एक्स्प्रेशन त्रुटि: अनपेक्षित उद्गार चिन्ह "१"।

"मूल नक्षत्र" के अवतरणों में अंतर

भारत डिस्कवरी प्रस्तुति
यहाँ जाएँ:भ्रमण, खोजें
छो (Text replace - "खाली" to "ख़ाली")
 
(3 सदस्यों द्वारा किये गये बीच के 3 अवतरण नहीं दर्शाए गए)
पंक्ति 1: पंक्ति 1:
 +
मूल नक्षत्र के चारों चरण धनु राशि में आते हैं। यह ये ये भा भी के नाम से जाना जाता है।
 
<poem>अर्थ - जड़
 
<poem>अर्थ - जड़
 
देव - निरित्ती</poem>
 
देव - निरित्ती</poem>
*मूल नक्षत्र के चारों चरण धनु राशि में आते हैं।
+
*नक्षत्र का स्वामी [[केतु देव|केतु]] है। वहीं राशि स्वामी गुरु है।  
*यह ये ये भा भी के नाम से जाना जाता है।
 
*नक्षत्र का स्वामी केतु है।  
 
*वहीं राशि स्वामी गुरु है।  
 
 
*मूल में राक्षसों का व्रत और पूजन किया जाता है।
 
*मूल में राक्षसों का व्रत और पूजन किया जाता है।
 
*मूल नक्षत्र के [[देवता]] केतु  को माना जाता है|  
 
*मूल नक्षत्र के [[देवता]] केतु  को माना जाता है|  
*साल के पेड़ को मूल नक्षत्र का प्रतीक माना जाता है और मूल नक्षत्र में जन्म लेने वाले लोग साल वृक्ष की पूजा करते है।  
+
*[[साल वृक्ष|साल]] के पेड़ को मूल नक्षत्र का प्रतीक माना जाता है और मूल नक्षत्र में जन्म लेने वाले लोग साल वृक्ष की पूजा करते है।  
*इस नक्षत्र में जन्म लेने वाले लोग अपने घर के ख़ाली हिस्से में साल के पेड को लगाते है
+
*इस नक्षत्र में जन्म लेने वाले लोग अपने घर के ख़ाली हिस्से में साल के पेड को लगाते हैं।
{{प्रचार}}
+
 
{{लेख प्रगति
+
 
|आधार=आधार1
+
{{लेख प्रगति |आधार= |प्रारम्भिक=प्रारम्भिक1 |माध्यमिक= |पूर्णता= |शोध= }}
|प्रारम्भिक=
 
|माध्यमिक=
 
|पूर्णता=
 
|शोध=
 
}}
 
{{संदर्भ ग्रंथ}}
 
 
==टीका टिप्पणी और संदर्भ==
 
==टीका टिप्पणी और संदर्भ==
 
<references/>
 
<references/>
 
==संबंधित लेख==
 
==संबंधित लेख==
 
{{नक्षत्र}}
 
{{नक्षत्र}}
{{काल गणना}}
 
 
[[Category:ग्रह-नक्षत्र ज्योतिष]]
 
[[Category:ग्रह-नक्षत्र ज्योतिष]]
 
[[Category:पौराणिक_कोश]]
 
[[Category:पौराणिक_कोश]]
[[Category:नया पन्ना]]
+
[[Category:काल गणना]]
 
__INDEX__
 
__INDEX__

07:52, 9 मई 2013 के समय का अवतरण

मूल नक्षत्र के चारों चरण धनु राशि में आते हैं। यह ये ये भा भी के नाम से जाना जाता है।

अर्थ - जड़
देव - निरित्ती

  • नक्षत्र का स्वामी केतु है। वहीं राशि स्वामी गुरु है।
  • मूल में राक्षसों का व्रत और पूजन किया जाता है।
  • मूल नक्षत्र के देवता केतु को माना जाता है|
  • साल के पेड़ को मूल नक्षत्र का प्रतीक माना जाता है और मूल नक्षत्र में जन्म लेने वाले लोग साल वृक्ष की पूजा करते है।
  • इस नक्षत्र में जन्म लेने वाले लोग अपने घर के ख़ाली हिस्से में साल के पेड को लगाते हैं।


पन्ने की प्रगति अवस्था
आधार
प्रारम्भिक
माध्यमिक
पूर्णता
शोध

टीका टिप्पणी और संदर्भ

संबंधित लेख