एक्स्प्रेशन त्रुटि: अनपेक्षित उद्गार चिन्ह "१"।

"सांख्य चन्द्रिका" के अवतरणों में अंतर

भारत डिस्कवरी प्रस्तुति
यहाँ जाएँ:भ्रमण, खोजें
 
छो (1 अवतरण)
(कोई अंतर नहीं)

08:18, 9 जुलाई 2010 का अवतरण

  • सांख्यकारिका की एक अर्वाचीन व्याख्या है जिसके व्याख्याकार नारायणतीर्थ हैं।
  • नारायणतीर्थ सत्रहवीं शती के हैं।
  • इन्हें अन्य भारतीय दर्शनों का भी अच्छा ज्ञान था।
  • सांख्य-चंद्रिका ही संभवत: एक मात्र व्याख्या है जिसमें छठी कारिका में 'सामान्यतस्तु दृष्टात' का अर्थ सामान्यतोदृष्ट अनुमान न लेकर 'सामान्यत: तु दृष्टात्' अर्थ में ही स्वीकार किया।

सम्बंधित लिंक