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+[[राजीव गाँधी खेल रत्न पुरस्कार]]
 
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|| [[चित्र:Rajiv-Gandhi-Khel-Ratna.jpg|80px|right|राजीव गाँधी खेल रत्न पुरस्कार]] राजीव गाँधी खेल रत्न पुरस्कार भारत का खेल जगत में दिया जाने वाला सर्वोच्च पुरस्कार है। इस पुरस्कार का नाम पूर्व प्रधानमन्त्री [[राजीव गाँधी]] के नाम पर रखा गया। यह पुरस्कार 1991-92 में शुरू किया गया। खेल के क्षेत्र में सराहना और जागरूकता के लिए इस पुरस्कार की स्थापना की गयी थी।{{point}}अधिक जानकारी के लिए देखें:- [[राजीव गाँधी खेल रत्न पुरस्कार]]
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|| [[चित्र:Rajiv-Gandhi-Khel-Ratna.jpg|80px|right|राजीव गाँधी खेल रत्न पुरस्कार]] राजीव गाँधी खेल रत्न पुरस्कार भारत का खेल जगत् में दिया जाने वाला सर्वोच्च पुरस्कार है। इस पुरस्कार का नाम पूर्व प्रधानमन्त्री [[राजीव गाँधी]] के नाम पर रखा गया। यह पुरस्कार 1991-92 में शुरू किया गया। खेल के क्षेत्र में सराहना और जागरूकता के लिए इस पुरस्कार की स्थापना की गयी थी।{{point}}अधिक जानकारी के लिए देखें:- [[राजीव गाँधी खेल रत्न पुरस्कार]]
  
 
{[[हिमालय]] का एक भाग जिसका नाम 'कलिन्द' है, वहाँ से कौन-सी नदी निकलती है?
 
{[[हिमालय]] का एक भाग जिसका नाम 'कलिन्द' है, वहाँ से कौन-सी नदी निकलती है?
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+[[बैडमिंटन]]
 
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-[[खो-खो]]
 
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||[[चित्र:Racket-Shuttlecock.jpg|बैडमिंटन|100px|right]] बैडमिंटन रैकेट से खेला जाने वाला एक अंतर्राष्ट्रीय खेल है। [[बैडमिंटन]] महान उत्साह और रोमांच का खेल है, क्योंकि एक छोटी सी चिड़िया या शटलकॉक एक मैच में जीत या हार के बिंदु के लिए महत्त्वपूर्ण मानी जाती है। बैडमिंटन खेल को 'पूना' के नाम से भी जाना जाता है।{{point}}अधिक जानकारी के लिए देखें:-[[बैडमिंटन]]
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||[[चित्र:Racket-Shuttlecock.jpg|बैडमिंटन|100px|right]] बैडमिंटन रैकेट से खेला जाने वाला एक अंतर्राष्ट्रीय खेल है। [[बैडमिंटन]] महान् उत्साह और रोमांच का खेल है, क्योंकि एक छोटी सी चिड़िया या शटलकॉक एक मैच में जीत या हार के बिंदु के लिए महत्त्वपूर्ण मानी जाती है। बैडमिंटन खेल को 'पूना' के नाम से भी जाना जाता है।{{point}}अधिक जानकारी के लिए देखें:-[[बैडमिंटन]]
  
 
{[[रामायण]] के अनुसार उस गुप्तचर का क्या नाम था, जिसके कहने पर [[श्रीराम]] ने [[सीता]] का परित्याग कर दिया?
 
{[[रामायण]] के अनुसार उस गुप्तचर का क्या नाम था, जिसके कहने पर [[श्रीराम]] ने [[सीता]] का परित्याग कर दिया?
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+[[बनास नदी|बनास]]
 
+[[बनास नदी|बनास]]
 
-[[चम्बल नदी|चम्बल]]
 
