"श्री शैल शक्तिपीठ" के अवतरणों में अंतर

भारत डिस्कवरी प्रस्तुति
यहाँ जाएँ:भ्रमण, खोजें
 
(एक अन्य सदस्य द्वारा किये गये बीच के 2 अवतरण नहीं दर्शाए गए)
पंक्ति 1: पंक्ति 1:
 +
{{सूचना बक्सा मन्दिर
 +
|चित्र=Shri-Sailam-Shakti-Peeth.jpg
 +
|चित्र का नाम=श्री शैल शक्तिपीठ
 +
|वर्णन=[[आंध्र प्रदेश]] में स्थित 'श्री शैल शक्तिपीठ' [[भारतवर्ष]] के अज्ञात 108 एवं ज्ञात [[शक्तिपीठ|51 पीठों]] में से एक है। इसका [[हिन्दू धर्म]] में बड़ा ही महत्त्व है।
 +
|स्थान=[[कुर्नूल]] के निकट, [[आंध्र प्रदेश]]
 +
|निर्माता=
 +
|जीर्णोद्धारक=
 +
|निर्माण काल=
 +
|देवी-देवता=[[सती]] 'महालक्ष्मी' तथा [[शिव]] 'संवरानंद' अथवा 'ईश्वरानंद'।
 +
|वास्तुकला=
 +
|भौगोलिक स्थिति=
 +
|संबंधित लेख=[[शक्तिपीठ]], [[सती]]
 +
|शीर्षक 1=पौराणिक मान्यता
 +
|पाठ 1=मान्यतानुसार यह माना जाता है कि इस स्थान पर [[सती|देवी सती]] की 'ग्रीवा' का पतन हुआ था।
 +
|शीर्षक 2=
 +
|पाठ 2=
 +
|अन्य जानकारी=श्री शैल को "दक्षिण का कैलास" और साथ ही '[[ब्रह्मगिरि]]' भी कहते हैं।
 +
|बाहरी कड़ियाँ=
 +
|अद्यतन=
 +
}}
 +
 
'''श्री शैल शक्तिपीठ''' [[शक्तिपीठ|51 शक्तिपीठों]] में से एक है। [[हिन्दू धर्म]] के [[पुराण|पुराणों]] के अनुसार जहां-जहां [[सती]] के अंग के टुकड़े, धारण किए [[वस्त्र]] या [[आभूषण]] गिरे, वहां-वहां शक्तिपीठ अस्तित्व में आये। ये अत्यंत पावन [[तीर्थ स्थान|तीर्थस्थान]] कहलाये। ये तीर्थ पूरे भारतीय उपमहाद्वीप पर फैले हुए हैं। देवीपुराण में [[शक्तिपीठ|51 शक्तिपीठों]] का वर्णन है।
 
'''श्री शैल शक्तिपीठ''' [[शक्तिपीठ|51 शक्तिपीठों]] में से एक है। [[हिन्दू धर्म]] के [[पुराण|पुराणों]] के अनुसार जहां-जहां [[सती]] के अंग के टुकड़े, धारण किए [[वस्त्र]] या [[आभूषण]] गिरे, वहां-वहां शक्तिपीठ अस्तित्व में आये। ये अत्यंत पावन [[तीर्थ स्थान|तीर्थस्थान]] कहलाये। ये तीर्थ पूरे भारतीय उपमहाद्वीप पर फैले हुए हैं। देवीपुराण में [[शक्तिपीठ|51 शक्तिपीठों]] का वर्णन है।
*[[आंध्र प्रदेश]] की राजधानी [[हैदराबाद]] से 250 कि.मी. दूर कुर्नूल के पास श्री शैलम है, जहाँ सती की ग्रीवा का पतन हुआ था।  
+
 
 +
*[[आंध्र प्रदेश]] की राजधानी [[हैदराबाद]] से 250 कि.मी. दूर [[कुर्नूल]] के पास श्री शैलम है, जहाँ [[सती]] की 'ग्रीवा' का पतन हुआ था।  
 
