अपना मंच आरंभ किया।
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इनका अभिनय देखने के लिये तत्कालीन श्रीमंतवर्ग तथा प्रसिद्ध व्यक्ति आते थे। आरंभ के छह मास में तो 18 प्रकार के विभिन्न चरित्रों का उन्होंने अविश्वसनीय रूप से सफल अभिनय किया। स्वयं रोम के पोप इनका अभिनय देखने तीन बार आए और कहा कि इनके बराबर दूसरा अभिनेता नहीं और न ही इनके समक्ष कोई हो सकेगा। अब वह डब्लिन तक मंच संचालक तथा निर्देशक के रूप में जाने लगे। जब कुछ दिनों बाद डूरी लेन का मंच बिका तब उसे इन्होंने खरीद लिया और सितंबर, 1747 में बड़े ही भव्य रूप में, मुझे हुए अभिनेताओं के दल के साथ अपना मंच आरंभ किया।<ref name="bb">{{cite web |url=http://khoj.bharatdiscovery.org/india/%E0%A4%97%E0%A5%88%E0%A4%B0%E0%A4%BF%E0%A4%95_%E0%A4%A1%E0%A5%87%E0%A4%B5%E0%A4%BF%E0%A4%A1|title='डेविड गैरिक |accessmonthday=09 जून |accessyear= 2015|last= |first= |authorlink= |format= |publisher= भारतखोज|language=हिन्दी}}</ref>
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==जन्म==
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डेविड गैरिक का जन्म (19 फरवरी 1717) ई., फ्रेंच प्रोटेस्टेंट कुल में उनका जन्म हुआ। इन्होने आरंभ में मंच के आलोचक तथा नाटककार बनने की चेष्टा की। 
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इनकी महान सफलता के दो कारण बताए जाते हैं।
 
इनकी महान सफलता के दो कारण बताए जाते हैं।
 
#[[फ्रांसीसी]] होकर भी अंग्रेजी में पारगंत होना दूसरे ऐसी पैनी दृष्टि जो जीवन और [[कला]] की विविधता को सहज ही ग्रहण कर लेती थी। त्रासदी (ट्रेजेडी) तथा कामदी (कामेडी) सभी प्रकार के नाटकों में पटु थे।
 
#[[फ्रांसीसी]] होकर भी अंग्रेजी में पारगंत होना दूसरे ऐसी पैनी दृष्टि जो जीवन और [[कला]] की विविधता को सहज ही ग्रहण कर लेती थी। त्रासदी (ट्रेजेडी) तथा कामदी (कामेडी) सभी प्रकार के नाटकों में पटु थे।
#शेक्सपियर के लगभग 17 चरित्रों के अभिनय के लिये विख्यात हुए। इन्होंने [[अंग्रेजी]] मंच के उन्नयन में बड़ा ही ऐतिहासिक कार्य किया। शेक्सपियर को लोकप्रिय बनाने में इनका बड़ा योग रहा है। इन्होंने शेक्सपियर के कामदी नाटकों के ओप्रा प्रस्तुत किए। पत्नी, इवा मारिया, जर्मन तथा अच्छी नर्तकी भी थी। अंतिम दिनों में अपना कारोबार भी बंद कर दिया।  
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#शेक्सपियर के लगभग 17 चरित्रों के अभिनय के लिये विख्यात हुए। इन्होंने [[अंग्रेजी]] मंच के उन्नयन में बड़ा ही ऐतिहासिक कार्य किया। शेक्सपियर को लोकप्रिय बनाने में इनका बड़ा योग रहा है। इन्होंने शेक्सपियर के कामदी नाटकों के ओप्रा प्रस्तुत किए। पत्नी, इवा मारिया, जर्मन तथा अच्छी नर्तकी भी थी। अंतिम दिनों में अपना कारोबार भी बंद कर दिया।<ref name="bb"/>
 
==निधन==  
 
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20 जनवरी, 1779 को लंदन में इनकी मृत्यु हुई। वहाँ ये वेस्टमिनिस्टर एबे में शेक्सपियर की मूर्ति के पदतल में दफना दिए गए।  
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06:17, 9 जून 2015 का अवतरण