-[[चम्बल नदी|चम्बल]]
||[[चित्र:Banas-River.jpg|right|120px|बनास नदी]]'बनास नदी' [[राजस्थान]], पश्चिमोत्तर भारत में प्रवाहित होने वाली नदी है। यह [[चम्बल नदी]] की सहायक नदी है। [[बनास नदी|बनास]] एक मात्र ऐसी नदी है, जो अपना संपूर्ण चक्र राजस्थान में ही पूरा करती है। 'बनास' अर्थात "वन की आशा" के रूप में जानी जाने वाली यह नदी [[उदयपुर ज़िला|उदयपुर ज़िले]] के [[अरावली पर्वतश्रेणी|अरावली पर्वत श्रेणियों]] में [[कुंभलगढ़ उदयपुर|कुंभलगढ़]] के पास खमनौर की पहाड़ियों से निकलती है। बनास को मौसमी नदी के रूप में जाना जाता है। यह गर्मी के समय अक्सर सूखी रहती है, लेकिन इसके बावजूद यह सिचाई का मुख्य स्रोत है। इसकी समूची घाटी में [[मिट्टी]] के बहाव से कई स्थानों में अनुपजाऊ भूमि का निर्माण हो गया है।{{point}}अधिक जानकारी के लिए देखें:-[[बनास नदी]]
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||[[चित्र:Banas-River.jpg|right|120px|बनास नदी]]'बनास नदी' [[राजस्थान]], पश्चिमोत्तर भारत में प्रवाहित होने वाली नदी है। यह [[चम्बल नदी]] की सहायक नदी है। [[बनास नदी|बनास]] एक मात्र ऐसी नदी है, जो अपना संपूर्ण चक्र राजस्थान में ही पूरा करती है। 'बनास' अर्थात् "वन की आशा" के रूप में जानी जाने वाली यह नदी [[उदयपुर ज़िला|उदयपुर ज़िले]] के [[अरावली पर्वतश्रेणी|अरावली पर्वत श्रेणियों]] में [[कुंभलगढ़ उदयपुर|कुंभलगढ़]] के पास खमनौर की पहाड़ियों से निकलती है। बनास को मौसमी नदी के रूप में जाना जाता है। यह गर्मी के समय अक्सर सूखी रहती है, लेकिन इसके बावजूद यह सिचाई का मुख्य स्रोत है। इसकी समूची घाटी में [[मिट्टी]] के बहाव से कई स्थानों में अनुपजाऊ भूमि का निर्माण हो गया है।{{point}}अधिक जानकारी के लिए देखें:-[[बनास नदी]]
  
 
{[[गुप्त काल]] में निर्मित [[बुद्ध|भगवान बुद्ध]] की कांस्य प्रतिमा कहाँ से प्राप्त हुई है?
 
{[[गुप्त काल]] में निर्मित [[बुद्ध|भगवान बुद्ध]] की कांस्य प्रतिमा कहाँ से प्राप्त हुई है?
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+[[वीणा]]
 
+[[वीणा]]
 
-[[बाँसुरी]]
 
-[[बाँसुरी]]
||[[चित्र:Ravana-Ramlila-Mathura-2.jpg|right|120px|रामलीला में रावण]]'रावण' [[रामायण]] का एक विशेष पात्र है। वह स्वर्ण नगरी [[लंका]] का राजा था। [[रावण]] अपने दस सिरों के कारण भी जाना जाता था, जिस कारण उसका एक अन्य नाम 'दशानन' अर्थात 'दस मुख वाला' भी था। किसी भी कृति के लिये अच्छे पात्रों के साथ ही साथ बुरे पात्रों का होना अति आवश्यक है। किन्तु रावण में अवगुण की अपेक्षा गुण अधिक थे। जीतने वाला हमेशा अपने को उत्तम लिखता है, अतः [[रावण]] को बुरा कहा गया है। रावण को चारों [[वेद|वेदों]] का ज्ञाता कहा गया है। [[संगीत]] के क्षेत्र में भी रावण की विद्वता अपने समय में अद्वितीय मानी जाती थी। [[वीणा]] बजाने में रावण सिद्धहस्त था। उसने एक [[वाद्य यंत्र|वाद्य]] भी बनाया था, जो आज के 'बेला' या '[[वायलिन]]' का ही मूल और प्रारम्भिक रूप है। इस वाद्य को '[[रावणहत्था]]' कहते हैं।{{point}}अधिक जानकारी के लिए देखें:-[[रावण]]
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||[[चित्र:Ravana-Ramlila-Mathura-2.jpg|right|120px|रामलीला में रावण]]'रावण' [[रामायण]] का एक विशेष पात्र है। वह स्वर्ण नगरी [[लंका]] का राजा था। [[रावण]] अपने दस सिरों के कारण भी जाना जाता था, जिस कारण उसका एक अन्य नाम 'दशानन' अर्थात् 'दस मुख वाला' भी था। किसी भी कृति के लिये अच्छे पात्रों के साथ ही साथ बुरे पात्रों का होना अति आवश्यक है। किन्तु रावण में अवगुण की अपेक्षा गुण अधिक थे। जीतने वाला हमेशा अपने को उत्तम लिखता है, अतः [[रावण]] को बुरा कहा गया है। रावण को चारों [[वेद|वेदों]] का ज्ञाता कहा गया है। [[संगीत]] के क्षेत्र में भी रावण की विद्वता अपने समय में अद्वितीय मानी जाती थी। [[वीणा]] बजाने में रावण सिद्धहस्त था। उसने एक [[वाद्य यंत्र|वाद्य]] भी बनाया था, जो आज के 'बेला' या '[[वायलिन]]' का ही मूल और प्रारम्भिक रूप है। इस वाद्य को '[[रावणहत्था]]' कहते हैं।{{point}}अधिक जानकारी के लिए देखें:-[[रावण]]
  
