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*दूसरे दिन 'रवि' नाम पर सूर्य पूजा करनी चाहिए।  
 
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*इसी प्रकार वर्ष भर प्रत्येक मास में दो दिनों की विधि तथा एक दिन एक गाय को घास आदि खिलाना चाहिए।  
 
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12:58, 27 जुलाई 2011 के समय का अवतरण

  • भारत में धार्मिक व्रतों का सर्वव्यापी प्रचार रहा है। यह हिन्दू धर्म ग्रंथों में उल्लिखित हिन्दू धर्म का एक व्रत संस्कार है
  • यह व्रत पौष शुक्ल सप्तमी से प्रारम्भ होता है।
  • उस दिन उपवास; 'मार्तण्ड' नाम लेते हुए सूर्य पूजा करता है।
  • अपने को शुद्ध करने के लिए कर्ता को गोमूत्र या गोबर या दही या दूध ग्रहण करना चाहिए।
  • दूसरे दिन 'रवि' नाम पर सूर्य पूजा करनी चाहिए।
  • इसी प्रकार वर्ष भर प्रत्येक मास में दो दिनों की विधि तथा एक दिन एक गाय को घास आदि खिलाना चाहिए।
  • ऐसी मान्यता है कि ऐसा करने से सूर्य लोक की प्राप्ति होती है।[1]; [2], [3]

 



टीका टिप्पणी और संदर्भ

  1. भविष्य पुराण (1|109|1-13
  2. हेमाद्रि (वत0 1, 75ा है।-755
  3. कृत्यकल्पतरु (नैयतकालिक काण्ड, 147-148

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