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*अन्त में सोने से बने पुष्पों एवं एक गाय का दान कर कर्ता अपनी पत्नी एवं पुत्रों के साथ आनन्द पाता है।<ref>कृत्यकल्पतरु (व्रत0 40-41</ref>; <ref>हेमाद्रि (व्रत0 1, 381-382, भविष्यपुराण 1|19|81-89 से उद्धरण</ref>
 
 
 
 
  
  
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12:52, 27 जुलाई 2011 के समय का अवतरण

  • भारत में धार्मिक व्रतों का सर्वव्यापी प्रचार रहा है। यह हिन्दू धर्म ग्रंथों में उल्लिखित हिन्दू धर्म का एक व्रत संस्कार है।
  • यह व्रत कार्तिक शुक्ल द्वितीया से आरम्भ किया जाता है।
  • तिथिव्रत; एक वर्ष; देवता अश्विनीकुमार; प्रत्येक शुक्ल द्वितीया पर देवी पूजा में प्रयुक्त पुष्पों को खाया जाता है।
  • अन्त में सोने से बने पुष्पों एवं एक गाय का दान कर कर्ता अपनी पत्नी एवं पुत्रों के साथ आनन्द पाता है।[1]; [2]

 


टीका टिप्पणी और संदर्भ

  1. कृत्यकल्पतरु (व्रत0 40-41
  2. हेमाद्रि (व्रत0 1, 381-382, भविष्यपुराण 1|19|81-89 से उद्धरण

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