 
{सम्पूर्ण [[महाभारत]] में [[श्लोक|श्लोकों]] की संख्या कितनी है?
 
{सम्पूर्ण [[महाभारत]] में [[श्लोक|श्लोकों]] की संख्या कितनी है?
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||[[चित्र:Krishna-Arjuna.jpg|right|90px|महाभारत युद्ध में श्रीकृष्ण और अर्जुन]]'महाभारत' [[हिन्दू|हिन्दुओं]] का एक प्रमुख काव्य ग्रंथ है, जो [[हिन्दू धर्म]] के उन धर्म-ग्रन्थों का समूह है, जिनकी मान्यता श्रुति से नीची श्रेणी की हैं और जो मानवों द्वारा उत्पन्न थे। यह कृति हिन्दुओं के इतिहास की एक गाथा है। पूरे [[महाभारत]] में एक लाख [[श्लोक]] हैं। विद्वानों में महाभारत काल को लेकर विभिन्न मत हैं, फिर भी अधिकतर विद्वान महाभारत काल को 'लौहयुग' से जोड़ते हैं। महाभारत में वर्णित 'कुरुवंश' 1200 से 800 ईसा पूर्व के दौरान शक्ति में रहा होगा। पौराणिक मान्यता को देखें तो पता लगता है कि [[अर्जुन]] के पोते [[परीक्षित]] और [[महापद्मनंद]] का काल 382 ईसा पूर्व ठहरता है।{{point}}अधिक जानकारी के लिए देखें:-[[महाभारत]]
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||[[चित्र:Krishna-Arjuna.jpg|right|90px|महाभारत युद्ध में श्रीकृष्ण और अर्जुन]]'महाभारत' [[हिन्दू|हिन्दुओं]] का एक प्रमुख काव्य ग्रंथ है, जो [[हिन्दू धर्म]] के उन धर्म-ग्रन्थों का समूह है, जिनकी मान्यता श्रुति से नीची श्रेणी की हैं और जो मानवों द्वारा उत्पन्न थे। यह कृति हिन्दुओं के इतिहास की एक गाथा है। पूरे [[महाभारत]] में एक लाख [[श्लोक]] हैं। विद्वानों में महाभारत काल को लेकर विभिन्न मत हैं, फिर भी अधिकतर विद्वान् महाभारत काल को 'लौहयुग' से जोड़ते हैं। महाभारत में वर्णित 'कुरुवंश' 1200 से 800 ईसा पूर्व के दौरान शक्ति में रहा होगा। पौराणिक मान्यता को देखें तो पता लगता है कि [[अर्जुन]] के पोते [[परीक्षित]] और [[महापद्मनंद]] का काल 382 ईसा पूर्व ठहरता है।{{point}}अधिक जानकारी के लिए देखें:-[[महाभारत]]
  
 
{सर्गों की गणना करने पर सम्पूर्ण [[रामायण]] में कितने सर्ग मिलते हैं?
 
{सर्गों की गणना करने पर सम्पूर्ण [[रामायण]] में कितने सर्ग मिलते हैं?
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-[[मौलाना अबुल कलाम आज़ाद]]
 
-[[मौलाना अबुल कलाम आज़ाद]]
 
-[[जवाहरलाल नेहरू]]
 