*यहाँ की सती 'महालक्ष्मी' तथा शिव 'संवरानंद' अथवा 'ईश्वरानंद' हैं।  
 
*यहाँ की सती 'महालक्ष्मी' तथा शिव 'संवरानंद' अथवा 'ईश्वरानंद' हैं।  
*श्री शैल को दक्षिण का कैलास कहते हैं तथा [[ब्रह्मगिरि]] भी कहते हैं।  
+
*श्री शैल को "दक्षिण का कैलास" और साथ ही '[[ब्रह्मगिरि]]' भी कहते हैं।  
*यहीं शिव का [[मल्लिकार्जुन ज्योतिर्लिंग]] है।  
+
*इसी स्थान पर भगवान [[शिव]] का [[मल्लिकार्जुन ज्योतिर्लिंग]] है।  
*वहाँ से 7 कि.मी. पश्चिम में भ्रमराम्बा देवी का मंदिर है, जिसे शक्तिपीठ माना जाता है।  
+
*7 कि.मी. पश्चिम में भ्रमराम्बा देवी का मंदिर है, जिसे [[शक्तिपीठ]] माना जाता है।  
*यहाँ का निकटस्थ रेलवे स्टेशन मरकापुर रोड है तथा निकटस्थ वायुयान अड्डा हैदराबाद है।
+
*यहाँ का निकटस्थ रेलवे स्टेशन मरकापुर रोड है तथा निकटस्थ वायुयान अड्डा [[हैदराबाद]] है।
  
 
{{लेख प्रगति|आधार=|प्रारम्भिक=प्रारम्भिक1 |माध्यमिक= |पूर्णता= |शोध= }}
 
{{लेख प्रगति|आधार=|प्रारम्भिक=प्रारम्भिक1 |माध्यमिक= |पूर्णता= |शोध= }}
पंक्ति 11: पंक्ति 33:
 
<references/>
 
<references/>
 
==बाहरी कड़ियाँ==
 
==बाहरी कड़ियाँ==
 +
*[http://www.charanamrit.info/Shakti.aspx?ID=33&CatID=12&Name=Shakti%20peeth Shaktipeeth]
 
==संबंधित लेख==
 
==संबंधित लेख==
{{शक्तिपीठ}}
+
{{शक्तिपीठ}}{{आंध्र प्रदेश के धार्मिक स्थल}}
[[Category:हिन्दू_धर्म]]
+
[[Category:हिन्दू_तीर्थ]][[Category:आंध्र_प्रदेश]][[Category:हिन्दू_मन्दिर]][[Category:हिन्दू_धर्म_कोश]]
[[Category:हिन्दू_तीर्थ]]
+
[[Category:धार्मिक_स्थल_कोश]][[Category:हिन्दू_धार्मिक_स्थल]][[Category:आंध्र_प्रदेश_के_धार्मिक_स्थल]][[Category:शक्तिपीठ]]
[[Category:आंध्र_प्रदेश]]
 
[[Category:हिन्दू_मन्दिर]]
 
[[Category:हिन्दू_धर्म_कोश]]
 
[[Category:धार्मिक_स्थल_कोश]]
 
[[Category:हिन्दू_धार्मिक_स्थल]]
 
[[Category:आंध्र_प्रदेश_के_धार्मिक_स्थल]]
 
[[Category:शक्तिपीठ]]
 
 
__INDEX__
 
__INDEX__

12:59, 5 अक्टूबर 2016 के समय का अवतरण

श्री शैल शक्तिपीठ
श्री शैल शक्तिपीठ
वर्णन आंध्र प्रदेश में स्थित 'श्री शैल शक्तिपीठ' भारतवर्ष के अज्ञात 108 एवं ज्ञात 51 पीठों में से एक है। इसका हिन्दू धर्म में बड़ा ही महत्त्व है।
स्थान कुर्नूल के निकट, आंध्र प्रदेश
देवी-देवता सती 'महालक्ष्मी' तथा शिव 'संवरानंद' अथवा 'ईश्वरानंद'।
संबंधित लेख शक्तिपीठ, सती
पौराणिक मान्यता मान्यतानुसार यह माना जाता है कि इस स्थान पर देवी सती की 'ग्रीवा' का पतन हुआ था।
अन्य जानकारी श्री शैल को "दक्षिण का कैलास" और साथ ही 'ब्रह्मगिरि' भी कहते हैं।

श्री शैल शक्तिपीठ 51 शक्तिपीठों में से एक है। हिन्दू धर्म के पुराणों के अनुसार जहां-जहां सती के अंग के टुकड़े, धारण किए वस्त्र या आभूषण गिरे, वहां-वहां शक्तिपीठ अस्तित्व में आये। ये अत्यंत पावन तीर्थस्थान कहलाये। ये तीर्थ पूरे भारतीय उपमहाद्वीप पर फैले हुए हैं। देवीपुराण में 51 शक्तिपीठों का वर्णन है।


पन्ने की प्रगति अवस्था
आधार
प्रारम्भिक
माध्यमिक
पूर्णता
शोध

टीका टिप्पणी और संदर्भ

बाहरी कड़ियाँ

संबंधित लेख