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05:53, 20 अगस्त 2011 का अवतरण

अर्थ - विभाजित शाखा
देव - इन्द्र व अग्नि

  • विशाखा नक्षत्र आकाश मंडल में 16वाँ नक्षत्र है।
  • इसके तीनों चरण तुला राशि में आते हैं।
  • विशाखा नक्षत्र का स्वामी गुरु है।
  • वहीं राशि स्वामी शुक्र है। नक्षत्र स्वामी की दशा 16 वर्ष की होती है।
  • विशाखा नक्षत्र का अंतिम चरण मंगल की वृश्चिक राशि में आता है। इसे तो नाम अक्षर से पहचाना जाता है।
  • जहाँ नक्षत्र स्वामी गुरु है तो राशि स्वामी मंगल गुरु मंगल का युतियाँ दृष्टि संबंध उस जातक के लिए उत्तम फलदायी होती हैं।
  • विशाखा नक्षत्र के देवता वृहस्पति को माना जाता है।
  • विकंकत के पेड को विशाखा नक्षत्र का प्रतीक माना जाता है और विशाखा नक्षत्र में जन्म लेने वाले लोग विकंकत वृक्ष की पूजा करते है।
  • इस नक्षत्र में जन्म लेने वाले लोग अपने घर के ख़ाली हिस्से में विकंकत के पेड को लगाते है।



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टीका टिप्पणी और संदर्भ

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