डेविड गैरिक David Garrick ( जन्म- 19 फरवरी 1717 ई., मृत्यु- 20 जनवरी, 1779 ई.,) अंग्रेज़ अभिनेता तथा मंच संचालक थे। फ्रेंच प्रोटेस्टेंट कुल में उनका जन्म हुआ। लंदन में इनकी मृत्यु हुई। पिता जहाज के कप्तान थे। परिवार लीचफील्ड में आकर बसा जहाँ के ग्रामर स्कूल में आरंभिक शिक्षा हुई। डेविड गैरिक उच्च शिक्षा के लिये लंदन गए किंतु एक मास के भीतर ही पिता का देहावसान हो गया। इस बीच लिस्बन स्थित चाचा की 1000 पौंड की संपत्ति उत्तराधिकार में मिली, फलस्वरूप भाई के सहयोग से लंदन और लीचफील्ड में शराब का व्यवसाय शुरू किया।

अद्वितीय अभिनेता

डेविड गैरिक ने आरंभ में मंच के आलोचक तथा नाटककार बनने की चेष्टा की। पहला नाटक ई., 15 अप्रैल, 1740 में 'डूरी लेन' में खेला गया और गैरिक प्रसिद्ध हो गए। मार्च, 1741 में पहली बार अभिनेता के रूप में मंच पर उतरे। इस बीच लीडाल के नाम से अभिनय करते थे। सन्‌ 1741 में गुडमेंस फील्ड्स में तृतीय रिचर्ड के रूप में अत्यन्त प्रसिद्धि मिली। क्रमश: तत्कालीन अंग्रेजी मंच के सबसे बड़े अभिनेता माने जाने लगे। गंभीर से लेकर हास्य तक के प्रसंगों के अभिनय में अद्वितीय थे। इनका अभिनय देखने के लिये तत्कालीन श्रीमंतवर्ग तथा प्रसिद्ध व्यक्ति आते थे। आरंभ के छह मास में तो 18 प्रकार के विभिन्न चरित्रों का उन्होंने अविश्वसनीय रूप से सफल अभिनय किया। स्वयं रोम के पोप इनका अभिनय देखने तीन बार आए और कहा कि इनके बराबर दूसरा अभिनेता नहीं और न ही इनके समक्ष कोई हो सकेगा। अब वह डब्लिन तक मंच संचालक तथा निर्देशक के रूप में जाने लगे। जब कुछ दिनों बाद डूरी लेन का मंच बिका तब उसे इन्होंने खरीद लिया और सितंबर, 1747 में बड़े ही भव्य रूप में, मुझे हुए अभिनेताओं के दल के साथ अपना मंच आरंभ किया।[1]

जन्म

डेविड गैरिक का जन्म (19 फरवरी 1717) ई., फ्रेंच प्रोटेस्टेंट कुल में उनका जन्म हुआ। इन्होने आरंभ में मंच के आलोचक तथा नाटककार बनने की चेष्टा की।

इनकी महान सफलता के दो कारण बताए जाते हैं।

  1. फ्रांसीसी होकर भी अंग्रेजी में पारगंत होना दूसरे ऐसी पैनी दृष्टि जो जीवन और कला की विविधता को सहज ही ग्रहण कर लेती थी। त्रासदी (ट्रेजेडी) तथा कामदी (कामेडी) सभी प्रकार के नाटकों में पटु थे।
  2. शेक्सपियर के लगभग 17 चरित्रों के अभिनय के लिये विख्यात हुए। इन्होंने अंग्रेजी मंच के उन्नयन में बड़ा ही ऐतिहासिक कार्य किया। शेक्सपियर को लोकप्रिय बनाने में इनका बड़ा योग रहा है। इन्होंने शेक्सपियर के कामदी नाटकों के ओप्रा प्रस्तुत किए। पत्नी, इवा मारिया, जर्मन तथा अच्छी नर्तकी भी थी। अंतिम दिनों में अपना कारोबार भी बंद कर दिया।[1]

निधन

20 जनवरी, 1779 को लंदन में इनकी मृत्यु हुई। वहाँ ये वेस्टमिनिस्टर एबे में शेक्सपियर की मूर्ति के पदतल में दफना दिए गए।[1]


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टीका टिप्पणी और संदर्भ

  1. 1.0 1.1 1.2 'डेविड गैरिक (हिन्दी) भारतखोज। अभिगमन तिथि: 09 जून, 2015।

बाहरी कड़ियाँ

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