-[[जवाहरलाल नेहरू]]
||[[चित्र:Lala-Lajpat-Rai.jpg|right|100px|लाला लाजपत राय]]'लाला लाजपत राय' को [[भारत]] के महान क्रांतिकारियों में गिना जाता है। आजीवन ब्रिटिश राजशक्ति का सामना करने वाले [[लाला लाजपत राय]] 'पंजाब केसरी' भी कहे जाते हैं। वे उच्च कोटि के राजनीतिक नेता ही नहीं थे, अपितु ओजस्वी लेखक और प्रभावशाली वक्ता भी थे। '[[बंगाल की खाड़ी]]' में हज़ारों मील दूर मांडले जेल में लाला लाजपत राय का किसी से भी किसी प्रकार का कोई संबंध या संपर्क नहीं था। अपने इस समय का उपयोग उन्होंने लेखन कार्य में किया। लालाजी ने भगवान [[श्रीकृष्ण]], [[अशोक]], [[शिवाजी]], [[स्वामी दयानंद सरस्वती]], [[गुरुदत्त]], मत्सीनी और गैरीबाल्डी की संक्षिप्त जीवनियाँ भी लिखी। 'नेशनल एजुकेशन', 'अनहैप्पी इंडिया' और 'द स्टोरी ऑफ़ माई डिपोर्डेशन' उनकी अन्य महत्त्वपूर्ण रचनाएँ हैं। उन्होंने 'पंजाबी', 'वंदे मातरम्‌' ([[उर्दू]]) में और 'द पीपुल' इन तीन समाचार पत्रों की स्थापना करके इनके माध्यम से देश में 'स्वराज' का प्रचार किया।{{point}}अधिक जानकारी के लिए देखें:-[[लाला लाजपत राय]]
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||[[चित्र:Lala-Lajpat-Rai.jpg|right|100px|लाला लाजपत राय]]'लाला लाजपत राय' को [[भारत]] के महान् क्रांतिकारियों में गिना जाता है। आजीवन ब्रिटिश राजशक्ति का सामना करने वाले [[लाला लाजपत राय]] 'पंजाब केसरी' भी कहे जाते हैं। वे उच्च कोटि के राजनीतिक नेता ही नहीं थे, अपितु ओजस्वी लेखक और प्रभावशाली वक्ता भी थे। '[[बंगाल की खाड़ी]]' में हज़ारों मील दूर मांडले जेल में लाला लाजपत राय का किसी से भी किसी प्रकार का कोई संबंध या संपर्क नहीं था। अपने इस समय का उपयोग उन्होंने लेखन कार्य में किया। लालाजी ने भगवान [[श्रीकृष्ण]], [[अशोक]], [[शिवाजी]], [[स्वामी दयानंद सरस्वती]], [[गुरुदत्त]], मत्सीनी और गैरीबाल्डी की संक्षिप्त जीवनियाँ भी लिखी। 'नेशनल एजुकेशन', 'अनहैप्पी इंडिया' और 'द स्टोरी ऑफ़ माई डिपोर्डेशन' उनकी अन्य महत्त्वपूर्ण रचनाएँ हैं। उन्होंने 'पंजाबी', 'वंदे मातरम्‌' ([[उर्दू]]) में और 'द पीपुल' इन तीन समाचार पत्रों की स्थापना करके इनके माध्यम से देश में 'स्वराज' का प्रचार किया।{{point}}अधिक जानकारी के लिए देखें:-[[लाला लाजपत राय]]
  
 
{[[गुप्त वंश]] का संस्थापक कौन था?
 
{[[गुप्त वंश]] का संस्थापक कौन था?
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-[[महात्मा गाँधी]]
 
-[[महात्मा गाँधी]]
 
-[[जवाहरलाल नेहरू]]
 
-[[जवाहरलाल नेहरू]]
||[[चित्र:Sardar-Vallabh-Bhai-Patel.jpg|सरदार वल्लभ भाई पटेल|100px|right]] 'सरदार वल्लभ भाई पटेल' का उपनाम सरदार पटेल है। स्वतंत्रता प्राप्ति के बाद क़रीब पाँच सौ से भी ज़्यादा देसी रियासतों का एकीकरण सबसे बड़ी समस्या थी। कुशल कूटनीति और जरूरत पड़ने पर सैन्य हस्तक्षेप के जरिए सरदार पटेल ने उन अधिकांश रियासतों को [[तिरंगा|तिरंगे]] के तले लाने में सफलता प्राप्त की। इसी उपलब्धि के चलते सरदार पटेल को '''लौह पुरुष''' या '''भारत का बिस्मार्क''' की उपाधि से सम्मानित किया गया। {{point}}अधिक जानकारी के लिए देखें:-[[सरदार पटेल]]  
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||[[चित्र:Sardar-Vallabh-Bhai-Patel.jpg|सरदार वल्लभ भाई पटेल|100px|right]] 'सरदार वल्लभ भाई पटेल' का उपनाम सरदार पटेल है। स्वतंत्रता प्राप्ति के बाद क़रीब पाँच सौ से भी ज़्यादा देसी रियासतों का एकीकरण सबसे बड़ी समस्या थी। कुशल कूटनीति और ज़रूरत पड़ने पर सैन्य हस्तक्षेप के जरिए सरदार पटेल ने उन अधिकांश रियासतों को [[तिरंगा|तिरंगे]] के तले लाने में सफलता प्राप्त की। इसी उपलब्धि के चलते सरदार पटेल को '''लौह पुरुष''' या '''भारत का बिस्मार्क''' की उपाधि से सम्मानित किया गया। {{point}}अधिक जानकारी के लिए देखें:-[[सरदार पटेल]]  
  
 
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3 "दु:ख में सुमिरन सब करें, सुख में करे न कोय" यह पंक्ति किसने कही है?

मीराबाई
सूरदास
तुलसीदास
कबीरदास

4 गंगा नदी को बांग्लादेश में किस नाम से जाना जाता है?

पद्मा
यमुना
मेघता
सांगपो

6 भारत का सर्वोच्च खेल पुरस्कार कौन सा है?

अर्जुन पुरस्कार
केके बिरला फाउंडेशन खेल पुरस्कार
राजीव गाँधी खेल रत्न पुरस्कार
भारत रत्न

7 हिमालय का एक भाग जिसका नाम 'कलिन्द' है, वहाँ से कौन-सी नदी निकलती है?

गंगा
यमुना
नीलांजना
रामगंगा

8 'थॉमस कप' किस खेल से संबंधित है?

क्रिकेट
टेनिस
बैडमिंटन
खो-खो

9 रामायण के अनुसार उस गुप्तचर का क्या नाम था, जिसके कहने पर श्रीराम ने सीता का परित्याग कर दिया?

सुमालि
मणिभान
दुर्मुख
छंदक

10 महाभारत में सूर्य के उत्तरायण होने पर ही किसने अपने प्राणों का त्याग किया था?

द्रोणाचार्य
भीष्म
कर्ण
पाण्डु

11 भारत की किस नदी को वन की आशा कहा जाता है?

लूनी
बाणगंगा
बनास
चम्बल

12 गुप्त काल में निर्मित भगवान बुद्ध की कांस्य प्रतिमा कहाँ से प्राप्त हुई है?

सुल्तानगंज
बोध गया
अजंता
मथुरा

13 बौद्धों की रामायण 'बुद्धचरित' के रचनाकार कौन हैं?

वसुमित्र
बुद्धघोष
अश्वघोष
नागार्जुन

14 महाभारत युद्ध में कर्ण के सारथी का नाम क्या था?

शल्य
अधिरथ
श्रुतकीर्ति
दुर्योधन

15 भारत के किस राज्य की राजधानी रेलवे के सम्पर्क में नहीं है?

त्रिपुरा
उड़ीसा
हिमाचल प्रदेश
मध्य प्रदेश

16 'वीसलदेव रासो' के रचनाकार का नाम क्या हैं?

जगनिक
नरपति नाल्ह
चन्दबरदाई
प्रेमचन्द

18 सर्वप्रथम कपास का संकर बीज किस देश ने तैयार किया था?

भारत
संयुक्त राज्य अमरीका
चीन
मिस्र

19 रावण किस वाद्य को बजाने में निपुण था?

सितार
सारंगी
वीणा
बाँसुरी

20 सम्पूर्ण महाभारत में श्लोकों की संख्या कितनी है?

एक लाख
91 हज़ार
81 हज़ार
51 हज़ार

21 सर्गों की गणना करने पर सम्पूर्ण रामायण में कितने सर्ग मिलते हैं?

621
651
645
655

22 कार्बन का सर्वाधिक शुद्ध रूप है?

कोयला
चारकोल
हीरा
ग्रेफाइट

27 मध्य प्रदेश की सर्वाधिक जनसंख्या वाली जनजाति कौन-सी है?

गोंड
भील
कोरबा
उरांव

29 युधिष्ठिर के राजसूय यज्ञ में ब्राह्मणों के चरण धोने का कार्य किसने किया?

नकुल ने
सहदेव ने
धृष्टद्युम्न ने
श्रीकृष्ण ने

30 बिहारी लाल किस काल के कवि थे?

वीरगाथा काल
भक्तिकाल
रीतिकाल
आधुनिक काल

31 'भारत का बिस्मार्क' किसे कहा जाता है?

सुभाष चंद्र बोस
सरदार पटेल
महात्मा गाँधी
जवाहरलाल नेहरू


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